हार्ट अटैक एक ऐसा अनुभव है जो न केवल शरीर पर असर डालता है बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर कर देता है। हार्ट अटैक के बाद जीवनशैली में बदलाव और सावधानियां बरतना बहुत जरूरी होता है ताकि दोबारा ऐसा खतरा न बने और दिल की सेहत बनी रहे। लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला ने बताया कि हार्ट अटैक से उबरना एक लंबी प्रक्रिया है। बहुत से लोग हार्ट अटैक के बाद शुरुआती दिनों में सतर्क रहते हैं लेकिन कुछ ही समय में फिर से पुरानी गलत आदतों में लौट आते हैं। यही लापरवाही दोबारा हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। हार्ट अटैक के बाद यह मानना कि अब इलाज हो गया और सब सामान्य है, सबसे बड़ी भूल है। असल में यह समय है जब दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए सही खानपान, नियमित दवाएं और डॉक्टर की सलाह को गंभीरता से लेना जरूरी हो जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक के बाद कौन सी 5 आम गलतियां लोग कर बैठते हैं और क्यों उनसे बचना जरूरी है।
1. शारीरिक संकेतों को गलत समझना- Misinterpreting Physical Warning Signs
हार्ट अटैक से उबरने के बाद अगर शरीर थकान, चक्कर, तेज धड़कन या पसीना आने जैसे संकेत दे रहा हो, तो कई लोग इसे मौसम, कमजोरी या बढ़ती उम्र का असर मानकर अनदेखा कर देते हैं। ये संकेत, हार्ट पर अनावश्यक दबाव या किसी नई समस्या के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में देरी करना खतरनाक हो सकता है। कोई भी असामान्य लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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2. नींद की अनदेखी करना- Neglecting Proper Sleep
हार्ट अटैक के बाद मरीज अपनी नींद के पैटर्न पर ध्यान नहीं देते। देर रात तक जागना, अनियमित नींद या बार-बार नींद में रुकावट आना दिल की रिकवरी को प्रभावित करता है। नींद पूरी न होने से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है जिससे दोबारा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। रोजाना 7-8 घंटे की गहरी और शांत नींद लेना, हार्ट के लिए फायदेमंद होता है।
3. अचानक वजन कम करने की कोशिश करना- Trying to Lose Weight Rapidly
कुछ लोग हार्ट अटैक के बाद जल्द से जल्द वजन कम करने के चक्कर में बहुत कम खाना शुरू कर देते हैं या बहुत सख्त डाइट प्लान फॉलो करते हैं। यह दिल को कमजोर बना सकता है क्योंकि शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। वेट लॉस करना जरूरी है लेकिन धीरे-धीरे और डॉक्टर की सलाह से।
4. नियमित हेल्थ चेकअप को टालना- Delaying Regular Health Checkups
हार्ट अटैक के बाद बहुत से लोग खुद को बेहतर महसूस करने पर जरूरी हेल्थ चेकअप कराना छोड़ देते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि पोस्ट हार्ट अटैक, शरीर की स्थिति पर लगातार नजर रखना जरूरी होता है। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और ईसीजी जैसी जांच समय पर न कराने से, दोबारा हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है।
5. अचानक से फिजिकल एक्टिविटी शुरू कर देना- Starting Intense Physical Activity Suddenly
कई लोग हार्ट अटैक से उबरते ही सोचते हैं कि अब उन्हें तेजी से जिम या भारी-भरकम एक्सरसाइज शुरू कर देनी चाहिए ताकि वे फिट हो सकें। यह गलती उनके दिल पर बेवजह का प्रेशर डाल सकती है। कोई भी फिजिकल एक्टिविटी शुरू करने से पहले डॉक्टर या फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह जरूर लें, वरना दोबारा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक के बाद का समय आपकी जिंदगी का सबसे सेंसिटिव समय होता है। इस दौरान अगर आप सावधानी से कदम उठाएंगे और ऊपर बताई गई 5 गलतियों से बचेंगे, तो आप दिल की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
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FAQ
हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण क्या है?
हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज होता है, जो आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल जमने से होता है। इससे हार्ट में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है।हार्ट अटैक कितने मिनट का होता है?
हार्ट अटैक के लक्षण आमतौर पर 2 से 5 मिनट या 10 से 30 मिनट तक रहते हैं और समय पर इलाज न मिलने पर यह घातक हो सकता है। हर मिनट दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।साइलेंट अटैक आने पर क्या होता है?
साइलेंट अटैक में हार्ट को नुकसान, तो होता है लेकिन इसके लक्षण हल्के या न के बराबर होते हैं। मरीज को अक्सर इसका पता जांच के दौरान ही चलता है।