Can Side Sleeping Cause Wrinkles: हमारी त्वचा की 3 मुख्य लेयर्स होती हैं। पहली त्वचा की सबसे बाहरी परत एपिडर्मिस (Epidermis), दूसरी डर्मिस (Dermis) और तीसरी हाइपोडर्मिस (Hypodermis)। जब त्वचा की ये परतें उम्र के साथ कमजोर होने लगती हैं, तो कोलेजन और इलास्टिन की मात्रा घटने लगती है। इससे त्वचा में लचीलापन कम हो जाता है, जिससे झुर्रियां बनने लगती हैं। झुर्रियां त्वचा पर बनने वाली पतली लाइन्स या सिलवटें होती हैं। यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत है। त्वचा की सतह पर झुर्रियों का दिखना इस बात का संकेत होता है कि त्वचा की निचली परतें कमजोर हो रही हैं। कई लोगों की त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे- खराब लाइफस्टाइल, स्किन केयर रूटीन फॉलो न करना, धूम्रपान करना, तनाव में रहना आदि। झुर्रियों को स्लीपिंग पोजीशन के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। कुछ लोगों को मानना है कि सोते समय करवट लेने से शरीर और त्वचा की पोजीशन से त्वचा पर दबाव पड़ता है और झुर्रियां हो जाती हैं। इस लेख में जानेंगे कि क्या वाकई करवट लेकर सोने से झुर्रियां होती हैं या नहीं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा (Dr. Devesh Mishra) से बात की।
क्या करवट लेकर सोने से त्वचा पर झुर्रियां होती हैं?- Does Side Sleeping Cause Wrinkles
डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि करवट लेकर सोने से झुर्रियां नहीं होतीं। झुर्रियां त्वचा पर समय के साथ उम्र बढ़ने, सूरज की रोशनी, धूम्रपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती हैं। हालांकि गलत ढंग से सोने के कारण त्वचा पर झुर्रियां हो सकती हैं। जब आप करवट लेकर सोते हैं, तो आपका चेहरा तकिए या बिस्तर पर 7 से 8 घंटे दबाव में रहता है। इससे त्वचा पर क्रशिंग इफेक्ट (Crushing Effect) पड़ता है, जो समय के साथ झुर्रियों का कारण बन सकता है। इस प्रक्रिया में त्वचा का कोलेजन और इलास्टिन, जो त्वचा को लचीला और मजबूत बनाते हैं, समय के साथ कमजोर होने लगते हैं। खासकर जब आप एक ही करवट पर लगातार सोते रहते हैं, तो त्वचा पर दबाव के कारण त्वचा में लाइन्स या फोल्ड्स बनने लगते हैं, जिन्हें 'स्लीप लाइन्स' कहा जाता है। ये लाइन्स धीरे-धीरे झुर्रियों में बदल सकती हैं।
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सोते समय झुर्रियां से बचने के तरीके- How to Prevent Sleep Wrinkles
जब आप करवट लेकर सोते हैं, तो चेहरे की त्वचा पर निरंतर दबाव और खिंचाव होता है, जिससे त्वचा की सतह पर लाइन्स बन सकती हैं। त्वचा की नाजुक परतें, जैसे गाल और आंखों के आसपास की त्वचा, इस खिंचाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। लंबे समय तक ऐसा होने के कारण झुर्रियां बन जाती हैं। सोते समय झुर्रियों से बचने के लिए इन बातों का ख्याल रखें-
- त्वचा का कोलेजन और इलास्टिन त्वचा का लचीलापन बनाए रखने में मदद करते हैं। एक ही करवट लेकर सोने से स्किन डैमेज की संभावना बढ़ जाती है। इस वजह से, त्वचा में झुर्रियां बननी शुरू हो जाती हैं। इसलिए अपनी स्लीपिंग पोजीशन बदलते रहें।
- एक ही तरफ करवट लेकर सोते हैं, तो त्वचा पर दबाव असंतुलित होता है, जिससे उस तरफ की त्वचा पर झुर्रियां ज्यादा दिखाई देने लगती हैं। इसलिए पोजीशन बदलना जरूरी है।
- सोने के लिए जिस तकिए का इस्तेमाल करते हैं, उसकी सामग्री भी त्वचा पर झुर्रियों का कारण बन सकती है। कॉटन फैब्रिक, सिल्क फैब्रिक ने बने कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पीठ के बल सोने से चेहरे पर कोई दबाव नहीं पड़ता और त्वचा को नुकसान होने की संभावना भी कम होती है। यह तरीका न केवल झुर्रियों को रोकने में मदद करता है, बल्कि रीढ़ की हड्डी और गर्दन के लिए भी फायदेमंद होता है।
- सोने से पहले एक अच्छे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना त्वचा को नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा ज्यादा लचीली रहती है और झुर्रियां आने की संभावना कम होती है। खासकर एंटी-एजिंग क्रीम या सीरम का इस्तेमाल त्वचा को पोषण देने में फायदेमंद होता है।
- चेहरे की नियमित मालिश और फेशियल एक्सरसाइज से त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे त्वचा की लचीलापन बनी रहती है और झुर्रियों को दूर रखने में मदद मिलती है।
- सूरज की हानिकारक यूवी किरणें त्वचा की उम्र बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाती हैं। इसलिए, दिन में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना भी जरूरी है ताकि झुर्रियां और अन्य एजिंग साइन्स उम्र से पहले न आएं।
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