क्या आप भी किसी बहस, खराब मूड या तनाव के बाद अचानक कुछ मीठा या तला हुआ खाना शुरू कर देते हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। बहुत से लोग मानसिक तनाव, अकेलापन या दुख के समय, खाने का सहारा लेते हैं। इसे इमोशनल ईटिंग या ओवरईटिंग कहा जाता है। यह आदत धीरे-धीरे शरीर के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी असर डालती है। खास बात यह है कि इस स्थिति में भूख नहीं लगती, लेकिन मन को राहत देने के लिए व्यक्ति खाने लगता है। ज्यादातर मामलों में लोग ऐसे समय पर जंक फूड, मीठा या ज्यादा फैट वाला खाना पसंद करते हैं, क्योंकि ये चीजें दिमाग में डोपामिन रिलीज करके तुरंत सुकून देती हैं। लेकिन ये राहत अस्थायी होती है, और बाद में गिल्टी होती है, वजन बढ़ता है और स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। यह आदत अगर बार-बार हो, तो मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अनिद्रा जैसी गंभीर समस्याएं बन सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम तनाव या दुख में ओवरईटिंग करने के कारण को समझें और उचित उपाय अपनाएं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
स्ट्रेस में ओवरईटिंग करने के कारण- Causes Behind Overeating While in Stress
डोपामिन और हार्मोनल असंतुलन
क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल लेवल को बढ़ाता है, जिससे भूख भी बढ़ जाती है। साथ ही जब हैप्पी हार्मोन जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन कम हो जाते हैं, तब उन्हें संतुलित करने के लिए व्यक्ति ओवरईटिंग करने लगता है।
नींद की कमी और थकान
जब हम ठीक से नहीं सोते या मानसिक थकान से जूझते हैं, तब शरीर को एनर्जी की जरूरत महसूस होती है। ऐसे में हम खाने की ओर आकर्षित होते हैं, भले ही भूख न हो पर व्यक्ति खाने लगता है।
दुख में खाने की आदत
कई बार बचपन में माता-पिता, बच्चे को खुश करने के लिए मीठा या मनपसंद खाना देते हैं, लेकिन बच्चा उसे आगे चलकर दुख में खाने की आदत बना देता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो मन खाने की ओर भागने लगता है। तनाव या उदासी के समय हमारा दिमाग किसी ऐसी चीज की तलाश करता है जो तुरंत अच्छा महसूस कराए। खाना, खासकर मीठा या तला हुआ, दिमाग में डोपामिन रिलीज करता है जिससे खुशी मिलती है।
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तनाव या दुख में ओवरईटिंग से कैसे बचें?- How to Prevent Overeating While in Stress
हेल्दी स्नैक्स साथ रखें
अगर कभी खाने की तलब लगे, तो फ्राइड या चीनी वाली चीजों की बजाय ड्राई फ्रूट्स, फल, ग्रीन टी या ओट्स जैसे हेल्दी स्नैक्स विकल्प चुनें।
माइंडफुल ईटिंग की आदत डालें
खाते समय मोबाइल या टीवी न देखें। धीरे-धीरे, चबाकर खाएं और ध्यान दें कि क्या आप संतुष्ट हो गए हैं। इससे आप बिना जरूरत के खाना नहीं खाएंगे।
पर्याप्त नींद लें और दिनचर्या ठीक रखें
थकान और अनियमित रूटीन भी ओवरईटिंग की वजह बनते हैं। हर दिन 7-8 घंटे की नींद लें और दिन में थोड़ा समय खुद के लिए जरूर निकालें।
भावनाओं को समझें
यह समझें कि आप वास्तव में भूखे हैं या सिर्फ तनाव में हैं। अगर मन बेचैन है लेकिन पेट भरा हुआ है, तो खुद को रोकें और डायरी में अपनी भावना को लिखकर ट्रैक करें।
मनपसंद एक्टिविटी चुनें
जब भी स्ट्रेस में आएं, तो खाने की बजाय कोई और एक्टिविटी करें जैसे- टहलना, गाना सुनना, मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज या किसी दोस्त से बात करना।
तनाव या दुख में खाने की आदत, सेहत के लिए हानिकारक बन सकती है। यह आदत शरीर के साथ-साथ आत्मविश्वास और मानसिक सेहत को भी नुकसान पहुंचाती है।
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FAQ
ओवरईटिंग को कैसे रोकें?
तनाव या दुख में खाने से बचें। माइंडफुल ईटिंग अपनाएं, हेल्दी स्नैक्स चुनें और भावनाओं को डायरी में लिखें या किसी से बात करें।ज्यादा खाना खाने के बाद क्या करें?
खाने के बाद थोड़ा टहलें, पानी पिएं और गहरी सांस लें। तुरंत लेटें नहीं, अगली बार हल्का खाना खाएं और पेट को आराम दें। डाइजेशन की प्रक्रिया को भी समय दें।ओवरईटिंग के क्या नुकसान हैं?
ओवरईटिंग से वजन बढ़ता है, पेट फूलता है और गैस, अपच, थकान, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं होने का खतरा बढ़ता है।