
Yoga For Bloating And Constipation In Hindi: पेट में गैस, ब्लोटिंग और कब्ज के साथ ही अन्य पेट संबंधी समस्याओं से लोग आए दिन परेशान रहते हैं। बहुत से लोगों को कुछ भी खाने के बाद पेट फूलने की समस्या होती है। पेट संबंधी समस्याओं का एक बड़ा कारण आपका खराब खानपान और पाचन तंत्र का ठीक से काम न करना है। जब आपका पाचन तंत्र भोजन को ठीक से पचा नहीं पाता है, तो इससे पेट संबंधी समस्याएं होती हैं। पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन फिर भी आराम नहीं मिलता है। लेकिन अगर लंबे समय तक यह पेट में गैस, ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या बनी रहती है, तो इससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। सिर में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, मतली और बवासीर आदि जैसी समस्याएं भी पेट खराब होने के कारण ही होती हैं। अब सवाल यह उठता है कि ब्लोटिंग और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
क्या आप जानते हैं पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास करना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! योग करने से सिर्फ ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या में ही राहत नहीं मिलती है, बल्कि यह आपके पाचन को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। इस लेख में हम आपको ब्लोटिंग और कब्ज के लिए 3 योगासन (Bloating Aur Kabj Ke Liye Yoga) बता रहे हैं।
ब्लोटिंग और कब्ज के लिए योग- Yoga For Bloating And Constipation In Hindi
1. भुजंगासन (Cobra Pose)
यह एक ऐसा योगासन है जो पैर की उंगलियों से लेकर सिर तक शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, पेट में गैस, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याओं के लिए यह एक रामबाण उपाय है।
- सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- इसके बाद हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन से टिका कर रखें।
- अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के बराबर ले जाएं।
- इसके बाद गहरी लंबी सांस लेते हुए हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं।
- इस क्रम में सबसे सिर, फिर छाती और आखिर में पेट वाले हिस्से को ऊपर उठाएं।
- सिर को ऊपर की तरफ सांप के फन की तरह से खींचे।
- कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और वापस शुरुआत की स्थिति में आयें।
- आप एक बार में 3 से 7 बार इसका अभ्यास कर सकते हैं।
2. विपरीत करनी (Legs Up the Wall Pose)
- इस आसन का अभ्यास करने से पेट की समस्याओं के साथ ही पीठ दर्द से छुटकारा पाने में भी मदद मिलता है।
- इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर से चिपका कर रखें।
- पूरे शरीर को शिथिल करें और धीरे-धीरे दोनों पैरों को उठाएं।
- जब तक 45 डिग्री का कोण न आ जाए तब तक पैरों को उठाएं।
- हाथों को कमर को सहारा देते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं।
- धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं। जब तक कि पैर एक सीधी रेखा में न आ जाएं। इस प्रक्रिया को करते समय ध्यान रहे कि कोहनियां जमीन पर टिकी रहेंगी।
- पीठ जमीन से लगभग 45 डिग्री उठी होनी चाहिए।
- यह मुद्रा ही विपरीत करनी है। इस मुद्रा को बनाए रखें। 30 से 60 सेकंड के लिए सांस लें।
- अब धीरे-धीरे हाथों से कमर को सहारा देते हुए पैरों को नीचे लाएं और कूल्हे को जमीन पर रखें।
3. धनुरासन (Bow Pose)
- इसका अभ्यास पेट के बल लेटकर किया जाता है। यह पेट की गैस को बाहर निकालने और पेट फूलने की समस्या को कम करने में प्रभावी है।
- मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अपने कूल्हों के नीचे थोड़ा गैप रखें और हाथों को सीधा रखें।
- अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए सांस छोड़ें। अपनी एड़ी को अपने हिप्स के पास लाएं।
- अब धनुषाकार होते हुए, अपने पैरों की उंगलियों को हाथों से पकड़ें।
- गहरी सांस लेते हुए छाती को जमीन से ऊपर उठाएं।
- पैरों को खींचते हुए अपने पेट के वजन का संतुलन बनाए रखें और अपने सिर को बिल्कुल सीधा रखें।
- शरीर के लचीलेपन के आधार पर अपने शरीर को स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
- 30 सेकेंड्स के लिए मुद्रा में रहें, फिर सामान्य पोजीशन में वापस आ जाएं। इसे 4-5 बार दोहराएं।
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