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कैल्शियम ओवरडोज से हार्ट को क्यों होता है नुकसान? डॉक्टर ने बताई कैल्शियम लेने की सही मात्रा

Overdose Calcium Can Cause Heart: अगर आप भी कैल्शियम सप्लीमेंट रोजाना बिना डॉक्टर की सलाह के लेते हैं, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका असर हार्ट पर पड़ सकता है। कैल्शियम का ओवरडोज हार्ट को क्यों नुकसान पहुंचाता है, इस बारे में डॉक्टर ने विस्तार से बताया।

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कैल्शियम ओवरडोज से हार्ट को क्यों होता है नुकसान? डॉक्टर ने बताई कैल्शियम लेने की सही मात्रा


Overdose Calcium Can Cause Heart: यह तो हम सभी को पता है कि कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। कैल्शियम न सिर्फ हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूती देता है, बल्कि मांसपेशियों को सिकुड़ने, ब्लड क्लॉटिंग से बचाता है और नसों को काम करने के लिए भी कैल्शियम की ही जरूरत होती है। NIH की रिपोर्ट के अनुसार, शरीर का लगभग 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में मौजूद होता है, जबकि बाकी 1% ब्लड और टिश्यू में रहता है। इसलिए इसका बैलेंस होना बहुत जरूरी है। अक्सर लोगों को लगता है कि जोड़ों में दर्द है, तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए कैल्शियम सप्लीमेंट लेने लगते हैं। इससे कई बार कैल्शियम जरूरत से ज्यादा मात्रा में शरीर में जमा होने लगता है और इसका नुकसान हार्ट को होता है। कैसे कैल्शियम का ओवरडोज हार्ट को नुकसान पहुंचाता है? यह जानने के लिए हमने दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रवि प्रकाश (Dr. Ravi Prakash, Senior Consultant – Cardiology, PSRI Hospital, New Delhi) से बात की।

कैल्शियम ओवरडोज से आर्टरीज क्यों नुकसान होता है?

डॉ. रवि कहते हैं,“जब ब्लड में कैल्शियम का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है, तो आर्टरीज की दीवारों पर जमा होने लगता है। इस प्रोसेस को Arterial Calcification यानी कि धमनियों में कैल्शियम जमना कहते हैं। इस वजह से आर्टरीज सख्त और सिकुड़ जाती हैं। हार्ट को पंप करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है और इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज न करने पर आर्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है। दरअसल, आसान भाषा में कहें, तो ज्यादा कैल्शियम आर्टरीज का लचीलापन खत्म कर देता है और ब्लड के फ्लो में रुकावट आने लगती है।”

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कैल्शियम ओवरडोज से ब्लड क्लॉट होना

डॉ. रवि ने बताया, “जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है, तो कई जगह ब्लड क्लॉटिंग होने लगती है। ये क्लॉट हार्ट तक ब्लड के फ्लो को रोक देते हैं और जिससे हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियां भी हो सकती हैं। इसलिए मैं सभी को सलाह देता हूं कि बिना डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम सप्लीमेंट बिल्कुल न लें।”

कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेना ज्यादा रिस्की क्यों है?

डॉ. रवि प्रकाश ने कहा, “आमतौर पर देखा गया है कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने से कैल्शियम शरीर में ज्यादा हो जाता है। दरअसल, कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए काफी लंबे समय तक कैल्शियम टैबलेट्स लेते रहते हैं, जिससे शरीर में कैल्शियम का बैलेंस बिगड़ जाता है। सप्लीमेंट्स से लिया गया अतिरिक्त कैल्शियम ब्लड में जमा होने लगता है, जबकि नेचुरल तरीकों जैसे दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियों से लिया गया कैल्शियम सही तरीके से ऑब्जर्ब होता है। मैं हमेशा मरीजों को कहता हूं कि बिना वजह कैल्शियम सप्लीमेंट्स न लें, इससे हार्ट को नुकसान होता है।”

कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेते समय किन लोगों को ज्यादा ध्यान रखना चाहिए?

डॉ. रवि कहते हैं कि कुछ बीमारियों में शरीर पहले से ही मिनरल बैलेंस की कोशिश में लगा होता है, ऐसे में कैल्शियम का ओवरडोज आर्टरीज के बैलेंस को बिल्कुल ही बिगाड़ देता है।

  1. हार्ट के रोगियों को कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  2. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को खुद से कैल्शियम सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए।
  3. किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों को कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  4. डायबिटीज रोगियों को बिना डॉक्टरी सलाह कैल्शियम नहीं लेना चाहिए।

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रोजाना कैल्शियम की कितनी मात्रा सही है?

NIH में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, Recommended Dietary Allowances (RDA) ने सभी उम्र के लोगों के लिए रोजाना कैल्शियम लेने की मात्रा बताई है।

उम्र पुरुष महिलाएं गर्भवती महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग मदर्स
0–6 महीने 200 mg 200 mg    
7-12 महीने 260 mg 260 mg    
1-3 साल 700 mg 700 mg    
4-8 साल  1000 mg 1000mg    
9-13 साल 1300 mg  1300 mg     
14-18 साल 1300 mg 1300 mg 1300 mg  1300 mg
19-50 साल 1000 mg  1000 mg  1000 mg  1000 mg
51-70 साल 1000 mg  1200 mg     
70 से ज्यादा साल  1200 mg  1200 mg    

कैल्शियम कैसे पूरा करें?

डॉ. रवि ने कैल्शियम पूरा करने के आसान तरीके बताए हैं।

  1. खाने में डेयरी, सब्जियों, नट्स और प्रोटीन का सही मात्रा में लें।
  2. विटामिन D कैल्शियम को ऑब्जर्ब करने में मदद करता है, इसलिए सुबह-शाम की धूप में बैठें।
  3. अगर जरूरत हो, तो डॉक्टर से टेस्ट करवाकर ही सप्लीमेंट्स लें।
  4. रोजाना वॉक, योग और स्ट्रेचिंग से हड्डियों और हार्ट की हेल्थ को बेहतर रहता है।

निष्कर्ष

डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि कैल्शियम जितना जरूरी है, उतना ही उसका बैलेंस महत्वपूर्ण है। इसलिए ज्यादा कैल्शियम लेने से बचना चाहिए। कैल्शियम का ओवरडोज हड्डियों को लिए भी फायदेमंद नहीं है और इससे हार्ट को तो नुकसान पहुंचता ही है। इसके साथ सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें और नेचुरल रिसोर्स से कैल्शियम लेना ही सबसे सेफ तरीका है।

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  • Oct 27, 2025 17:11 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Oct 27, 2025 17:11 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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