सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिस्यूसिटेशन एक फर्स्ट एड प्रक्रिया है, जिसके बारे में हर माता-पिता को जरूर पता होना चाहिए। बच्चों का सीपीआर बड़ों से अलग होता है। इस प्रक्रिया की मदद से बच्चे की जान तक बचाई जा सकती है। सीपीआर में छाती को दबाने, सांस लेने में मदद मिलती है। हर बच्चे के शरीर का वजन, लंबाई, मजबूती और मसल अरेंजमेंट अलग-अलग होती हैं, इसलिए हर बच्चे के लिए सीपीआर की प्रक्रिया भी अलग होती है। अगर आप नए माता-पिता बने हैं, तो आपको सीपीआर जैसी आवश्यक प्रक्रिया का पता होना बहुत जरूरी है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मदरहुड हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एंड नियोनेटालाजिस्ट डॉक्टर अमित गुप्ता बताते हैं कि कार्डियो पल्मोनरी रिस्यूसिटेशन एक इमरजेंसी प्रक्रिया होती है। यह उन बच्चों के लिए फायदेमंद होता है, जो रिस्पॉन्ड करना बंद कर देते हैं या फिर सांस लेना बंद कर देते हैं। सीपीआर से शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। ये प्रक्रिया एक साल के बच्चे को भी दी जा सकती है। इसके दो तरीके होते हैं:-
रेस्क्यू ब्रेथ : मुंह से सांस देने से भी बच्चे के फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है।
चेस्ट कंप्रेशन : इसमें छाती को जोर-जोर से दबाया जाता है, जिससे शरीर में ब्लड फ्लो में सुधार होता है। सांस लेने में मदद मिलती है।
टॉप स्टोरीज़
छोटे बच्चे को सीपीआर कब दिया जाता है?
निम्न स्थितियों में बच्चे को सीपीआर की जरूरत पड़ सकती है-
- सांस लेने में दिक्कत होने पर
- हवा के लिए तड़पने पर
- छूने के बाद भी कोई रिस्पोंड न करने पर
- कोई गतिविधि न करने पर
- अलर्ट न रहने की स्थिति में

बच्चे की सांस रुकने की स्थिति कब हो सकती है?
निम्न स्थिति में बच्चे की सांस प्रभावित हो सकती है। इस स्थिति में आपको तुरंत बच्चे को सीपीआर देना चाहिए-
- कोई अचानक से लगी चोट से बच्चे के शरीर का फंक्शन करना बाधित हो सकता है।
- जब बच्चा किसी बड़ी साइज की चीज को मुंह में लेने की कोशिश कर रहा हो, वह उसके एयर वे में अटक जाती है तो भी सीपीआर की जरूरत पड़ सकती है। चॉकिंग से बच्चे के फेफड़ों में हवा का फ्लो नहीं पहुंच पाता है।
- डूबने की स्थिति में भी बच्चे के फेफड़ों में पानी भर सकता है, इस स्थिति में उसे तुरंत सीपीआर की जरूरत पड़ती है।
- बिजली का शॉक लगने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
- कई बार ज्यादा इंफेक्शन होने पर भी भी बच्चे को सीपीआर की जरूरत पड़ सकती है।
बच्चे के लिए सीपीआर रेश्यो क्या है?
एक सीपीआर साइकिल में बच्चे को 30 कंप्रेशन दिए जाने चाहिए। साथ ही दो ब्रेथ भी दी जानी चाहिए। अगर सीपीआर देने वाला व्यक्ति अकेला है, तो कंप्रेशन से ब्रेथ की रेश्यो 30.2 होनी चाहिए। अगर दो बचाने वाले व्यक्ति हैं, तो इस रेश्यो को दोनों को आधा-आधा बांट लेना चाहिए। मतलब एक व्यक्ति 15 कंप्रेशन और एक ब्रेथ दिया जा सकता है।
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सीपीआर में शामिल होने वाले स्टेप्स
- बच्चे को एक फ्लैट सर्फेस पर लिटा दें।
- इसके बाद बच्चे की ब्रेस्ट बोन पर दो उंगलियां रखें।
- बच्चे को तेजी से 30 कंप्रेशन दें। जोर से छाती को दबाएं, ताकि वह डेढ़ इंच नीचे जा सके।
- एक मिनट में 100 से 120 चेस्ट कंप्रेशन देनी चाहिए। यह जरूर ध्यान रखें कि बीच में बच्चे की छाती वापिस से सामान्य हो रही हो।
- इसके बाद बच्चे के माथे पर हाथ रखें और उसके सिर को थोड़ा-सा हिलाएं।
- इसके बाद अपने मुंह को बच्चे के नाक पर रखें, ताकि भाग सील हो जाए और फिर दो ब्रेथ दें।
बच्चे की सीपीआर की प्रक्रिया हर माता-पिता के लिए जानना जरूरी है। खास तौर पर अगर आप पहली बार पेरेंट्स बने हैं, तो यह और भी ज्यादा जरूरी होता है।