अस्थमा एक श्वसन संबंधी बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। हर साल 6 मई को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2025) मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके और मरीजों को बेहतर जीवनशैली दी जा सके। अस्थमा के मरीजों के लिए सिर्फ दवा लेना ही काफी नहीं होता, बल्कि सही दिनचर्या और अच्छी नींद भी उनके स्वास्थ्य में बड़ा अंतर ला सकता है। कई मरीजों को रात के समय सांस लेने में तकलीफ होती है, जिससे नींद बार-बार टूटती है और अगले दिन थकान महसूस होती है। रिसर्च से यह भी सामने आया है कि जो मरीज गलत पोजीशन में सोते हैं, उनकी रात में अस्थमा की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। कुछ स्टडीज के अनुसार, लेटकर मोबाइल देखना या बहुत ऊंचा तकिया लगाना भी सांस नली को संकरा कर सकता है, जिससे ऑक्सीजन के फ्लो में रुकावट आती है। इस लेख में हम जानेंगे कि अस्थमा मरीजों को किस पोजीशन में सोना चाहिए, कौन सी गलतियों से बचना चाहिए और किन आसान टिप्स को अपनाकर वे बेहतर नींद पा सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
अस्थमा के दौरान नींद में परेशानी क्यों होती है?- Why Asthma Patients Are Not Able to Sleep
अस्थमा के मरीजों को अक्सर रात के समय सांस लेने में ज्यादा मुश्किल होती है, जिसे नॉक्चरनल अस्थमा (Nocturnal Asthma) कहा जाता है। यह मुख्य रूप से शरीर की प्राकृतिक स्लीप क्लॉक और रात के समय बदलते हार्मोनल लेवल की वजह से होता है। रात में फेफड़ों में बलगम जमने की समस्या बढ़ जाती है, जिससे वायुमार्ग सिकुड़ जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके अलावा, जब हम लेटते हैं, तो छाती पर दबाव बढ़ता है और ग्रेविटी के कारण श्वसन मार्ग और ज्यादा संकरा हो सकता है।
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अस्थमा मरीजों के लिए बेस्ट स्लीपिंग पोजीशन- Best Sleeping Position For Asthma Patients
बाएं करवट लेटकर सोएं
यह पोजीशन छाती पर कम दबाव डालती है और डायाफ्राम को आसानी से फैलने का मौका देती है, जिससे फेफड़े खुलकर काम करते हैं।
सिर ऊंचा रखकर सोना
सिर के नीचे एक तकिया लगाकर सिर को ऊंचा करके सोएं, इससे बलगम नीचे की ओर नहीं जाएगा।
सीने के बल न सोएं
यह स्थिति सांस को और ज्यादा मुश्किल बना सकती है और श्वसन नली पर दबाव डालती है। इसलिए सीने के बल सोने से बचना चाहिए।
सोते समय इन गलतियों से बचें- Asthma Patients Should Avoid These Mistakes
अस्थमा मरीजों की ये सामान्य गलतियां, नींद को खराब कर सकती हैं-
- बहुत सख्त या बहुत ऊंचा तकिया श्वसन मार्ग में रुकावट डाल सकता है। इससे बचना चाहिए।
- बहुत देर लेटकर मोबाइल देखने से बचें। गर्दन की पोजीशन बदलने से सांस पर असर पड़ता है।
- कमरे में पालतू जानवरों को रखने से बचें। इससे एलर्जी ट्रिगर हो सकती है।
- समय पर इनहेलर का इस्तेमाल न करने से अस्थमा के लक्षण, रात में बढ़ सकते हैं।
- अस्थमा के मरीजों को सोने के लिए एक तय रूटीन अपनाना चाहिए। रोज तय समय पर न सोने से अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
अच्छी नींद के लिए अस्थमा के मरीज अपनाएं ये टिप्स- Sleeping Tips For Asthma Patients
- रात को सोने से पहले गर्म पानी से नहाएं, इससे आपको आराम मिलेगा।
- हल्की स्ट्रेचिंग या योगासन करें जैसे भ्रामरी प्राणायाम।
- सोने और उठने का समय तय करें।
- सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी रखें, ताकि दिमाग शांत रहे।
- सोने से पहले इनहेलर का इस्तेमाल करें।
- कमरे की सफाई और वेंटिलेशन का ध्यान रखें। धूल के कण, अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
- सोने से पहले भारी खाना, कैफीन या धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
- बेडशीट, तकिया कवर व परदे समय-समय पर धोएं।
- अगर वातावरण बहुत ड्राई या प्रदूषित हो, तो एयर प्यूरिफायर या ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
अस्थमा को सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि सही पोजीशन, सही वातावरण और डॉक्टर के टिप्स के साथ कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप या आपके किसी करीबी को अस्थमा है, तो इन टिप्स की मदद ली जा सकती है।
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FAQ
अस्थमा के मरीजों को कैसे सोना चाहिए?
अस्थमा मरीजों को बाईं करवट या सिर ऊंचा करके पीठ के बल सोना चाहिए। इससे फेफड़ों पर दबाव नहीं पड़ता और सांस लेना आसान होता है। अस्थमा मरीजों को साफ-सफाई के साथ सोना भी जरूरी है।अस्थमा के साथ रात में खांसी कैसे बंद करें?
सोने से पहले डॉक्टर द्वारा बताए इनहेलर या नेबुलाइजर का इस्तेमाल करें। तकिया ऊंचा रखें और कमरे में नमी बनाए रखें। गर्म पानी से गरारे करें और एलर्जी ट्रिगर्स से दूर रहें।रात में ज्यादा खांसी आए तो क्या करना चाहिए?
अगर रात में खांसी बढ़े, तो तुरंत बैठ जाएं और गुनगुना पानी पीएं। जरूरत हो, तो इनहेलर साथ रखें। कमरे में हवा साफ और नमीयुक्त रखें। बार-बार खांसी हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।