International Day of Yoga 2023: दबी हुई नसों की समस्या पैर से लेकर सिर और गर्दन तक पूरे शरीर में हो सकती है। जिसके कारण सूजन और गंभीर दर्द की समस्या होती है। नस दबने की समस्या तब होता है जब आपके शरीर किसी अंग की नस दबने से खून रुकने और जमा होने लगता है। अक्सर हम हाथ पैरों में सुन्नपन या पिन चुभने जैसी स्थिति का अनुभव करते हैं, यह स्थिति नस दबने और ब्लड सर्कुलेशन रुकने के कारण पैदा होती है। आमतौर पर यह समस्या अच्छे खानपान, एक्सरसाइज और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होने पर आसानी से ठीक हो जाती है, लेकिन जब नस दबने के कारण खून का संचार रुकने की समस्या कई दिनों तक बनी रहती है, तो इससे नसें ब्लॉक होने लगती हैं और उनमें सूजन पैदा होती है, जिससे गंभीर दर्द होता है।
दबी नस खोलने के लिए लोग तरह-तरह के घरेलु नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन फिर भी नसों में दर्द की समस्या बनी रहती है। अब सवाल यह है कि बंद नसें खोलने के लिए आप क्या कर सकते हैं? हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं, कि योग करने से शरीर, मांसपेशियों और नसें न सिर्फ स्ट्रेच होती हैं, बल्कि योग करने से इनमें लचीलापन बढ़ता है, सूजन कम होती है और ब्लड फ्लो भी बढ़ता है। लेकिन लोग अक्सर पूछते हैं, दबी हुई नस खोलने के लिए कौन से योगासन बेस्ट हैं? इस लेख में हम आपको दबी नस खोलने के लिए 3 योगासन (dabi hui naso ke liye yoga) बता रहे हैं।
दबी हुई नस के लिए योग- dabi hui naso ke liye yoga
1. अधोमुख श्वान आसन- Downward Facing Dog Pose
यह आसन नसों, मांसपेशियों को मजबूत बनता है, और ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है। यह नसों को स्ट्रेच करने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है।
कैसे करें:
- इसका अभ्यास करने के लिए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं, फिर जमीन पर नीचे और झुकें। इस दौरान अपने घुटने और हाथ एकदम सीधा रखें। इस दौरान अपनी शरीर का आकार धनुष की की तरह बनाएं।
- अब गहरी सांस लेते हुए कूल्हों पर भार या जोर डालें। हाथों जमीन पर टिकाएं, साथ ही कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपका सिर जमीन की ओर और आंखें पैरों की तरफ होनी चाहिए। इस मुद्रा में जितनी देर हो सके रहने का प्रयास करें।
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2. सुप्त पादांगुष्ठासन (Reclined Hand to Big Toe Pose)
यह आसन नसों और मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में बहुत लाभकारी है, जिससे यह उन्हें लचीला बनाने और सूजन कम करने में मदद करता है। नसों में दर्द की समस्या में इसका अभ्यास बहुत लाभकारी है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और दबी नसों को खोलने में मदद करता है।
कैसे करें:
- सुप्त पादांगुष्ठासन अभ्यास करने के लिए योग मैट पर शवासन मुद्रा में लेट जाएं। फिर धीरे-धीरे पैरों और पंजों स्ट्रेच करते हुए एड़ियों की मदद से पैरों को दबाएं। अपने घुटने को सीने तक लाएं। अपने दाएं पैर को छत की ओर स्ट्रेच करते हुए सीधी रखने की कोशिश करें।
- हाथों को सीधा रखें, अब कंधों की मदद से फर्श पर दबाव बनाने की कोशिश करें। उसके बाद पैर पर दबाव देते हुए आगे की ओर फैलाएं। ध्यान रखें कि आपको दाएं पैरों को स्ट्रेच करते समय टांग के पिछले हिस्से पर ज्यादा दबाव नही डालना है।
- अपने पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर से 90 डिग्री कोण बनाने की कोशिश करें। लेकिन आपका बायां हिप्स जमीन के संपर्क में रहना चाहिए। 30 सैकंड इस मुद्रा में रहें। अब पैरों को जमीन पर ले आएं और शवासन की मुद्रा में वापस आएं।
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3. भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन साइटिका नसों के दर्द को खोलने और दर्द से राहत प्रदान करने के साथ ही बैली फैट कम करने में भी लाभकारी है।
कैसे करें:
- इसका अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेटें। अब हाथों सिर के दोनों तरफ जमीन पर टिकाएं और हथेलियों को कंधों के बराबर ले जाएं। अब गहरी सांस लेते और हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं।
- उसके बाद सिर, फिर छाती और आखिर में पेट वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। अब सिर को ऊपर की ओर सांप के फन की तरह स्ट्रेच करें या खींचें। कुछ समय इस मुद्रा में रहें फिर वापस आ जाएं।
इन योगासनों का अभ्यास करने दबी नसों को खोलने में बहुत लाभकारी साबित हो सकता है, कोशिश करें कि कम से कम 30 मिनट इनका अभ्यास जरूर करें।
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