hat is ECPR in Hindi: डॉक्टरों को ऐसी ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है। डॉक्टर मरते हुए मरीज की जान बचाकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसा ही कुछ भुवनेश्वर के एम्स के डॉक्टरों ने भी कर दिखाया है। दरअसल, डॉक्टरों ने मरीज के दिल की धड़कनें, जोकि 90 मिनट से बंद थीं, उसे दोबारा से धड़काया है। यह कामकाफी जटिल था, जिसके बाद हर कोई डॉक्टरों की वाह वाही कर रहे हैं। आमतौर पर दिल की धड़कनें एक बार रुक जाने के बाद मरीज को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह मामला 24 वर्षीय आर्मी जवान का है, जिसका दिल करीब 90 मिनट यानि 1.5 घंटे तक नहीं धड़का था।
90 मिनट तक बंद थीं दिल की धड़कनें
दरअसल, भुवनेश्वर के आर्मी के जवान को कार्डियक अरेस्ट आ गया था, जिसके बाद उसके दिल की धड़कनें 90 मिनट से भी ज्यादा समय तक रुकी रही थीं। इस दौरान उसके दिल ने धड़कना बंद कर दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे सीपीआर (CPR) दी, जिसके 40 मिनट बाद तक भी दिल धड़कना शुरू नहीं हुआ। किसी भी तरह की कार्डियक एक्टिविटी नहीं होने पर ई-सीपीआर का सहारा लेना सही समझा। ई-सीपीआर देने के कुछ देर बाद मरीज का दिल दोबारा से धड़कने लगा था।
क्या है ई-सीपीआर और कैसे करता है काम?
ई-सीपीआर यानि एक्स्ट्रकॉर्पोरील कार्डियोपल्मोनरी रेसुसिएशन (ECR) एक प्रकार की तकनीक है, जिसमें मशीन के जरिए मरीज के हार्ट तक ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। ई-सीपीआर ऐसी स्थिति में दिया जाता है, जब मरीज का हार्ट पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है और ब्लड की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती है। कुछ मामलों में यह तकनीक अपनाकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस तकनीक के जरिए मरीज के वेनस केनुला से गंदा खून निकाल दिया जाता है और ऑक्सीजनेटेड ब्लड को सुचारू रूप से हार्ट तक पहुंचाया जाता है। इससे हार्ट दोबारा से पंप करने लगता है।