
जब भी हार्ट अटैक (Heart Attack) का जिक्र होता है, ज्यादातर लोगों के दिमाग में सीने में तेज दर्द और अचानक गिर जाने जैसी तस्वीर उभरती है। लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा गंभीर है। हार्ट अटैक एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है जो समय रहते इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है। दुर्भाग्य से समाज में हार्ट अटैक को लेकर कई तरह की गलतफहमियां फैली हुई हैं, जिनकी वजह से लोग समय पर इलाज नहीं ले पाते। लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला ने बताया कि कई बार मरीज को या उसके परिवार को यह पता ही नहीं चल पाता कि सामने वाला हार्ट अटैक की चपेट में है क्योंकि उनके दिमाग में हार्ट अटैक की सिर्फ वही छवि होती है जो फिल्मों या कहानियों में दिखाई जाती है। उदाहरण के लिए, कई लोग मानते हैं कि हार्ट अटैक हमेशा तेज और अचानक होता है, जबकि यह धीरे-धीरे भी हो सकता है और इसके लक्षण बहुत हल्के भी हो सकते हैं। इसी तरह, यह भी गलतफहमी है कि हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों को ही होता है, जबकि युवा और स्वस्थ दिखने वाले लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस लेख में हम आपको हार्ट अटैक से जुड़ी 5 ऐसी गलतफहमियों के बारे में बताएंगे जिन पर यकीन करने से आपकी या आपके अपनों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।
1. सीने में दर्द ही हार्ट अटैक का इकलौता लक्षण है- Chest Pain is The Only Symptom
यह सबसे बड़ी गलतफहमी है। हार्ट अटैक के दौरान, सभी मरीजों को जरूरी नहीं है कि सीने में दर्द हो। कई मरीजों को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, कंधों, जबड़े या पीठ में दर्द, सांस फूलना, ज्यादा पसीना आना, चक्कर आना या थकान महसूस होना जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। खासकर महिलाओं और डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग हो सकते हैं।
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2. हार्ट अटैक हमेशा अचानक से होता है- Heart Attacks Are Always Sudden
अक्सर यह माना जाता है कि हार्ट अटैक बिना किसी चेतावनी के अचानक होता है। जबकि हकीकत यह है कि हार्ट अटैक के लक्षण कई बार धीरे-धीरे उभरते हैं। मरीज को कुछ दिनों या हफ्तों पहले से ही थकान, सांस लेने में तकलीफ या छाती में भारीपन महसूस हो सकता है। अगर इन संकेतों को नजरअंदाज किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
3. हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति तुरंत बेहोश होता है- Heart Attack Means Immediate Collapse

बहुत से लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक होते ही व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाएगा। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है। कई बार मरीज पूरी तरह होश में होता है और सिर्फ बेचैनी, कमजोरी या हल्का दर्द महसूस करता है। अगर ऐसे में समय रहते अस्पताल नहीं पहुंचे, तो हालत बिगड़ सकती है।
4. फिट और एक्टिव लोगों को हार्ट अटैक नहीं आता- Fit and Active People are Safe From Heart Attack
कई लोग सोचते हैं कि अगर वे रोज एक्सरसाइज करते हैं, पतले-दुबले हैं या हेल्दी डाइट लेते हैं, तो उन्हें हार्ट अटैक नहीं आ सकता। हकीकत यह है कि फिटनेस अच्छी चीज है, लेकिन यह हार्ट अटैक का शत-प्रतिशत बचाव नहीं करती। अनुवांशिक कारण, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी और स्ट्रेस जैसे फैक्टर भी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं, चाहे आप कितने भी फिट क्यों न हों।
5. अगर दर्द चला जाए तो खतरा टल गया है- If Pain Subsides, Danger is Over
कई बार लोगों को हल्का सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है और जब थोड़ी देर बाद ये लक्षण कम हो जाते हैं, तो वे मान लेते हैं कि अब सब ठीक है। लेकिन यह बहुत खतरनाक सोच है। हार्ट अटैक के लक्षण कभी-कभी अस्थायी रूप से कम हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खतरा टल गया है। ऐसे में तुरंत मेडिकल जांच कराना जरूरी है ताकि जान बचाई जा सके।
हार्ट अटैक को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिनकी वजह से सही समय पर इलाज न मिलने से जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। जरूरी है कि हम इन गलतफहमियों को दूर करें और हार्ट अटैक के लक्षणों को सही तरह से पहचानें।
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FAQ
हार्ट अटैक आने से पहले क्या संकेत देता है?
हार्ट अटैक से पहले सीने में दबाव, थकान, पसीना और सांस फूलना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ये संकेत धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं, इन्हें अनदेखा न करें।हार्ट अटैक का दर्द कहां होता है?
हार्ट अटैक का दर्द सीने में केंद्रित होता है और बांह, पीठ या जबड़े तक फैल सकता है। कभी-कभी यह दर्द हल्का या जलन जैसा भी महसूस हो सकता है।हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?
हार्ट अटैक पर तुरंत स्थानीय इमरजेंसी सेवा को कॉल करें। मरीज को आराम दें। मरीज को लेटने या झुकने न दें, आराम से बैठाकर ताजी हवा में रखें ताकि सांस लेने में दिक्कत न हो।
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Oct 27, 2025 09:03 IST
Published By : Yashaswi Mathur