Sawan me sag: सावन का महीना आते ही लोगों के खान-पान में कई सारे परहेज आ जाते हैं। कुछ लोग इस पूरे महीने दूध नहीं पीते तो कुछ बैंगन जैसी चीजों के सेवन से बचते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इस महीने मीट-मछली छोड़कर सात्विक भोजन करने लगते हैं। लेकिन, आज हम बात करेंगे कि सावन में लोग साग खाने से क्यों मना करते हैं। जबकि साग कई प्रकार के पोषक तत्वों और न्यूट्रिशन से भरपूर होता है तो इसके सेवन से बरसात के इस मौसम में आपको कैसे नुकसान हो सकता है। आइए, जानते हैं इस बारे में Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से।
सावन महीने में साग क्यों नहीं खाना चाहिए-Why Avoid Saag in Sawan Season?
Suparna Mukherjee बताती हैं कि सावन के महीने में साग यानी हरी पत्तेदार सब्जियां न खाने की परंपरा भारत में लंबे समय स चली आ रही है, जो धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक सिद्धांतों दोनों पर आधारित है। यहां कारणों का विवरण दिया गया है। जैसे कि
-इंफेक्शन का जोखिम बढ़ना (Increased Contamination Risk): सावन मानसून के मौसम के साथ मेल खाता है। उच्च आर्द्रता, नमी और बारिश पत्तेदार साग पर बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी और कीड़ों के लिए एक आदर्श प्रजनन भूमि बनाती है। अच्छी तरह से धोने के बाद भी, इन दूषित पदार्थों को पूरी तरह से निकालना मुश्किल है, जिससे पेट में इंफेक्शन, अपच और परजीवी संक्रमण जैसी खाद्य जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
-पाचन संबंधी समस्याएं (Digestive Issues): मानसून का मौसम स्वाभाविक रूप से शरीर में पाचन अग्नि को कमजोर कर सकता है, जिससे पाचन धीमा हो जाता है। साग, फाइबर में उच्च और कभी-कभी पचाने में भारी होने के कारण पाचन तंत्र पर और अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे सूजन और बेचैनी हो सकती है। आयुर्वेद इस समय के दौरान हल्के, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने का सुझाव देता है।
-पित्त असंतुलन (Pitta Imbalance): कुछ आयुर्वेदिक ग्रंथों का सुझाव है कि पत्तेदार साग सावन के महीने में पित्त को बढ़ा सकता है, जिससे पाचन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है।
-एल्कलॉइड सामग्री (Alkaloid Content): इस मौसम में कुछ पत्तेदार सब्जियों में एल्कलॉइड की मात्रा अधिक हो सकती है, जो कुछ व्यक्तियों में एलर्जी या पाचन संबंधी परेशानी पैदा कर सकती है।
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धार्मिक और पारंपरिक मान्यताएं-Religious and Traditional Beliefs
-पवित्रता और सात्विक आहार: सावन भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र महीना है और भक्त अक्सर उपवास रखते हैं और सात्विक यानी शुद्ध, हल्का और पौष्टिक आहार का पालन करते हैं। साग को कभी-कभी संदूषण की संभावना और इसकी भारी प्रकृति के कारण कम सात्विक माना जाता है।
-प्रकृति के प्रति सम्मान: ऐसी मान्यता है कि सावन के दौरान, प्रकृति अपने प्रजनन के चरण में होती है और ताजी उगाई गई हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन इस प्रक्रिया को बाधित करने या उनमें रहने वाले छोटे जीवों को नुकसान पहुंचाने के रूप में देखा जा सकता है। भगवान शिव भी प्रकृति से जुड़े हैं, और ऐसी हरी सब्जियों का सेवन करना अपमानजनक माना जाता है।
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इन विकल्पों को आप अपना सकते हैं
सावन के मौसम में कुछ वैकल्पिक सब्जियां खाई जा सकती हैं, जो पचाने में आसान होती हैं। मानसून के मौसम के अनुसार मौसमी आहार लेने से संतुलन और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आप लौकी, तुरई और करेला जैसी अन्य सब्जियां सावन के मौसम के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।
व्यक्तिगत जरूरतों और स्वास्थ्य स्थितियों के लिए सबसे अच्छा आहार दृष्टिकोण निर्धारित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है। सावन के मौसम में साग न खाने के पीछे के कारणों को समझकर, व्यक्ति अपने आहार के बारे में सूचित विकल्प बना सकते हैं और इस दौरान संतुलन और स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं।
सावन के दौरान अक्सर भगवान शिव को दूध और दही चढ़ाया जाता है। कुछ परंपराओं में देवताओं को चढ़ाई जाने वाली चीजों के सेवन से बचने का सुझाव दिया जाता है। हालांकि साग को सीधे तौर पर नहीं चढ़ाया जाता है, लेकिन सामान्य तौर पर पवित्रता और हल्के भोजन पर जोर दिया जाता है। संक्षेप में, सावन के दौरान साग से परहेज करने की परंपरा वर्ष के संवेदनशील समय के दौरान स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक व्यावहारिक उपाय है, जो आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों के साथ मिलकर पवित्रता और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध पर जोर देती है।
FAQ
सावन में बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए?
सावन के महीने में बैंगन नहीं खाने के पीछे कारण यह है कि इसे अशुद्ध माना जाता है, खासकर सावन के महीने में जब नमी के कारण इसमें कीड़े लगने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा इससे फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का भी खतरा होता है।सावन उपवास में क्या खाना चाहिए
सावन उपवास में आपको सात्विक भोजन खाना चाहिए। जैसे कि आप फल, आलू, साबूदाना और कुट्टू आदि से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं। कुल मिलाकर आपको प्याज लहसुन के बिना सात्विक भोजन करना चाहिए।सावन के व्रत में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?
सावन के व्रत में आपको प्याज, लहसुन और दूध से बनी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, इस मौसम में पाचन क्रिया कमजोर रहता है जिससे खाना पचाने में मुश्किल होती है।