आज के दौर में ऑफिस में नौ घंटे काम करना और हर समय काम के बारे में ही सोचना हमारे लिए कई बार सिरदर्द या स्ट्रेस का कारण बन जाता है। वहीं, गांंव व परिवार से दूर रहना भी लाइफ को बोझिल बनाने लगता है, जिसका सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। यही वजह है कि ज्यादातर शहरी युवा देर रात तक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। इस दौरान उनको मानसिक थकान और उदासी का सामना करना पड सकता है, ऐसे में स्ट्रेस और मानसिक थकान को दूर करने के लिए लोग अकसर चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं। ऐसे में सवाल उठाता है कि हल्के स्ट्रेस या मानसिक थकान को दूर करने के लिए चाय या कॉफी पीने से क्या किसी व्यक्ति के डिप्रेशन के लक्षणों में भी दूर किया जा सकता है। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डाइटीशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि क्या कॉफी से डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलती है?
रिसर्च कॉफी और डिप्रेशन के बीच क्या है संबंध बताती है? - Connection Between Coffee And Depression In Hindi
कॉफी में मुख्य रूप से कैफीन नामक पदार्थ होता है जो एक नेचुरल रूप से सेंट्रल नर्वस सिस्टम स्टिमुलेंट की तरह कार्य करता है। यानी यह दिमाग को उत्तेजित करता है और सतर्कता बढ़ाता है। रिसर्च बताती हैं कि कैफीन मूड बूस्टर की तरह काम कर सकता है और उदासी के लक्षणों को कुछ समय के लिए कम कर सकता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं रोजाना दो से तीन कप कॉफी पीती हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा 15% तक कम हो सकता है। इसी तरह के और भी शोध यह संकेत देते हैं कि कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव डालने वाले तत्व डिप्रेशन के खिलाफ सहायक हो सकते हैं।
डिप्रेशन में कॉफी के संभावित फायदे - Benefits Of Coffee During Depression In Hindi
मूड में सुधार करना
कॉफी में मौजूद कैफीन डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे “हैप्पी हार्मोन्स” के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह मूड को थोड़ा हल्का और एनर्जेटिक बना सकता है, जिससे डिप्रेसिव फीलिंग्स कुछ समय के लिए कम हो सकती हैं।
थकान को कम करने में सहायक
डिप्रेशन में अक्सर व्यक्ति लगातार थका हुआ महसूस करता है और सोने या जागने की साइकिल को मेंटेन नहीं कर पाता है। कॉफी अलर्टनेस को बढ़ाकर एनर्जी बढ़ाती है और साथ ही आपकी नींद को दूर करती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
कॉफी में पाए जाने वाले क्लोरोजेनिक एसिड, फेरुलिक एसिड और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स दिमाग की कोशिकाओं का बचाव करते हैं और सूजन (inflammation) को कम करने में मदद करते हैं, जो डिप्रेशन से जुड़ा एक बड़ा कारण है।
सोशल कनेक्शन में मददगार
कॉफी कई बार सामाजिक संपर्क का माध्यम भी बन जाती है। लोगों के साथ मिलना सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं, जो डिप्रेशन से उबरने के लिए जरूरी माना जाता है।
लेकिन कॉफी पीते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- कॉफी की अधिकता से एंजायटी, नींद की समस्या, दिल की धड़कन तेज और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं। ये सभी डिप्रेशन को और खराब कर सकते हैं।
- यदि आप रात को कॉफी पीते हैं तो इससे आपकी नींद प्रभावित हो सकती है। डिप्रेशन के इलाज में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रात के समय कैफीन से बचें।
- कोशिश करें कि कॉफी में अधिक शुगर और फ्लेवरिंग न हों। प्राकृतिक या ब्लैक कॉफी बेहतर विकल्प है और दिन में 1 से 2 कप पर्याप्त है।
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कॉफी डिप्रेशन के हल्के लक्षणों को अस्थायी रूप से कम करने में सहायक हो सकती है। यह मूड को बूस्ट करती है, थकान दूर करती है और सामाजिकता को बढ़ावा देती है। लेकिन इसकी अधिकता नुकसानदायक हो सकती है, इसलिए कॉफी को संतुलित मात्रा में ही पीनी चाहिए।
FAQ
क्या रोजाना कॉफी पीने से डिप्रेशन दूर हो सकता है?
नहीं, कॉफी केवल मूड को अस्थायी रूप से बेहतर बनाती है। डिप्रेशन का उपचार सही परामर्श, दवाइयों और लाइफस्टाइल बदलाव से ही संभव है।क्या डिप्रेशन में प्राणायाम फायदेमंद हो सकता है?
डिप्रेशन के लिए प्राणायाम एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है। प्राणायाम, रेस्पिरेटरी समस्याओं को दूर करने की एक प्राचीन योग तकनीक है। यह तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं में मदद कर सकता है।डिप्रेशन के क्या लक्षण होते हैं?
लगातार उदासी, चीजों में रुचि कम होना, ऊर्जा की कमी, सोने या खाने में परेशानी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और आत्महत्या के विचार शामिल हैं।