आजकल बच्चों में मोटापा एक तेजी से बढ़ती हुई समस्या बन गई है। मोटापे की वजह से बच्चे न सिर्फ शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं बल्कि उन्हें कई बीमारियों का खतरा भी रहता है। लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान ने बताया कि माता-पिता अक्सर सोचते हैं कि बच्चे का मोटा होना, अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है, जबकि हकीकत यह है कि जरूरत से ज्यादा वजन बच्चों के विकास में रुकावट पैदा कर सकता है। कई बार हम यह समझ ही नहीं पाते कि बच्चों का वजन क्यों बढ़ रहा है, जबकि इसके पीछे हमारी खुद की कुछ रोजमर्रा की आदतें जिम्मेदार होती हैं। जैसे- बच्चों को बार-बार खाने के लिए कहना, हर छोटी बात पर चॉकलेट या फास्ट फूड देना या फिर खुद ही एक्टिव न रहकर बच्चों को भी निष्क्रिय बना देना। इन आदतों का असर धीरे-धीरे बच्चे की सेहत पर दिखने लगता है। इस लेख में हम जानेंगे कि वो कौन-सी 5 पारिवारिक आदतें हैं जो बच्चों में मोटापे का कारण बनती हैं। इन आदतों को पहचानकर और सुधारकर हम बच्चों को मोटापे से बचा सकते हैं और उन्हें एक हेल्दी जीवनशैली की ओर बढ़ा सकते हैं।
1. अनहेल्दी स्नैकिंग की आदत- Unhealthy Snacking Habit
जब घर में हर समय चिप्स, बिस्किट, नमकीन जैसे जंक फूड आसानी से मौजूद हों, तो बच्चे इन्हें बार-बार खाने लगते हैं। इससे उनकी भूख का पैटर्न बिगड़ता है और शरीर में अनावश्यक कैलोरी बढ़ती है। परिवार को चाहिए कि घर में हेल्दी स्नैक्स रखें ताकि बच्चे बेहतर विकल्प चुनें।
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2. भोजन का अनियमित समय- Irregular Meal Timings
कई परिवारों में नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना तय समय पर नहीं होता। इससे बच्चों की मेटाबॉलिज्म रेट पर असर पड़ता है और शरीर अनावश्यक फैट जमा करने लगता है। बच्चों को समय पर पौष्टिक भोजन देना जरूरी है ताकि उनका पाचन तंत्र और विकास सही रहे।
3. खाने पर इनाम या दंड देना- Using Food as Reward or Punishment
कई बार, परिवार में लोग, बच्चे पर खाने को इनाम या सजा की तरह इस्तेमाल करने लगते हैं। जैसे- अच्छा काम करने पर चॉकलेट देना या गलत काम करने पर मनपसंद खाना न देना। इससे बच्चे, खाने को भावनात्मक रूप से जोड़ने लगते हैं और ओवरईटिंग की आदत बनने लगती है।
4. बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी से दूर रखना- Keeping Children Away from Physical Activity
आजकल परिवारों में पढ़ाई या सुरक्षा के नाम पर बच्चों को बाहर खेलने से रोक दिया जाता है। इससे बच्चों का शरीर निष्क्रिय होता जाता है और वजन बढ़ने लगता है। परिवार को बच्चों को खेलने, दौड़ने और एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही बच्चे को फिजिकल एक्टिविटी वाले गेम्स भी खेलने चाहिए।
5. स्क्रीन टाइम को कंट्रोल न करना- Not Controlling Screen Time
अगर परिवार, बच्चों को घंटों मोबाइल, टीवी या टैब पर लगे रहने देता है, तो यह बच्चे में मोटापे की बड़ी वजह बन सकता है। ज्यादा स्क्रीन टाइम, बच्चों को शारीरिक रूप से आलसी बना देता है और उनकी आंखों और दिमाग पर भी बुरा असर डालता है।
बच्चों में मोटापा सिर्फ उनकी नहीं बल्कि पूरी फैमिली की आदतों का परिणाम होता है। अगर माता-पिता और परिवार अपनी छोटी-छोटी आदतों को सुधार लें, तो बच्चे को मोटापे जैसी समस्या से बचाया जा सकता है।
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FAQ
बच्चों में मोटापा बढ़ने का कारण क्या है?
बच्चों में मोटापा मुख्य रूप से जंक फूड, शारीरिक गतिविधि की कमी और स्क्रीन टाइम बढ़ने से होता है। यह आनुवांशिक कारणों और हार्मोनल बदलावों से भी हो सकता है।बच्चों का मोटापा कैसे कंट्रोल करें?
बच्चों का मोटापा कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट, रोजाना एक्सरसाइज और स्क्रीन टाइम लिमिट करना जरूरी है। साथ ही पूरे परिवार को हेल्दी आदतें अपनानी चाहिए।बच्चे को मोटा कब माना जाता है?
अगर बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) उम्र और कद के अनुसार ज्यादा हो और उसकी गतिविधियां प्रभावित हों, तो उसे मोटा माना जाता है। डॉक्टर इसकी पुष्टि, जांच से करते हैं।