क्या याेगासनाें से दिमाग काे शांत रखा जा सकता है? क्या नियमित रूप से याेगासन करके शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता काे बढ़ाया जा सकता है? राेजाना याेगा करके आप अपने संपूर्ण स्वास्थ्य काे स्वस्थ रख सकते हैं। एक स्वस्थ शरीर के लिए आपकाे अपनी जीवनशैली में याेगा काे जरूर शामिल करना चाहिए। उत्तानासन, पश्चिमाेत्तानासन, सर्वांगासन और धनुरासन ऐसे याेगासन हैं, जिनके राेजाना अभ्यास से आप अपने दिमाग काे शांत रख सकते हैं। साथ ही यह स्ट्रेस, टेंशन काे भी कम करता है। ये सभी याेगासन एंग्जायटी, डिप्रेशन की समस्या से भी छुटकारा दिलाते हैं। इतना ही नहीं यह आपकी इम्यूनिटी काे भी बढ़ाता है। इसका मतलब यह है कि आप इन याेगासनाें से दिमाग काे शांत रखने के साथ ही इम्यूनिटी काे भी बढ़ा सकते हैं। जानें इन याेगासनाें के लाभ, सावधानियां और करने का तरीका-
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1. उत्तानासन (Uttanasana)
संस्कृत में उत्तानासन का अर्थ हाेता है, जाेर से स्ट्रेचिंग करने वाला आसन। इस आसन काे स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड के नाम से भी जाना जाता है। इन आसनाें के राेजाना अभ्यास से आपका मन, दिमाग शांत रहेगा। साथ ही यह राेग प्रतिराेधक क्षमता काे बढ़ाने में भी मददगार हाेता है। इससे आपका संपूर्ण शरीर हील हाेता।
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कैसे करें उत्तानासन (How to do Uttanasana)
- उत्तानासन करने के लिए सबसे पहले एक याेगा मैट बिछा लें।
- इस पर एकदम सीधे खड़े हाे जाएं।
- इस दौरान अपने पैराें के बीच करीब एक फीट की दूरी बनाकर रखें।
- लंबी गहरी सांस लें और हाथाें काे सिर से ऊपर की तरफ ले जाएं।
- सांस छाेड़ते हुए हाथाें काे नीचे की तरफ लाएं।
- अब हाथाें से पैराें के अंगूठे काे छूने की काेशिश करें।
- इस दौरान आपके पैर घुटनाें से मुड़ने नहीं चाहिए।
- कुछ देर इस अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप इस चक्र या प्रक्रिया काे 3-5 बार दाेहरा सकते हैं।
उत्तानासन के फायदे (Uttanasana Health benefits)
- उत्तानासन करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य काे बेहद लाभ मिलते हैं। यह शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
- अगर इसका अभ्यास राेजाना किया जाए, ताे इससे मन और दिमाग शांत रहता है। यह याेगासन स्ट्रेस, टेंशन काे कम करता है और एंग्जायटी से राहत दिलाता है।
- पीठ, हिप्स, टखनाें काे स्ट्रेच करता है। जिससे इनकी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
- सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या से राहत दिलाता है।
- इतना ही नहीं यह आसन किडनी, लिवर काे भी स्वस्थ रखता है।
उत्तानासन करते हुए सावधानियां (Uttanasana Precautions)
उत्तानासनन करते हुए आपकाे कुछ सावधानियाें काे भी ध्यान में रखना जरूरी हाेता है।
- अगर आपके निचले कमर में चाेट लगी है, ताे इसे करने से बचें।
- हैमस्ट्रिंग में खिंचाव हाेने पर इस याेगासन काे बिल्कुल न करें।
- अगर आपके घुटनाें में दर्द रहता है, ताे याेग ट्रेनर की देखरेख में ही इसे करें।

2. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
दिमाग काे शांत रखने और इम्यूनिटी काे बढ़ाने के लिए पश्चिमाेत्तानासन करना बेहद फायदेमंद हाेता है। पश्चिमाेत्तानासन दाे शब्दाें पश्चिम और उत्तान से मिलकर बना है। इसमें पश्चिम का अर्थ पीछे और उत्तान का अर्थ तानना हाेता है। इसे करने से रीढ़ की हड्डी और शरीर का पिछला भाग तन जाता है, इसलिए ही इसे पश्चिमाेत्तानासन कहा जाता है। इसे करने से आप कई बीमारियाें से खुद काे दूर रख सकते हैं।
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पश्चिमाेत्तानासन की विधि (Paschimottanasana Steps)
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले किसी समतल स्थान पर एक याेग मैट बिछा लें।
- इस पर आरामदायक अवस्था में बैठ जाएं।
- अपने दाेनाें पैराें काे सामने की तरफ फैला लें।
- अब पीठ की मांसपेशियाें काे ढीला छाेड़ दें।
- लंबी गहरी सांस लेते हुए हाथाें काे सिर से ऊपर लेकर जाएं।
- अब सांस छाेड़ते हुए आगे की तरफ झुक जाएं।
- इस दौरान अपने हाथाें से पैराें की उंगुलियाें काे पकड़ने की काेशिश करें। साथ ही नाक काे घुटने से छूने की काेशिश करें।
- इस अवस्था में रहकर धीरे-धीरे सांस लें और छाेड़ें।
- कुछ देर बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप इसे चक्र काे 3-5 बार आसानी से दाेहरा सकते हैं।
पश्चिमाेत्तानासन के फायदे (Paschimottanasana Benefits)
- अगर नियमित रूप से पश्चिमाेत्तानासन किया जाए, ताे इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है।
- पश्चिमाेत्तानासन करने से आप अपने मन और दिमाग काे शांत रख सकते हैं। इसे करने से स्ट्रेस लेवल कम हाेता है। साथ ही डिप्रेशन जैसी समस्या से भी निजात मिलता है।
- बीमारियाें से बचने के लिए भी आप इस याेगासन काे कर सकते हैं।
- वजन काे नियंत्रण में करने के लिए यह आसन काफी फायदेमंद हाेता है।
- इसके अभ्यास से पीठ, पेट, पैराें और हाथाें की मांसपेशियां काफी मजबूत बनती हैं।
- अगर इस याेगासन काे राेजाना किया जाए, ताे इससे पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे- गैस, अपच और कब्ज की समस्या दूर हाेती है।
- यह आसन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद हाेता है। यह मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं काे दूर करता है।
पश्चिमाेत्तानासन करते हुए सावधानियां (Paschimottanasana Precautions)
- जिन लाेगाें काे पेप्टिक अल्सर है, उन्हें इस याेगासन काे करने से बचना चाहिए।
- पश्चिमाेत्तानासन काे हमेशा खाली पेट करना चाहिए, इससे आपकाे अधिक लाभ मिलेगा।
- आंताें में सूजन हाेने पर भी इस याेगासन काे करने से बचें।
- कमर दर्द, घुटनाें में दर्द हाेने पर भी आपकाे इस आसन काे करने से बचना चाहिए।

3. सर्वांगासन (Sarvangasana)
दिमाग काे शांत रखने और इम्यूनिटी काे बढ़ाने के लिए सर्वांगासन करना भी बेहद लाभदायक हाेता है। यह आपके सिर से लेकर पैराें तक के लिए एक काफी अच्छा याेगासन है। साथ ही इसे करने से मस्तिष्क काे भी लाभ मिलता है। इस याेगासन का राेजाना अभ्यास करने से आप मन से खुश हाेते हैं और आपके शारीरिक, मानसिक विकार दूर हाेते हैं।
सर्वांगासन करने का तरीका (How to do Sarvangasana)
- सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले याेगा मैट पर पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाएं।
- अब अपने पैराें काे धीरे-धीरे 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं।
- सिर काे आगे लाते हुए ठाेड़ी काे सीने से सटा लें।
- अपने हाथाें से कमर काे दाेनाें तरफ से सहारा दें।
- 20-30 सेकेंड तक इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इसके बाद आप इस आसान काे 3-5 बार दाेबारा कर सकते हैं।
सर्वांगासन करने के लाभ (Sarvangasana benefits)
- शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ाने के लिए सर्वांगासन एक काफी बेहतरीन याेगासन है।
- साथ ही यह आपकाे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। तनाव, स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जायटी और डिप्रेशन की स्थिति में इस आसन काे करना फायदेमंद हाेता है।
- नियमित रूप से इस आसन काे करने से हेयर फॉल यानी बालाें के गिरने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- इतना ही नहीं यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद हाेता है। इसे करने से झुर्रियाें, एक्ने और एंटी एजिंग की समस्या दूर हाेती है।
- यह आपके मेटाबाेलिज्म काे भी मजबूत बनाता है।
- इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।
- कब्ज, गैस और अपच की समस्या से भी यह याेगासन राहत दिलाता है।
सर्वांगासन करते हुए सावधानियां (Sarvangasana Precautions)
- अगर आपका हाल ही में काेई ऑपरेशन हुआ है, ताे इस अवस्था में आपकाे इस याेगासन काे करने से बचना चाहिए।
- कमर दर्द, पैराें में दर्द, सिरदर्द हाेने पर इस आसन काे करने से बचें।
- सर्वाइकल, गर्दन में दर्द हाेने पर भी आपकाे इसे नहीं करना चाहिए।.
- हृदय राेग, हाइपरटेंशन, लाे बीपी वाले लाेगाें काे इस याेगासन काे नहीं करना चाहिए।

4. धनुरासन (Dhanurasana)
लेट कर किए जाने वाले आसनाें में धनुरासन एक काफी अच्छा याेगासन है। इस आसन में व्यक्ति का आकार धनुष की तरह प्रतीत हाेता है। इस आसन काे Bow पाेज के नाम से भी जाना जाता है। जानें धनुरासन करने का सही तरीका-
धनुरासन करने का तरीका (Dhanurasana Steps)
- इस आसन काे करने के लिए सबसे पहले याेग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- सांस छाेड़ते हुए अपने घुटनाें काे माेड़ें। अपने टखनाें काे हाथ से पकड़ लें।
- अब लंबी गहरी सांस लेते हुए अपने सिर, छाती और जांघाें काे ऊपर उठाएं।
- इस दौरान आपके शरीर का पूरा भार पेट के निचले हिस्से पर हाेना चाहिए।
- शरीर काे उठाने के बाद पैराें के बीच की दूरी काे कम करने की काेशिश करें।
- कुछ सेकेंड इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप इस चक्र काे 3-5 बार दाेहरा सकते हैं।
धनुरासन करने के फायदे (Dhanurasana Benefits)
- धनुरासन करके आप अपने बढ़े हुए वजन काे नियंत्रण में रख सकते हैं। यह माेटापा काे कम करने में मदद करता है। पेट की चर्बी काे कम करने के लिए आप इस याेगासन काे कर सकते हैं।
- डायबिटीज राेगियाें के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद हाेता है।
- कमर दर्द, पीठ दर्द से छुटकारा दिलाने में भी धनुरासन फायदेमंद हाेता है।
- इसके नियमित अभ्यास से शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता मजबूत हाेती है।
- मानसिक स्वास्थ्य काे ठीक रखने के लिए भी आप इस याेगासन काे राेजाना कर सकते हैं। यह आपके मन, दिमाग काे शांत रखने में मदद करता है।
- कब्ज, गैस और अपच की समस्या से निजात दिलाने में धनुरासन काफी लाभदायक हाेता है।
धनुरासन करते हुए सावधानियां (Dhanurasana Precautions)
- जिन लाेगाें काे कमर में तेज दर्द हाेता है, उन्हें इस याेगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- हर्निया के मरीजाें काे इस याेगासन का अभ्यास बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- पेप्टिक अल्सर के मरीजाें काे भी इस याेगासन काे करने से बचना चाहिए।
- साइटिका से पीड़ित हैं, ताे धनुरासन काे अभ्यास न करें।
आप भी अपने दिमान, मन काे शांत रखने के लिए ऊपर बताए गए याेगासनाें काे कर सकते हैं। ये याेगासन शरीर की प्रतिराेधक क्षमता भी बढ़ाते हैं। लेकिन इन्हें करने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। साथ ही सभी सावधानियाें काे भी ध्यान में रखें।
(Main Image Source : infiniteworldinfo.online)
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