Doctor Verified

क्रॉनिक स्ट्रेस क्या है और कैसे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है? जानें एक्सपर्ट की राय

जब व्यक्ति लगातार कई दिनों तक तनाव में रहता है, तो उसे क्रॉनिक स्ट्रेस कहा जाता है। जानिए, इस संबंध में एक्सपर्ट की राय।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Mar 10, 2023 17:26 IST
क्रॉनिक स्ट्रेस क्या है और कैसे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है? जानें एक्सपर्ट की राय

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

What Is Chronic Stress Health Impact in Hindi : क्रॉनिक स्ट्रेस, एक किस्म का गंभीर तनाव होता है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब व्यक्ति लंबे समय से और लगातार तनाव में रहता है। आपको बता दें कि क्रॉनिक स्ट्रेस हफ्तों, महीनों और सालों तक रह सकता है। ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं है कि क्रॉनिक स्ट्रेस किसी व्यक्ति के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकता है। इतना ही, क्रॉनिक स्ट्रेस का असर व्यक्ति के शरीर अलग-अलग हिस्सों पर भी पड़ता है। इस लेख के जरिए आप जानेंगे कि क्रॉनिक स्ट्रेस तनाव स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर सकता है।

इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है

what is chronic stress and its health impacts

जब व्यक्ति लंबे समय से तनाव में रहता है, तो इसका सीधा असर उनके इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉ दिपाली बत्रा बताती हैं, ‘क्रॉनिक स्ट्रेस का असर व्यक्ति के प्रतिरक्षा तंत्र पर पड़ता है। दरअसल, क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह से व्यक्ति इतना कमजोर हो जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि व्यक्ति किसी संक्रमण या बीमारी की चपेट में आसान से आ जाता है। ऐसे लोगों को बीमारी से उबरने में भी अधिक समय लगता है।’

इसे भी पढ़ें : लगातार तनाव में रहते हैं तो हो जाइए सावधान, दस्तक दे सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है

कहा जाता है कि जो लोग लंबे समय से तनाव से ग्रस्त रहते हैं, उनका पाचन तंत्र सही तरह से काम नहीं करता। उनके पेट में जलन, असहजता, कब्ज, लूज मोशन, चक्कर आना जैसी पेट संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं। इस बात की पुष्टि करते हुए डॉ दिपाली कहती हैं, ‘असल में जो लोग जो लंबे समय से तनाव से पीड़ित रहते हैं, उनमें ओवर ईटिंग की टेंडेंसी देखी जाती है। ओवर ईटिंग की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पेट संबंधी समस्याएं सबसे आम हैं।’

इसे भी पढ़ें : स्ट्रेस आपकी सेहत को कब नुकसान पहुंचाने लगता है? जानें स्ट्रेस मैनेज करने के तरीके

नींद बाधित होती है

क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह से व्यक्ति की नींद बाधित होने लगती है। ऐसा भी देखा गया है कि जो व्यक्ति क्रॉनिक स्ट्रेस से गुजर रहा है, वह लंबे समय तक सो रहा है या फिर कई-कई रात उसे नींद नहीं आ रही है। इसके अलावा ऐसे लोगों का स्लीपिंग पैटर्न भी बिगड़ जाता है। जाहिर है, जो लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते, उन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं जैसे उनकी एकाग्र क्षमता प्रभावित होती है और ऐसे लोगों की याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है

थकान महससू करना

क्रॉनिक स्ट्रेस लोगों की ऊर्जा को पूरी तरह खत्म कर देता है। दरअसल, लंबे समय से तनाव में रहने की वजह से व्यक्ति हर समय खुद को थका हुआ महसूस करता है। उसमें किसी चीज के करने का उत्साह नहीं रह जाता है। उत्साह की कमी की वजह से व्यक्ति को कोई भी काम करने में रुचि नहीं आती। इस तरह व्यक्ति खुद को हर समय थका हुआ पाता है। डॉ दिपाली बत्रा कहती हैं ‘व्यक्ति जितना लंबा तनाव में रहता है, उसकी मानसिक क्षमता उतनी ही कमजोर हो जाती है। जो लोग मेंटली कमजोरी महससू करते हैं, उनकी परफॉर्मेंस डाउन होती जाती है। अच्छे परफॉर्मेंस की कमी की वजह से भी व्यक्ति खुद को थका हुआ पाता है।’

Disclaimer