नवजात शिशु को स्तनपान (Breastfeeding) कराना हर मां के लिए एक अहम जिम्मेदारी होती है, लेकिन रात के समय, यही जिम्मेदारी मुश्किल लगने लगती है। क्योंकि इस दौरान थकान, नींद की कमी और शारीरिक असहजता, अड़चन पैदा करती है।खासकर नई मांओं को समझ नहीं आता कि रात में शिशु को कैसे और किस स्थिति में दूध पिलाया जाए ताकि न, तो उनकी नींद में रुकावट हो और न ही शिशु को कोई खतरा हो। Dr Tanima Singhal, Lactation Expert, Ma-Si Care Clinic, Lucknow बताती हैं कि रात को स्तनपान कराने के लिए साइड-लाइंग पोजीशन (Side-Lying Position) को सबसे सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है। यह पोजीशन न केवल मां और बच्चे दोनों को आराम देती है, बल्कि लंबे समय तक स्तनपान के दौरान शरीर पर कम दबाव भी डालती है। विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week 2025) के मौके पर इस लेख में हम जानेंगे कि साइड-लाइंग पोजीशन क्यों खास है, इसे कैसे अपनाएं और किन बातों का ध्यान रखें।
रात में ब्रेस्टफीडिंग के लिए बेस्ट पोजीशन: साइड-लाइंग- What is Side-Lying Position For Breastfeeding at Night
साइड-लाइंग पोजीशन में मां और बच्चा दोनों एक ही ओर करवट लेकर लेटते हैं। मां अपने बाजू पर सिर टिका सकती है और बच्चे को बगल में पेट से पेट मिलाकर रखती है। इससे बच्चा आसानी से स्तन तक पहुंच पाता है और मां बिना उठे, ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) करवा सकती है।
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साइड-लाइंग पोजीशन के फायदे- Benefits of Side-Lying Breastfeeding Position
- अगर मां को थकान है, तो यह सबसे आरामदायक पोजीशन मानी जाती है।
- नॉर्मल डिलीवरी या सिजेरियन के बाद इस पोजीशन में दूध पिलाने से कम दर्द का एहसास होता है।
- नाइट-फीडिंग के दौरान नींद में रुकावट नहीं आती।
- शिशु और मां दोनों को ज्यादा बॉन्डिंग का अनुभव होता है।
- लंबे समय तक स्तनपान कराना आसान हो जाता है।
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साइड-लाइंग पोजीशन को करने का तरीका- How to Practice Side-Lying Position
- एक ओर करवट लेकर लेटें और सिर के नीचे तकिया लगाएं।
- शिशु को पेट की ओर करवट देकर अपने सामने लाएं।
- सुनिश्चित करें कि शिशु की नाक और मुंह स्तन के पास हों।
- शिशु के सिर के पीछे हाथ न रखें, उसे खुद पोजीशन लेने दें।
कब न अपनाएं यह पोजीशन?- When to Avoid Side-Lying Position
- अगर शिशु प्रीमेच्योर है या बहुत छोटा है।
- मां को नींद में बहुत ज्यादा मूवमेंट करने की आदत है।
- अगर बिस्तर बहुत नरम या असुरक्षित है।
रात में ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी जरूरी सावधानियां- Precautions For Breastfeeding at Night
- स्तनपान के बाद शिशु को डकार (Burp) दिलाना न भूलें ताकि गैस न बने और बच्चा ठीक से सो सके।
- अगर मां को गहरी नींद आ जाती है, तो अलार्म लगाएं ताकि फीडिंग के बाद शिशु की स्थिति चेक की जा सके।
- अगर बच्चा बार-बार जागता है, रोता है या सही से दूध नहीं पी रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें, इससे ध्यान भटक सकता है और शिशु की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
- बच्चे की नाक और मुंह कभी भी ढके न हों। सांस लेने का रास्ता पूरी तरह साफ और खुला रहना चाहिए।
रात में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां थकान से कैसे बचे?
नई मांओं को अक्सर ब्रेस्टफीडिंग के कारण अनिद्रा का सामना करना पड़ता है जिससे उन्हें चिड़चिड़ापन और थकान की समस्या होती है। इन टिप्स की मदद से वे भी ब्रेस्टफीडिंग जर्नी के दौरान थकान से बच सकती हैं-
- दिन में जब बच्चा सो रहा हो, तो मां भी थोड़ी देर आराम कर सकती हैं। इससे रात की नींद की कमी पूरी होती है।
- साइड-लाइंग पोजीशन में लेटकर दूध पिलाने से मां को आराम मिलता है और शारीरिक थकान कम होती है।
- पानी की बोतल, नैपी, वाइप्स, तकिया वगैरह पास में रखें ताकि बार-बार उठना न पड़े।
- रात में एक-दो बार शिशु को डकार दिलाने या डायपर बदलवाने में परिवार की मदद लें, ताकि मां को थोड़ी राहत मिल सके।
- अगर मां बहुत थकी है, तो पहले से पंप किया दूध, बेबी को दिया जा सकता है।
- रात में थकान से बचने के लिए एनर्जी देने वाला भोजन लें, जैसे- खिचड़ी, सूप, नट्स या दूध।
- दूध पिलाते वक्त पानी की कमी, थकान को बढ़ा सकती है, इसलिए दिनभर में खूब पानी पीती रहें।
- दिन में 5-10 मिनट की ब्रीदिंग एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग, थकान और टेंशन दोनों को कम कर सकती है।
रात को ब्रेस्टफीडिंग करना एक चुनौती भरा अनुभव हो सकता है, लेकिन साइड-लाइंग पोजीशन इसे आसान बना सकती है।हालांकि, इसका सही तरीके से इस्तेमाल और थोड़ी सी सावधानी मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
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FAQ
क्या रात भर स्तनपान कराना ठीक है?
रात भर स्तनपान कराना सुरक्षित है, बशर्ते मां सतर्क हो और सही पोजीशन में दूध पिलाए। इससे शिशु का विकास बेहतर होता है और मां का दूध उत्पादन भी बढ़ता है। नींद में सावधानी जरूरी है।रात में बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कैसे कराएं?
रात में साइड-लाइंग पोजीशन अपनाएं, जिससे मां और शिशु दोनों आराम से लेटे रह सकें। रोशनी हल्की रखें, ढीले कपड़े पहनें और बिस्तर साफ और सुरक्षित हो। शिशु को पेट से पेट मिलाकर रखें।ब्रेस्टफीडिंग के क्या फायदे हैं?
ब्रेस्टफीडिंग से शिशु को पोषण मिलता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मां से भावनात्मक जुड़ाव मिलता है। मां को भी ब्रेस्ट कैंसर से बचाव में मदद मिलती है।