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Does Your Need More Sleep During Menopause: आमतौर पर मेनोपाॅज 40 साल की उम्र के बाद होता है। कुछ महिलाओं में यह फेज कुछ महीनों तक चलता है, तो कुछ महिलाओं में सालों तक जारी रहता है। मेनोपाॅज का मतलब होता है पीरियड्स का पूरी तरह बंद हो जाना। मेनोपाॅज के बाद महिलाओं का रिप्रोडक्टिव आॅर्गन काम करना बंद कर देता है, जिससे वे कभी भी दोबारा प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं। बहरहाल, मेनोपाॅज के दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं। इसका असर उनकी एनर्जी लेवल पर पड़ता है। तो क्या इस स्थिति में महिलाओं को अधिक रेस्ट करने की जरूरत पड़ती है। आइए, जानते हैं Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।
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मेनोपॉज में महिलाओं को ज्यादा रेस्ट की जरूरत क्यों होती है?- Do You Need More Sleep During Menopause
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मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को रेस्ट करने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में कमी आ जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति को नींद बाधित होने लगती है। यही नहीं, मेनोपाॅज के दौरान महिलाओं को हॉट फ्लैशेज, रात को पसीना आना, एंग्जाइटी और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होती हैं, जो उन्हें पर्याप्त नींद लेने नहीं देती हैं। इसी वजह से मेनोपाॅज हो रही महिलाओं का शरीर थकान और कमजोरी से घिर जाता है। इससे रिकवरी में उन्हें अधिक रेस्ट करने की जरूरत होती है। अगर मेनोपाॅज हो रही महिलाएं पर्याप्त रेस्ट नहीं करती हैं, तो इसकी वजह से उन्हें कई तरह कह समस्याओं का रिस्क बढ़ जाता है। जैसे स्लीप एपनिया और रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम। NCBI की एक रिपोर्ट की मानें मेनोपॉज में महिलाओं को अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है। इससे उनकी ओवर ऑल हेल्थ इफेक्ट होती है।
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मेनोपाॅज में रेस्ट न करने पर क्या होता है?
हार्मोन में बदलावः अगर मेनोपाॅज में महलाएं पर्याप्त रेस्ट नहीं करती हैं, तो इसकी वजह हार्मोनल फ्लक्चुएशन बढ़ जाता है। वैसे भी मेनोपाॅज में प्राॅपर तरीक से पीरियड्स न होने पर हार्मोन के बदलावों पर गहरा असर पड़ता है। इसे संतुलित बनाए रखने के लिए अच्छी तरह रेस्ट करना जरूरी होता है।
हाॅट फ्लैशेज का बढ़नाः मेनोपाॅज में हाॅट फ्लैशेज होना भी सामान्य समस्या होती है। अगर महिलाएं पर्याप्त रेस्ट नहीं करतीं हैं, तो यह समस्या और बढ़ सकती है। आपको बता दें कि कई बार हाॅट फ्लैशेज इतने खतरनाक हो जाते हैं कि महिलाओं को एसी की हवा में भी गर्मी लगने लगती है और वह उनके लिए असहनीय हो जाता है।
मूड स्विंग होनाः हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग होना स्वाभाविक हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो पीरियड्स, प्यूबर्टी या मेनोपाॅज हर फेज में ब्लीडिंग प्रभावित होती है। इस स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है, जो एंग्जाइटी को ट्रिगर करता है। इससे मूड स्विंग होना एक काॅमन समस्या बनकर उभरता है।
स्लीप डिसऑर्डर की दिक्कतः मेनोपाॅज के दौरान महिलाओं को पहले से ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर वे अच्छी तरह रेस्ट नहीं करती हैं, तो उन्हें रेस्टलेस लेग सिंड्रोम और स्लीप एपनिया जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
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निष्कर्ष
चूंकि, मेनोपाॅज के दौरान 40 साल की उम्र के बाद होता है। ऐसे में शरीर पहले से ही कमजोर होता है। साथ ही, मेनोपाॅज की वजह से शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। इनसे निपटने के लिए आवश्यक है कि आप पर्याप्त रेस्ट करें। एक दिन में कम से कम 8-9 घंटे की नींद जरूर लें और मन को रिलैक्स रखें। साथ ही, लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को अपनाएं।
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FAQ
मेनोपॉज कितने साल तक चलता है?
मेनोपाॅज होने का समय फिक्स नहीं होता है। कुछ महिलाओं में यह स्थिति महीनों तक रहती है, तो कुछ महिलाओं में 8 सालों तक चलती है। जब किसी महिला को लगातार 12 महीने तक पीरियड्स न हों, तो समझ सकते हैं कि मेनोपाॅज हो गया है।आपको कैसे पता चलेगा कि आपका मेनोपॉज कब खत्म हो गया है?
आापको यह नोटिस करना कि आपखिरी पीरियड कब आया था? अगर साल भर तक मासिक धर्म न आएं, स्पाॅटिंग और ब्लीडिंग भी न हो। इसका मतलब है कि मेनोपाॅज का फेज खत्म हो चुका है।मेनोपॉज में क्या खाएं?
मेनोपाॅज के दौरान हार्मोनल बदलाव, हड्डियों का कमजोर होना, कैल्शियम की कमी, बालों का झड़ना जैसी कई परेशानियां होती हैं। ऐसे में आपको अपनी डाइट को संतुलित रखना चाहिए, ताकि समस्याओं के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। इसमें डाइट के तौर पर आप कैल्शियम और विटामिन डी (दूध, दही, हरी सब्जियां, बादाम), हृदय और सूजन कम करने के लिए ओमेगा-3 (अलसी, अखरोट, मछली), मांसपेशियों के लिए प्रोटीन (दालें, अंडे, टोफू) और पाचन के लिए फाइबर (साबुत अनाज, फल, सब्जियां) शामिल करें।
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Dec 10, 2025 18:12 IST
Published By : Meera Tagore