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सांसों से जुड़ी समस्या का कारण बन सकता है साइलेंट अस्थमा, जानें इसके कारण और लक्षण

World Asthma Day 2025: अस्थमा में लोगों को फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं रहती है। लेकिन, इस दौरान कुछ लोगों को लक्षण महसूस नहीं होते हैं। इस तरह के अस्थमा को साइलेंट अस्थमा के नाम से जाना जाता है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और कारण के बारे में।
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सांसों से जुड़ी समस्या का कारण बन सकता है साइलेंट अस्थमा, जानें इसके कारण और लक्षण

World Asthma Day 2025: अस्थमा का सीधा संबंध हमारे लंग्स से होता है। इसमें व्यक्ति को खांसी और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सामान्यतः अस्थमा के कई लक्षण होते हैं. लेकिन यह लक्षण हर व्यक्ति में दिखाई दें यह कहना थोड़ा मुश्किल होगा। अस्थमा के लक्षण सामने नहीं आते हैं तो यह शरीर के अंदर की तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। इस तरह के अस्थमा को डॉक्टर्स साइलेंट अस्थमा कहते हैं। यह बिना किसी लक्षण के लंग्स को प्रभावित कर सकता है और कई मामलों में यह फेफड़ों की स्थिति को गंभीर कर सकता है। साइलेंट अस्थमा में खांसी या सांस फूलने जैसे आम लक्षण बहुत हल्के होते हैं या पूरी तरह से गायब हो सकते हैं, जिससे मरीज को इसका अहसास नहीं हो पाता। यही कारण है कि यह स्थिति अधिक खतरनाक हो सकती है, क्योंकि जब तक व्यक्ति डॉक्टर के पास पहुंचता है, तब तक फेफड़ों को काफी नुकसान हो चुका होता है। इस लेख में अपोलो अस्पताल नवी मुंबई के सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉक्टर जयालक्षमी टीके (Dr Jayalakshmi TK - Senior Consultant Pulmonology, Apollo Hospitals Navi Mumbai) से जानतें हैं कि साइलेंट अस्थमा के लक्षण और कारण क्या होते हैं?

साइलेंट अस्थमा क्या है? - What is Silent Asthma In Hindi

साइलेंट अस्थमा, अस्थमा का एक ऐसा प्रकार है जिसमें अस्थमा के लक्षण जैसे कि खांसी आना, सांस लेते समय आवाज आना या सांस का फूलना आदि बेहद हल्के होते हैं या पूरी तरह से गायब रहते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि बीमारी कम खतरनाक है, बल्कि यह अधिक जोखिमपूर्ण हो सकती है क्योंकि समय पर पहचान और इलाज नहीं हो पाता। इस प्रकार का अस्थमा अक्सर उन लोगों में देखा जाता है जिन्हें पहले से ही अस्थमा की कोई हल्की समस्या रही हो, लेकिन वे इसे नजरअंदाज करते रहे हों या जिनका शरीर पुरानें लक्षणों के बिना ही प्रतिक्रिया करता हो।

साइलेंट अस्थमा के कारण - Causes Of Silent Asthma in Hindi

साइलेंट अस्थमा के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिन्हें आगे बताया गया है।

प्रदूषण (Pollution)

वायु प्रदूषण विशेष रूप से शहरों में रहने वाले लोगों में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से फेफड़ों की सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है, जो साइलेंट अस्थमा का रूप ले सकती है।

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एलर्जी (Allergies)

धूल, पराग, पालतू जानवरों की रूसी, फफूंदी आदि से होने वाली एलर्जी साइलेंट अस्थमा का ट्रिगर बन सकती है।

स्ट्रेस और तनाव बना रहना

क्रोनिक तनाव या चिंता साइलेंट अस्थमा के लक्षणों को और छुपा सकती है। शरीर की प्रतिक्रिया धीमी हो जाती है और रोगी को अहसास तक नहीं होता कि फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं।

दवाइयों का गलत प्रयोग

कुछ लोग अस्थमा की नियमित दवाएं नहीं लेते या इन्हें समय पर छोड़ देते हैं, जिससे शरीर की प्रतिक्रिया धीरे-धीरे कम होती जाती है और लक्षण ‘साइलेंट’ हो जाते हैं।

जेनेटिक फैक्टर

कई बार यह बीमारी घर के किसी सदस्य के कारण के कराण हो सकती है, जहां लक्षण आम अस्थमा की तरह दिखाई नहीं देते।

साइलेंट अस्थमा के लक्षण - Symptoms Of Silent Asthma In Hindi

ऐसा नहीं है कि साइलेंट अस्थमा का कोई लक्षण नहीं होता है। इस स्थिति में लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, और कई बार तो इनको नजरअंदाज कर दिया जाता है। फिलहाल आगे जानते हैं कुछ हल्के और सामान्य लक्षण के बारे में।

  • रोजमर्रा की हल्की गतिविधियों के बाद भी थकान महसूस होना इस रोग का संकेत हो सकता है। यह फेफड़ों की कम होती कार्यक्षमता का परिणाम होता है।
  • कोई दर्द नहीं, लेकिन छाती भारी महसूस होना या किसी बोझ जैसा दबाव महसूस होना। यह एक साइलेंट अलार्म हो सकता है।
  • रात में सांस ठीक से न आना, बार-बार नींद से जागना। यह भी फेफड़ों में सूजन का सूचक हो सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति पहले की तुलना में जल्दी थकने लगा हो, सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई हो रही हो, तो यह सांस की तकलीफ का संकेत हो सकता है, भले ही कोई खांसी या विजिंग (सांस लेते समय आवाज आना) न हो।

इसे भी पढ़ें: अस्थमा अटैक आने पर क्या करना चाहिए? जानें कैसे करें मरीज की मदद

साइलेंट अस्थमा की जांच के लिए डॉक्टर स्पाइरोमीट्री टेस्ट (फेफड़ों की कार्यक्षमता जांचना), पीक फ्लो मीटर टेस्ट (सांस छोड़ने की गति मापना), एलर्जी टेस्ट, यदि जरूरी हो तो एक्स-रे या CT स्कैन कराया जा सकता है। इसकी पुष्टि के बाद डॉक्टर इलाज शुरु करते हैं। साइलेंट अस्थमा एक ऐसा रोग है जो बिना किसी खास चेतावनी के व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है। यह आवश्यक है कि हम अपने शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को गंभीरता से लें। सांस की किसी भी असामान्यता को नजरअंदाज न करें, भले ही वह हल्की क्यों न हो।

FAQ

  • अस्थमा से बचने के लिए क्या करें?

    यदि आपको अस्थमा का गंभीर अटैक पड़ता है, तो आपको तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। इससे बचाव के लिए आपको सबसे पहले इनहेलर का उपयोग करना चाहिए। इनहेलर आपके वायुमार्ग को खोलने के लिए तेजी से काम करने वाली दवाओं का उपयोग करता है। साथ ही ज्यादा धूल मिट्टी, गंदगी और प्रदूषण वाली जगह में न जाएं। घर का माहौल भी साफ सुथरा रखें।
  • अस्थमा के ट्रिगर प्वाइंट क्या होते हैं?

    अस्थमा के कई ट्रिगर प्वाइंट्स हो सकते हैं, जैसे एलर्जी, वायु प्रदूषण, श्वसन संक्रमण, व्यायाम और धुएं जैसे उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आना। फैमिली हिस्ट्री, खास तौर पर अस्थमा या एलर्जी, भी जोखिम को बढ़ाता है।
  • अस्थमा की शुरुआत कैसे होती है?

    अस्थमा वायुमार्ग में सूजन (सूजन) के कारण होता है। जब अस्थमा का अटैक पड़ता है, तो वायुमार्ग की परत सूज जाती है और वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। जब ये मार्ग छोटा हो जाता है, तो वायुमार्ग से गुजरने वाली हवा की मात्रा कम हो जाती है।

 

 

 

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