-1764586844153.webp)
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है, जो न सिर्फ हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है, बल्कि हमारे शरीर की मांसपेशियों, इम्यून सिस्टम और कई अंगों के प्रक्रियाओं के लिए भी बहुत जरूरी होता है। इसलिए, बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग हर उम्र के लोगों के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। हालांकि, आज के समय में कई लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ गई है। विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियों का कमजोर होना, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और बार-बार बीमारी होने की समस्या बढ़ जाती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि ज्यादा मात्रा में विटामिन डी लेना भी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि क्या ज्यादा मात्रा में विटामिन डी लेना लिवर के लिए हानिकारक होता है? आइए इस बारे में नोएडा स्थित मेट्रो अस्पताल के कंसल्टेंट - इंटरनल मेडिसिन के डॉ. अक्षय चुघ से विस्तार में जानते हैं-
इस पेज पर:-
क्या विटामिन डी लिवर को नुकसान पहुंचाता है?
डॉ. अक्षय चुघ के अनुसार, सामान्य मात्रा में विटामिन डी लेने से लिवर को नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह बहुत ही कम मामलों में लिवर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन, अगर आप जरूरत से ज्यादा विटामिन डी लेते हैं तो ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा मात्रा में विटामिन डी लेने से विटामिन डी टॉक्सिसिटी की स्थिति बन सकती है। यह टॉक्सिसिटी शरीर में कैल्शियम के स्तर को ज्यादा बढ़ा देती है। शरीर में कैल्शियम के बढ़ने से कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे किडनी, दिल और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।
इसे भी पढ़ें: क्या विटामिन D की कमी से बढ़ जाता है विंटर Joint Pain? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
-1764587028777.jpg)
विटामिन D टॉक्सिसिटी कब होती है?
डॉ. अक्षय चुघ के मुताबिक, विटामिन डी टॉक्सिसिटी तब होती है जब शरीर में इसका लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। क्लिनिकल गाइडलाइन के अनुसार विटामिन डी का 100 ng/ml से ज्यादा का लेवल शरीर में हाई माना जाता है और 150 ng/ml से ऊपर का लेवल खतरनाक टॉक्सिसिटी के दायरे में आता है।अक्सर लोग लंबे समय तक 10,000 IU या इससे ज्यादा विटामिन डी की खुराक लेते हैं, जिससे शरीर में विटामिन डी टॉक्सिसिटी का जोखिम बढ़ जाता है। बता दें कि विटामिन डी टॉक्सिसिटी आमतौर पर सूरज की रोशनी से नहीं, बल्कि विटामिन डी सप्लीमेंट्स के ज्यादा इस्तेमाल से होती है।
इसे भी पढ़ें: क्या त्वचा का रंग विटामिन D अवशोषण को प्रभावित करता है? डॉक्टर से जानें
किन लोगों में विटामिन डी टॉक्सिसिटी का जोखिम ज्यादा होता है?
डॉ. अक्षय चुघ के अनुसार इन लोगों में विटामिन डी टॉक्सिसिटी का खतरा ज्यादा होता है-
- वे लोग जो लंबे समय तक विटामिन डी सप्लीमेंट्स की हाई डोज ले रहे हों
- किडनी या लिवर से पीड़ित मरीजों में
- ग्रैनुलोमैटस बीमारियां जैसे सारकॉइडोसिस और टीबी
- वे लोग जो कैल्शियम और विटामिन डी दोनों सप्लीमेंट एक साथ लेते हैं
- उन लोगों में जिनका विटामिन डी मेटाबॉलिज्म असामान्य हो
निष्कर्ष
सामान्य मात्रा में विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने पर लिवर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है और न ही सूरज की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी के कारण। हालांकि, अगर आप ज्यादा मात्रा में विटामिन डी सप्लीमेंट लेते हैं तो यह आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
FAQ
विटामिन डी अधिक होने से क्या होता है?
शरीर में विटामिन डी ज्यादा होने से हाइपरकैल्सीमिया यानी ब्लड में कैल्शियम का ज्यादा स्तर हो सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती है और किडनी या दिल के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच सकता है।सबसे ज्यादा विटामिन डी कौन सी चीज में होता है?
सबसे ज्यादा विटामिन डी सूरज की किरणों में पाया जाता है। वहीं कुछ खाद्य पदार्थों के द्वारा भी विटामिन डी नेचुरल तरीके से मिल सकता है, जिसमें वसायुक्त मछली, मछली के लिवर का तेल और अंडी की जर्दी शामिल है।खतरनाक विटामिन डी स्तर क्या है?
खतरनाक विटामिन डी का स्तर वह होता है, जब ब्लड में इसका स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जो आमतौर पर 125 ng/mL से ज्यादा होता है। इस स्थिति को विटामिन डी टॉक्सिसिटी या हाइपरविटामिनोसिस कहा जाता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 01, 2025 16:40 IST
Published By : Katyayani Tiwari