Doctor Verified

Vitamin D के ओवरडोज से हो सकते हैं 5 नुकसान? जानें न्यूट्रिशनिस्ट से

Vitamin D Overdose: आजकल विटामिन डी की कमी होने पर लोग डॉक्टर से बिना पूछे विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने लग जाते हैं। इससे कई बार शरीर में Vitamin D का ओवरडोज होने लगता है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इस लेख में डॉक्टर ने विस्तार से बताया।

  • SHARE
  • FOLLOW
Vitamin D के ओवरडोज से हो सकते हैं 5 नुकसान? जानें न्यूट्रिशनिस्ट से


Vitamin D Overdose: विटामिन डी लेने का सबसे अच्छा तरीका सूरज की रोशनी लेना है। शायद यही वजह है कि इसे अक्सर ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहा जाता है। लेकिन आजकल बहुत से लोगों में विटामिन D की कमी पाई जा रही है क्योंकि लोग धूप में निकलना कम पसंद करते हैं या फिर सारा दिन ऑफिस में रहते हैं। इस वजह से उन्हें सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती। Vitamin D को पूरा करने के लिए लोग सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं। कई बार खुद ही विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं और इससे Vitamin D का ओवरडोज भी हो जाता है। यह ओवरडोज शरीर के किन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, यह जानने के लिए हमने नई दिल्ली के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की न्यूट्रिशनिस्ट गरिमा चौधरी (Garima Chaudhry, Nutritionist, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi) से बात की। सबसे पहले जानते हैं कि Vitamin D ओवरडोज क्या है?

विटामिन डी ओवरडोज क्या है?

गरिमा चौधरी कहती हैं, “जब शरीर को जरूरत से ज्यादा विटामिन डी सप्लीमेंट्स मिलते हैं, तो शरीर इसका इस्तेमाल करने कि बजाय शरीर में स्टोर करने लगता है। इससे ब्लड की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। इस कंडीशन को हाइपरविटामिनोसिस डी (Hypervitaminosis D) कहते हैं। वैसे तो व्यस्कों को रोजाना सामान्य रूप से 600–800 IU लेना चाहिए। अगर लंबे समय तक 4000 IU से ज्यादा विटामिन डी लिया जाए, तो शरीर में टॉक्सिसिटी यानी ओवरडोज की स्थिति बन सकती है।”

vitamin D overdose side effects docor quotes

इसे भी पढ़ें: उम्र से पहले बाल सफेद होना किन बीमारियों का है संकेत? डॉक्टर ने बताए बचाव के उपाय

विटामिन डी के ओवरडोज से होने वाले नुकसान

गरिमा चौधरी कहती हैं, “विटामिन डी जरूरी है, लेकिन इसका ओवरडोज शरीर के कैल्शियम स्तर को असंतुलित कर देता है, जिससे किडनी, दिल और हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है।”

हाइपरकैल्सीमिया

विटामिन डी ज्यादा होने पर ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है। इससे मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी, उल्टी, भूख न लगना, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और डिहाइड्रेशन हो सकती है। अगर इस तरह के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए।

किडनी की समस्या

ज्यादा कैल्शियम होने से किडनी में स्टोन जमा होने लगते हैं। इससे किडनी फेल्योर का रिस्क बढ़ सकता है। कई केस स्टडीज में पाया गया है कि विटामिन डी का ओवरडोज किडनी पर सबसे तेज असर डालता है क्योंकि यह कैल्शियम फिल्ट्रेशन के प्रोसेस में रुकावट डालता है।

हार्ट की दिक्कत

विटामिन डी के ओवरडोज से ब्लड में कैल्शियम का लेवल ज्यादा होने लगता है, जो आर्टरीज में जमा होना शुरू कर देता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट की धड़कनें अनियमित होती हैं और इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए जिन लोगों का बीपी बढ़ता है और वे कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो उन्हें कैल्शियम का चेकअप कराना चाहिए।

डाइजेशन में समस्या

विटामिन डी ओवरडोज से मतली, उल्टी, कब्ज, पेट दर्द या दस्त की समस्या होने लगती है। ये विटामिन डी ओवरडोज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर लोग इन लक्षणों को इग्नोर कर देते हैं, इसलिए इन संकेतों के दिखने पर डॉक्टर से चेकअप जरूर कराएं।

हड्डियों की कमजोरी

न्यूट्रिशनिस्ट गरिमा बताती हैं कि अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा विटामिन डी से हड्डियां और मजबूत होंगी, लेकिन ओवरडोज के कारण शरीर हड्डियों से कैल्शियम खींचना शुरू कर देता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लोगों को ज्यादा विटामिन डी नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर से चेकअप करके ही विटामिन डी सप्लीमेंट लेना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: सर्दियों में क्यों घटती है पुरुषों की फर्टिलिटी? डॉक्टर से जानें इसके कारण

विटामिन डी ओवरडोज से नेचुरली रिकवरी

गरिमा चौधरी कहती हैं कि लोगों को इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

  1. सबसे पहले विटामिन डी और कैल्शियम दोनों सप्लीमेंट्स बंद करें। शरीर धीरे-धीरे अतिरिक्त विटामिन डी को बाहर निकालना शुरू करता है।
  2. ज्यादा पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त कैल्शियम फ्लश होता है और किडनी सेफ होती है। दिन में कम से कम 3–3.5 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  3. ज्यादा नमक और कॉफी शरीर से पानी खींचते हैं और कैल्शियम का बैलेंस बिगड़ सकताह है। इसलिए कैफीन और नमक कम से कम लें।
  4. कुछ समय के लिए दूध, पनीर, चीज़ जैसे कैल्शियम-रिच फूड्स घटा दें, ताकि ब्लड में कैल्शियम बैलेंस हो सके।
  5. ताजे फल, हरी सब्ज़ियां और एंटीऑक्सिडेंट रिच फूड्स लें।
  6. ग्रीन टी, नारियल पानी और नींबू पानी से शरीर का डिटॉक्स बेहतर होता है।
  7. ब्लड और यूरिन टेस्ट के जरिए विटामिन डी और कैल्शियम का लेवल मॉनिटर करवाते रहें।

विटामिन डी ओवरडोज से कैसे बचें?

न्यूट्रिशनिस्ट गरिमा ने विटामिन डी ओवरडोज से बचने के लिए टिप्स दिए हैं।

  1. विटामिन डी सप्लीमेंट्स हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
  2. नेचुरल रिसोर्स जैसे सुबह की धूप, मछली, अंडा, दूध, और मशरूम से विटामिन डी लें।
  3. 4000 IU/दिन से ज्यादा डोज कभी न लें, जब तक डॉक्टर न कहें।
  4. ब्लड टेस्ट से हर 6 महीने विटामिन डी लेवल चेक करें।
  5. बच्चों और बुज़ुर्गों को कम मात्रा में सप्लीमेंट्स दें।

निष्कर्ष

गरिमा चौधरी कहती हैं कि विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन कैल्शियम का ओवरडोज शरीर के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए Vitamin D एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही करें और प्राकृतिक स्त्रोतों से ही विटामिन डी लेना सेफ है।

Read Next

Golden Hour For Stroke: स्ट्रोक के बाद पहले 4 घंटे ही क्यों होते हैं सबसे जरूरी? जानें डॉक्टर से

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 29, 2025 18:49 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Oct 29, 2025 18:49 IST

    Published By : Aneesh Rawat

TAGS