डॉक्टर को ऐसे ही भगवान का अवतार नहीं कहा जाता है। डॉक्टर धरती पर भगवान का वह अवतार हैं, जो नहीं होने वाले काम को भी संभव कर मरीज जीवनदान देते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) से सामने आया है। जहां, डॉक्टरों ने एक 51 वर्ष की महिला की दोनों किडनी को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है। चलिए विस्तार से जानते हैं पूरे मामले के बारे में।
इतिहास में पहली बार एकसाथ ट्रांसप्लांट हुई दोनों किडनी
एम्स के डॉक्टरों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है। दरअसल, किडनी खराब होने के बाद महिला डायलिसिस पर थी। किडनी के खराब होने की वजह से महिला अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाती है। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने एक 78 साल की ब्रेन डेड महिला की दोनों किडनी को मरीज की शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक आमतौर पर अधिक उम्र के लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन यह सफलतापूर्वक ऑपरेशन का एक उदाहरण है।
काफी कठिनाइयों भरा था ऑपरेशन
दोनों किडनियों को एकसाथ ट्रांसप्लांट करना डॉक्टरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। अस्पताल के सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. असुरी कृष्णा के मुताबिक ऑपरेशन काफी कठिनाइयों से भरा था। इसके लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई थी, जिसके लिए डॉक्टरों ने काफी मेहनत की थी। महिला पहले डायलिसिस पर थी, लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी हालत पहले से स्थिर है।
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क्यों पड़ती है किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत?
- किडनी ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत मरीज को तब पड़ती है, जब उसे डायलसिस पर रखने के बाद भी आराम नहीं मिलता है।
- डायलसिस फेल होने के बाद मरीज के पास केवल किडनी ट्रांसप्लांट कराने का ही विकल्प बचता है।
- किडनी फेल होने या फिर क्रॉनिक किडनी डिजीज होने पर ट्रांसप्लांटेशन कराना पड़ता है।