हार्ट अटैक आना एक इमरजेंसी स्थिति है, जिसमें अगर देरी की गई, तो मरीज की जान भी जा सकती है। जब किसी व्यक्ति को अचानक सांस लेने में दिक्कत, सीने में तेज दर्द या बेहोशी जैसी स्थिति होती है, तो सीपीआर देना फायदेमंद साबित होता है। सीपीआर का काम होता है हार्ट और फेफड़ों के काम करने की क्षमता को बनाए रखना, ताकि शरीर के बाकि अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचती रहे। हालांकि हार्ट अटैक का इलाज केवल सीपीआर तक सीमित नहीं है, यह केवल पहला कदम है। कई लोगों को यह पता नहीं होता कि सीपीआर के तुरंत बाद क्या करना चाहिए, इसके लिए कौन से टेस्ट जरूरी होते हैं और हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है। इस लेख में हम बताएंगे कि हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर के बाद किन स्टेप्स को फॉलो करके मरीज की जान बचाई जा सकती है। अगर आप या आपके आसपास किसी को हार्ट अटैक की स्थिति का सामना करना पड़े, तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला से बात की।
सीपीआर के बाद तुरंत क्या करें?-What to Do Immediately After CPR
- सीपीआर के तुरंत बाद एम्बुलेंस बुलाना सबसे जरूरी कदम है।
- पेशेंट को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
- इसके बाद रिस्पॉन्स चेक करें। अगर व्यक्ति होश में हो, तो भी उसे डॉक्टर की देखरेख में रखना जरूरी है।
- इसके अलावा डिफिब्रिलेटर की मदद से दिल की धड़कन को भी सामान्य किया जा सकता है।
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हार्ट अटैक के बाद जरूरी जांच- Important Tests After a Heart Attack
- हार्ट अटैक के बाद ईसीजी किया जाता है। यह टेस्ट बताता है कि हार्ट में ब्लॉकेज या डैमेज कितना है।
- इसके बाद ब्लड टेस्ट किया जाता है, जो हार्ट मसल्स के डैमेज को जांचने के लिए किया जाता है।
- इसके अलावा हार्ट की पंपिंग क्षमता और वाल्व फंक्शन चेक करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी किया जाता है।
- हार्ट की धमनियों में ब्लॉकेज चेक करने के लिए एंजियोग्राफी की जाती है।
सीपीआर के बाद हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है?- Treatment Options After CPR
- मरीज को खून के थक्के को घोलने वाली दवाएं अगर समय पर दी जाएं, तो नुकसान कम हो सकता है।
- एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की मदद से ब्लॉकेज वाली नस में स्टेंट डालकर ब्लड फ्लो ठीक किया जाता है।
- हार्ट में ज्यादा ब्लॉकेज के कारण बायपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
- सीपीआर के बाद कुछ घंटे मरीज को आईसीयू में रखा जाता है।
रिकवरी और लाइफस्टाइल में बदलाव करें- Recovery & Lifestyle Changes After Heart Attack
- डाइट में सुधार करें: फैट और नमक की मात्रा कम करें और हाई फाइबर डाइट लें।
- योग और मेडिटेशन: स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए ये फायदेमंद है।
- नियमित एक्सरसाइज करें: वॉक या हल्का कार्डियो भी हार्ट अटैक से बचाव के लिए जरूरी है।
- धूम्रपान और एल्कोहल से परहेज करें: यह हार्ट की समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है।
कब लें डॉक्टर से मदद?- When to Seek Medical Help
- सीने में फिर से दर्द होना
- तेज थकान या घबराहट होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- धड़कन का तेज और धीमी होना
- अगर ऐसे कोई लक्षण हों, तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
हार्ट अटैक के समय सीपीआर के अलावा सही दवाएं और मेडिकल केयर की मदद से मरीज की जान बचाई जा सकती है और भविष्य में हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है।
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FAQ
हार्ट अटैक के मरीज को कितनी बार सीपीआर दिया जा सकता है?
सीपीआर तब तक दिया जा सकता है जब तक मरीज की सांस और दिल की धड़कन वापस न आ जाए या मेडिकल टीम मौके पर न पहुंच जाए। इसकी कोई फिक्स संख्या नहीं होती, यह स्थिति पर निर्भर करता है।सीपीआर क्यों देते हैं?
सीपीआर इसलिए दिया जाता है ताकि दिल और फेफड़ों का काम जारी रहे और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचती रहे, जब तक कि पेशेंट को मेडिकल मदद न मिल जाए।सीपीआर कब तक देना चाहिए?
सीपीआर तब तक देना चाहिए जब तक मरीज सांस न लेने लगे, उसे मेडिकल हेल्प न मिल जाए और वो होश में न आ जाए। आमतौर पर इसे 5-10 मिनट तक लगातार दे सकते हैं।