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हार्ट अटैक के पहले कुछ मिनट क्यों महत्वपूर्ण हैं? डॉक्टर से जानें

हार्ट अटैक का जोखिम आज के समय में बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन, अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने के शुरुआती कुछ मिनटों में सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है
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हार्ट अटैक के पहले कुछ मिनट क्यों महत्वपूर्ण हैं? डॉक्टर से जानें


भारत में बड़े-बुजुर्गों से लेकर बच्चों में दिल की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन चुका है। WHO के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल होने वाली करीब 28% मौतों का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होती है। यह आंकड़ा न सिर्फ चौकाने वाला है, बल्कि इस बात की ओर इशारा करता है कि हमें दिल से जुड़ी बीमारी को लेकर ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है, खासकर हार्ट अटैक जैसी स्थिति में। लेकिन, क्या आपको पता है हार्ट अटैक आने के बाद के कुछ मिनट ऐसे होते हैं, जिसमें सही इलाज की मदद से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट - कार्डियोलॉजी डॉ. दीपक अग्रवाल से जानते हैं कि हार्ट अटैक के पहले कुछ मिनट क्यों अहम होते हैं?

हार्ट अटैक के पहले कुछ मिनट क्यों जरूरी हैं?

डॉ. दीपक अग्रवाल के अनुसार दिल के दौरे के बाद पहला घंटा “गोल्डन ऑवर” कहलाता है। इस दौरान पीड़ित को तुरंत सही इलाज मिलने पर दिल को स्थायी नुकसान पहुंचाने से बचाया जा सकता है। अगर मरीज इस समय में अस्पताल पहुंच जाए और उसे सही समय पर जरूरी इलाज मिल जाए जैसे- खून का थक्का पिघलाने की दवा या एंजियोप्लास्टी तो पीड़ित के मौत का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक अग्रवाल का कहना है कि, “भारत में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मरीज लक्षण शुरू होने के बाद चार से छह घंटे तक अस्पताल नहीं पहुंच पाता है। अस्पताल पहुंचने में होने वाली ये देरी ही हार्ट अटैक के कारण मौत होने का मुख्य कारण बनता है।"

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हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत

डॉ. दीपक अग्रवाल के अनुसार, दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनी में अचानक रुकावट आ जाती है। इस दौरान दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और वो डैमेज होने लगती ह है। डॉ. दीपक अग्रवाल के अनुसार मरीज अक्सर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, अगर आपको ये लक्षण नजर आए तो बिना देर किए तुरंत पीड़ित को डॉक्टर के पास ले जाएं-

  • सीने में दबाव या भारीपन महसूस होना
  • बाएं हाथ, पीठ, जबड़े या पेट तक फैलता हुआ दर्द
  • पसीना आना और घबराहट महसूस होना
  • सांस लेने में मुश्किल होना
  • अचानक चक्कर या बेहोशी होना

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हार्ट अटैक आने पर क्या करें?

डॉ. दीपक अग्रवाल का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत उसका इलाज करना बहुत जरूरी है। इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आए तो आप इन बातों को ध्यान में रखें-

  • तुरंत आपातकालीन नंबर या स्थानीय एम्बुलेंस सेवा के नंबर पर कॉल करें।
  • मरीज को शांत और आराम की स्थिति में बैठाने की कोशिश करें।
  • अगर डॉक्टर ने पहले से सलाह दी है तो आप मरीज को एस्प्रिन की गोली दे सकते हैं।

भारत में हार्ट अटैक से जुड़ी चुनौतियां

भारत में दिल की बीमारियों के बढ़ने के मामलों के पीछे हमारा खानपान और लाइफस्टाइल है। ऑयली फूड, ज्यादा नमक, स्मोकिंग और शारीरिक गतिविधियों की कमी हार्ट अटैक आने का एक बड़ा कारण है। खासकर शहरों में तेज रफ्तार से भरा जीवन और गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी इस स्थिति को और ज्यादा गंभीर बनाता है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय लोग पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल पहले दिल की बीमारी से प्रभावित होते हैं। यह आंकड़ा भारतीय लोगों में दिल की बीमारी की स्थिति की गंभीरता को दिखाता है।

निष्कर्ष

हार्ट अटैक भले ही अचानक आता है, लेकिन इसके कारण होने वाली मौत को समय रहते रोका जा सकता है। अगर हार्ट अटैक आने के कुछ मिनटों में ही सही कदम उठा लिया जाए तो व्यक्ति के जान के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसलिए, आप गोल्डन ऑवर में ही पीड़ित को सही इलाज दिलाने की कोशिश करें।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • हार्ट अटैक ना आए इसके लिए क्या करें?

    हार्ट अटैक न आए इसके लिए जरूरी है कि आप स्मोकिंग करना छोड़ें, नियमित एक्सरसाइज करें, हेल्दी खाना खाएं, वजन कंट्रोल में रखें, तनाव कम करें और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें।
  • हार्ट अटैक आने का मुख्य कारण क्या है?

    हार्ट अटैक आने का मुख्य कारण कोरोनरी धमनियों में प्लाक का जमने के कारण रुकावट होना है। जब यह प्लाक फटका है तो व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है, जिससे दिल तक ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो रुक जाता है। इस रुकावट से दिल की मांसपेशियां डैमेज होने लगती है, जिससे हार्ट अटैक आता है।
  • हार्ट अटैक से पहले शरीर क्या संकेत देता है?

    हार्ट अटैक से पहले आपके सीने में दबाव, सांस फूलना, ठंडा पसीना आना, मतली, चक्कर आना, पीठ, हाथ, गर्दन या जबड़े में दर्द की समस्या होती है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 10, 2025 13:34 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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