
हार्ट अटैक एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसके बाद मरीज की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। भारत में हर साल लगभग 28 % मौतें हार्ट डिजीज के कारण होती हैं और हार्ट अटैक इनमें हार्ट अटैक ऊपर है। लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद अगर जीवनशैली में सुधार न किया जाए, तो दोबारा अटैक का खतरा बढ़ सकता है। यह समय खुद को संभालने और शरीर को फिर से मजबूत बनाने का होता है। मरीज को न केवल अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए बल्कि अपनी सोच, दिनचर्या और भावनात्मक सेहत पर भी काम करना चाहिए। हाल ही में प्रकाशित एक मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया कि हार्ट अटैक के बाद हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने वाले मरीजों में दूसरा अटैक होने की आशंका 35 % तक कम हो जाती है। इस लेख में हम बताएंगे कि हार्ट अटैक के बाद आपको कैसी जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि हार्ट को फिर से स्वस्थ रखा जा सके।
1. मेडिकल न्यूट्रीशन्स गाइडलाइन्स के आधार पर डाइट लें- Follow Diet Based on Medical Nutrition Guidelines
हार्ट अटैक के बाद केवल कम नमक या तेल से परहेज करना काफी नहीं है। कार्डियोलॉजिस्ट और डायटीशियन की सलाह से मेडिकली बैलेंस्ड डाइट तैयार करें जिसमें सैचुरेटेड फैट्स कम और ओमेगा-3, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा हों। हर मील में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, फल और होल ग्रेन्स शामिल करें ताकि हार्ट की रिकवरी बेहतर ढंग से हो सके।
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2. मॉनिटर की गई फिजिकल एक्टिविटी अपनाएं- Adopt Monitored Physical Activity
हार्ट अटैक के बाद एक्सरसाइज शुरू करने से पहले कार्डियक रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट से सलाह लें। उनकी गाइडेंस में धीरे-धीरे 10-15 मिनट की वॉक से शुरुआत करें और 30-45 मिनट की मॉडरेट एक्सरसाइज तक धीरे-धीरे बढ़ाएं। कोई भी शारीरिक गतिविधि तभी करें जब डॉक्टर आपको सलाह दें, ताकि हार्ट पर जरूरत से ज्यादा दबाव न पड़े।
3. स्ट्रेस मैनेजमेंट प्लान अपनाएं- Follow Stress Management Plan
हार्ट अटैक के बाद मानसिक तनाव का असर सीधे दिल पर पड़ता है। प्रोफेशनल काउंसलर, साइकॉलजिस्ट या ग्रुप थेरेपी का सहारा लेकर स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम अपनाएं। इसके तहत गाइडेड मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और माइंडफुलनेस तकनीक का नियमित अभ्यास करें।

4. मेडिकेशन और फॉलोअप में लापरवाही न करें- Follow Strict Medication and Follow Ups
डॉक्टर की लिखी दवाओं को समय पर और सही डोज में लेना बहुत जरूरी है। कोई भी दवा अपनी मर्जी से बंद न करें और हर 1-3 महीने में कार्डियक चेकअप और ब्लड रिपोर्ट्स की मॉनिटरिंग कराएं। इससे हार्ट फंक्शन पर लगातार नजर बनी रहती है और दवाओं में समय पर बदलाव किया जा सकता है।
5. ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें- Control Blood Pressure, Sugar and Cholesterol
हार्ट अटैक के बाद हाई बीपी, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल फिर से अटैक का रिस्क बढ़ाते हैं। घर पर रेगुलर बीपी मॉनिटरिंग करें, शुगर लेवल चेक करते रहें और 6 से 12 हफ्तों पर लिपिड प्रोफाइल कराएं। जरूरत हो, तो डॉक्टर की सलाह पर दवाओं की डोज एडजस्ट कराएं।
6. स्मोकिंग और एल्कोहल को पूरी तरह छोड़ें- Quit Smoking and Alcohol Completely
सिगरेट और तंबाकू, दिल की धमनियों को फिर से ब्लॉक करने का खतरा बढ़ाते हैं। हार्ट अटैक के बाद ये आदतें, हार्ट पर डबल लोड डालती हैं। एल्कोहल को भी पूरी तरह छोड़ दें।
7. क्वालिटी स्लीप पर फोकस करें- Focus on Quality Sleep
रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद लें क्योंकि नींद की कमी से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। सोने का समय फिक्स रखें और स्क्रीन टाइम कम करें ताकि नींद की गुणवत्ता बेहतर हो सके। जरूरत पड़ने पर स्लीप एक्सपर्ट से सलाह लें।
हार्ट अटैक के बाद जीवनशैली में सही बदलाव आपको दोबारा अटैक से बचा सकता है और हार्ट को स्वस्थ रख सकता है।प्रोफेशनल गाइडेंस लेकर संतुलित डाइट, मॉनिटर की गई फिजिकल एक्टिविटी और स्ट्रेस मैनेजमेंट को अपनाएं और दिल को फिर से मजबूत बनाएं।
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FAQ
हार्ट अटैक के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?
हार्ट अटैक से ठीक होने में आमतौर पर 6 से 12 हफ्ते लगते हैं, लेकिन यह मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। कार्डियक रिहैब और लाइफस्टाइल सुधार से रिकवरी तेज होती है।हार्ट अटैक के बाद अपने दिल को स्वस्थ कैसे बनाएं?
संतुलित आहार, नियमित वॉक और डॉक्टर की बताई दवाओं का पालन करें। स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्मोकिंग छोड़ना भी हार्ट को स्वस्थ रखता है।हार्ट अटैक होने पर क्या परहेज करें?
फ्राइड फूड, ज्यादा नमक और धूम्रपान से परहेज करें। भारी एक्सरसाइज या ज्यादा स्ट्रेस वाला काम तुरंत न करें, डॉक्टर की सलाह पर ही एक्टिविटी बढ़ाएं।
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Nov 05, 2025 17:10 IST
Published By : Anurag Gupta