कोरोना इंफेक्शन के मामलों में पहले की तुलना में काफी राहत है। कोविड होने के बाद भी कुछ लोगों में लंबे समय बाद तक इसका असर देखा जाता है। कुछ लोगों में इंफेक्शन होने के बाद हार्ट की भी समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में अमेरिकन जर्नल ऑफ ओटोलार्नोलॉजी में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक कोरोना इंफेक्शन होने के एक महीने बाद तक वायरस कान में रहता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में।
कान को कर सकता है प्रभावित
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोविड वायरस और कान से जुड़ी समस्या के मरीजों का आपस में कनेक्शन हो सकता है। अगर आप कोविड संक्रमण का सामना कर चुके हैं और कान की किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो संभव है कि यह वायरस का असर हो सकता है। अगर आप ओटाइटिस मीडिया के मरीज हैं तो यह भी कोविड का प्रभाव हो सकता है। स्टडी के मुताबिक ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूजन (ओएमई) के मरीजों और कोरोना वायरस के बीच एक संबंध पाया गया।
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क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के मुताबिक कान की बीमारियों और कोविड इंफेक्शन का आपस में सीधेतौर पर एक संबंध है। चीन के वूशी हुइशान डिस्ट्रिक्ट पीपुल्स हॉस्पिटल के चेंगझोउ हान के मुताबिक ओएमई का कारण बनने वाला वायरस ओमिक्रॉन संक्रमण होने के एक महीने बाद भी मिडल ईयर में पाया जा सकता है। इसलिए कोविड होने के बाद आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना है। यह समस्या बच्चों में ज्यादा पाई जाती है।
कैसे करें बचाव?
- ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूजन से बचने के लिए आपको बिना चिकित्सक की सलाह के कान में तेल नहीं डालना चाहिए।
- इससे बचने के लिए आपको प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना है साथ ही कान की साफ सफाई भी रखनी है।
- इससे बचने के लिए सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें साथ ही ध्यान रखें कि नहाते समय कान में पानी न जाए।
- कान में इंफेक्शन होने पर इसे जरा भी नजरअंदाज नहीं करें।