प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है? योग एक्सपर्ट से जानें कौन सा प्राणायाम कितनी देर करें और क्या है सही क्रम

आप सही से प्रणायाम करेंगे तो काफी फायदे उठा सकते हैं। प्रायायाम का सही क्रम, उसे करने का सही तरीका जानें। इस बारे में योग प्रशिक्षक की सलाह।
  • SHARE
  • FOLLOW
प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है? योग एक्सपर्ट से जानें कौन सा प्राणायाम कितनी देर करें और क्या है सही क्रम


यह बात तो हम सब जानते हैं कि प्राणायाम करने और योग करने से फायदे होते हैं। लेकिन इसे सही क्रम में किया जाए यह भी बेहद ही जरूरी है। आज के इस आर्टिकल में हम जमशेदपुर के मानगो में ट्रेनिंग दे रहे योग प्रशिक्षक अजीत कुमार से बात कर प्राणायाम करने के सही तरीकों पर बात करेंगे ताकि आम से लेकर खास फायदा उठा सकें। प्राणायाम को सही तरीके से करने के लिए और उसे किस प्रकार किया जाए ये जानने के लिए पढ़ें आर्टिकल।

प्राणायाम करने के हैं कई सारे लाभ

एक्सपर्ट बताते हैं कि प्राणायाम करने के कई सारे लाभ हैं। इसके करने से शारिरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। व्यक्ति सामान्य लोगों की तुलना में कम बीमार पड़ता है। वहीं वो हर काम को आसानी से अंजाम दे पाता है। इसलिए जरूरी है कि हर किसी को जीवन में प्राणायाम को अपनाना चाहिए ताकि उसका लाभ उठा सकें।

Prayanayam

इस क्रमबद्ध तरीके से करें योग, होंगे काफी फायदे

  • भस्त्रिका
  • कपालभाति
  • उज्यायी प्राणायाम
  • शीतली
  • शीतकारी प्राणायाम
  • सूर्य अनुलोम विलोम
  • चंद्र अनुलोम विलोम
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम
  • नाड़ि शुद्धि प्राणायाम
  • >भ्रामरी प्राणायाम

प्राणायाम करने के लिए नेचुरल ब्रिदिंग से करें शुरुआत

बकौल एक्सपर्ट पदमासन, सिद्धासन या सिद्धयोनिआसन में बैठें। दोनों हाथों के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर को मिलाकर घुटने पर रखें। आंखों को बंद कर फिर नेचुरल ब्रिदिंग पर ध्यान दें। नाक से सांस लें और मुंह से सांस छोड़ दें। इस क्रम को दोहराएं। आप धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं। कम से कम 20 राउंड तक करें। ऐसा करने से आपको काफी फायदा होगा।

भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करें

  • शुरुआत में धीरे-धीरे करें
  • >पलथी मारकर बैठें
  • नाक से सांस लें और नाक से ही सांस हो छोड़ दें ऐसा करीब 10 बार करें
  • अब थोड़ी तेजी से इसे करीब 15 बार करेंगे, इसके लिए आप चाहें तो मुठी बांध कर सांस लेने  छोड़ने की प्रक्रिया में हाथों को ऊपर व नीचे कर सकते हैं। 
  • हर प्राणायाम को करने के बाद पैरों को खोल लें और रिलेक्स करें

Kapalbhati Prayanam

कपालभाति क्रिया का अभ्यास करें

  • पलथी मारकर बैठ जाएं
  • सांस लेने की प्रक्रिया से सांस छोड़ने की प्रक्रिया पर जोर किया जाता है
  • सांस लें फिर जोर से उसे छोड़ें (शुरुआत में इसे 40 बार करें)
  • फिर रिलेक्स करें और फिर दोबारा इस क्रिया का अभ्यास करें
  • यदि आप हाल ही में प्राणायाम कर रहे हैं तो शुरुआत में ज्यादा समय के लिए न करें

अब उज्जायी प्राणायाम का करें अभ्यास

  • >इसे करते वक्त बहुत ध्यान से थ्रोट रीजन को फील किया जाता है
  • पलथी मारकर बैठ जाएं, पदमासन, सिद्धासन या सिद्धयोनिआसन में बैठ सकते हैं। 
  • गहरी लंबी सांस नाक से लें फिर छोड़ें, ध्यान रहें सांस एकदम रिलेक्स होकर छोड़ें जो कंठ से होती हुए बाहर निकले
  • शुरुआत में इसे नौ राउंड तक कर सकते हैं

अब शीतली प्राणायाम करें

  • >इसे करने के लिए भी आप पलथी मारकर बैठ जाएं
  • >शुरुआत में इसे नौ राउंड तक ही करें
  • इसके लिए जीभ को बाहर निकालें, उसे गोल घुमाकर (ट्यूब) लंबी गहरी सांस लें और दाहिने नाक से सांस छोड़ें
  • अब इसी प्रकार जीभ को बाहर निकालें, उसे गोल घुमाकर लंबी गहरी सांस लें और बाएं नाक से सांस छोड़ दें
  • इससे कूलिंग इफेक्ट फील कर पाएंगे, इसमें आप सांस को दोनों ही नाक से छोड़ें
  • रिलेक्स करने के बाद दूसरे प्राणायाम का रुख करें

शीतकारी प्राणायाम करें

जो लोग शीतली प्राणायाम नहीं कर पाते हैं वो शीतकारी प्राणायाम कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वो अपनी जीभ को ट्यूब नुमा आकार नहीं बना पाते हैं। ऐसे में वो इस प्राणायाम को कर सकते हैं। इसे करने के लिए

  • उपरी जबड़े वाले दांत को नीचे के जबड़े वाले दांत से मिलाएं लंबी गहरी सांस लें (सांस लेने के क्रम में सीटी जैसी आवाज आनी चाहिए)
  • दाहिने नाक को बंद करें व बाएं नाक से छोड़ दें
  • >ऐसा करीब 5 बार करें
  • इसके बाद सांस लेने की इसी प्रक्रिया को करें लेकिन बाएं नाक को बंद कर दाएं नाक से छोड़ें

Anulom Vilom

अब चंद्र अनुलोम विलोम व सूर्य अनुलोम विलोम का अभ्यास करें

  • पलथी मारकर बैठ जाएं, आंखें बंद कर नासिका मुद्रा या विष्णु मुद्रा को हाथों से बनाएं, इसके लिए दाहिने हाथ की मीडिल व इंडेक्स फिंगर को मोड़ लेंगे
  • ">फिर दाहिने नाक को दाहिने अंगूठे से बंद कर लेंगे
  • >अब बाएं नाक से सांस लेंगे और चार से से आठ की गितनी कर जितना आपसे हो बाएं नाक से ही सांस छोड़ दें (आपने जितनी सांस ली है उससे ज्यादा सांस छोड़ें)
  • >इसे आप नौ से 15 राउंड कर सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें : हर उम्र में फिट और हेल्दी रहने के लिए रोज करें ये 11 योगासन, एक्सपर्ट से जानें करने का तरीका

सूर्य अनुमोम विलोम को करें

  • पलथी मारकर बैठ जाएं, आंखें बंद कर नासिका मुद्रा या विष्णु मुद्रा को हाथों से बनाएं, इसके लिए दाहिने हाथ की मीडिल व इंडेक्स फिंगर को मोड़ लेंगे
  • अब स्मॉल फिंगर से बाएं नाक को बंद कर दाहिना नाक से सांस लेंगे
  • दाहिने नाक से जितना संभव होगा उतना सांस लेंगे व उसे चार से आठ की गितनी कर जितना आपसे हो दाहिने नाक से सांस छोड़ देंगे
  • इसे आप नौ से 15 राउंड कर सकते हैं। 

Prayanayam

अब अनुलोम विलोम करेंगे

>जब आपने बाएं से सांस लिया और बाएं से सांस छोड़ा उसे चंद्र अनुलोम विलोम कहते हैं और जब आपने दाहिने नाक से सांस लिए और दाहिने से छोड़ा उसे सूर्य अनुलोम विलोम कहते हैं। 

  • अनुलोम विलोम प्राणााम करने के लिए 
  • >पलथी मारकर बैठ जाएं, आंखें बंद कर नासिका मुद्रा या विष्णु मुद्रा को हाथों से बनाएं
  • >दाहिने नाक को अंगूठे से बंद कर बाएं नाक से सांस लें (चार की गितनी तक)
  • >फिर बाएं नाक को बंद कर दाएं नाक से छोड़ दें
  • >फिर आप दाएं नाक ही सांस लें, चार की गिनती तक और फिर उसे बाएं नाक से छोड़ दें (यहां तक एक राउंड पूरा होता है)
  • >ठीक इसी प्रकार बाएं नाक से भी सांस लेकर प्रक्रिया को दोहराएं
  • शुरुआत में 10 राउंड तक कर सकते हैं, जैसे जैसे आप प्रशिक्षित होंगे इस क्रिया को बढ़ा सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें : लिवर कैंसर के मरीजों को कौन से योगासन करने चाहिए? योग एक्सपर्ट से जानें सही तरीका और मिलने वाले फायदे

नाड़ी शुद्धि प्राणायाम

  • सांसों को रोककर अल्टरनेट ब्रिदिंग करते हैं, शुरुआत में इसे कम करें, बाद में प्रशिक्षित होने के बाद इसे बढ़ा सकते हैं
  • पलथी मारकर बैठ जाएं, फिर नासिका मुद्रा या विष्णु मुद्रा में आ जाएं
  • दाहिने नाक को बंद करें और बाएं नाक से सांस लें (एक से चार की गिनती तक सांस लें) 
  • अब दोनों नाक को बंद कर (आठ की गिनती तक सांस रोकें) अब दाहिने नाक से सांस छोड़ दें
  • फिर दाहिने नाक से सांस लें (चार की गिनती तक)
  • दोनों नाक को बंद कर एक से आठ की गिनती तक सांस रोकें व बाएं नाक से सांस छोड़ दें। यहां तक एक राउंड हुआ, इसे दोनों नाक के साथ दोहराएं
  • काउंटिंग को मन ही मन करें ताकि आप सांस लेने व छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान लगा सकें

Bhramari Pryanayam

अब भ्रामरी प्राणाम का करें अभ्यास

  • दोनों ही अंगूठों से दोनों कानों को बंद करें 
  • मीडिल फिंगर व इंडेक्स फिंगर, फिर रिंग फिंगर को  होंठों के ऊपर व स्मॉल फिंगर को होंठों के नीचे रखें
  • सांस लेंगे व छोड़ते वक्त जीभ को अपर पेलेट पर सटाकर फीमेल मधुमक्खी के समान आवाज निकालेंगे
  • इस क्रिया को दोहराएंगे

हमेशा एक्सपर्ट के दिशा निर्देश में ही करें योग

योगा एक्सपर्ट बताते हैं कि हमेशा योगा प्रशिक्षक के दिशा निर्देश में ही योग करना चाहिए। इससे काफी फायदा होता है। वहीं बेहतर यही होगा कि आप योग प्रशिक्षक से सलाह लेकर उनके मार्ग दर्शन में इसे करेंगे तो ज्यादा फायदा होगा। वहीं हर योग व प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए उसका सही तरीका मालूम होना चाहिए। यदि सही व सही लय में करें तो फायदा ज्यादा होगा। 

>Read More Articles On Yoga

Read Next

लिवर कैंसर के मरीजों को कौन से योगासन करने चाहिए? योग एक्सपर्ट से जानें सही तरीका और मिलने वाले फायदे

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version