
दिवाली का त्योहार जाने के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का मौसम आ जाता है। आमतौर पर लोग इसे हल्के में लेते हैं जब तक कि सेहत से जुड़ी समस्याएं न हो लेकिन ये आपकी सोच से भी ज्यादा खतरनाक है। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है पीएम 2.5 (PM2.5) के कण जो कि धुंध में नजर आते हैं आपकी श्वांस नलियों से उतरकर खून में मिल सकते हैं और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ शोध बताते हैं कि प्रदूषण के ये कण आपके फेफड़ों में लंबे समय जमा रह सकते हैं लेकिन क्या ये फेफड़ों में हमेशा के लिए घर कर लेते हैं? जानते हैं इस बारे में Dr. Sunil Kumar K, Lead Consultant - Interventional Pulmonology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
क्या फेफड़ों में हमेशा के लिए जम जाते हैं प्रदूषण के कण-Do air pollution particles stay in your lungs?
Dr. Sunil Kumar बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कण, खासकर PM2.5 जैसे बहुत छोटे कण, प्रदूषित हवा में सांस लेने पर फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इनमें से कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों में गहराई तक पहुंच सकते हैं और लंबे समय तक वहां रह सकते हैं। शरीर बलगम और प्रतिरक्षा कोशिकाओं के माध्यम से कई कणों को बाहर निकाल सकता है, लेकिन कुछ कण, खासकर धातु या बहुत महीन कण, समय के साथ फेफड़ों में जमा हो सकते हैं। इससे फेफड़ों में लंबे समय तक सूजन और क्षति हो सकती है। इतना ही नहीं इससे सेहते से जुड़ी कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि
- -PM2.5 जैसे छोटे कण फेफड़ों में जमा होकर फेफड़ों को ट्रिगर करता है। इससे अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिल का बढ़ना, खांसी में वृद्धि, सांस लेने में कठिनाई और वायुमार्ग में जलन की समस्या होती है।
- - फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और श्वसन संक्रमणों के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि।
- -इसके अलावा अनियमित दिल की धड़कन का खतरा पैदा होता है।
दिल को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं प्रदूषण के कण-How do air pollution particles affect your heart
NIH की मानें तो प्रदूषण के कण आपके दिल की सेहत को काफी गहराई से प्रभावित कर सकते हैं। वायु प्रदूषण मौजूदा हृदय रोगों का कारण बन सकता है। वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म अदृश्य कण हृदय की धड़कन, रक्त के थक्के जमने, धमनियों में प्लाक निर्माण की वजह बन सकता है। ये ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर रहे हैं, साथ ही श्वसन संबंधी बीमारियों और शरीर की अन्य स्थितियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ये कोरोनरी सिंड्रोम, स्ट्रोक और अचानक हृदयाघात का कारण बन सकता है। इसके अलावा आप दिल की धड़कन तेज होना, असामान्य थकान, सिर चकराना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, गर्दन या कंधे में दर्द भी महसूस कर सकते हैं।
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सबसे ज्यादा खतरे में हैं ये लोग
डॉ. सुनील कुमार बताते हैं कि वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे, वृद्ध और फेफड़े या हृदय रोग से ग्रस्त लोग होते हैं। लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से, चाहे वह कम स्तर का ही क्यों न हो, फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
वायु प्रदूषण से कैसे बचें?
वायु प्रदूषण से बचने के लिए प्रदूषण वाले दिनों में घर के अंदर रहना, घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना, प्रदूषित इलाकों में मास्क पहनना और जहां तक हो सके, ज्यादा ट्रैफिर वाले इलाकों से बचना मददगार साबित हो सकता है।
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संक्षेप में, कुछ वायु प्रदूषण कण फेफड़ों में लंबे समय तक रह सकते हैं, जिससे नुकसान पहुंचता है और गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों की सुरक्षा और वायु प्रदूषण के संपर्क को कम करना फेफड़ों और हृदय दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
FAQ
वायु प्रदूषण से अपने फेफड़ों को कैसे साफ करें?
अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए आपको सबसे पहले तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए और दूसरा आपको लौंग की चाय पीनी चाहिए जो कि इस स्थिति में फेफड़ों के लिए सबसे ज्यादा कारगर है।वायु प्रदूषण से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
वायु प्रदूषण से बचने के लिए हमें घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाना चाहिए। घर में एयर क्वालिटी को सही करने के लिए एयर प्यूरीफाई लगाएं जिससे हवा साफ हो और बीमारियों से फेफड़ों का बचाव हो सके।कौन सा विटामिन फेफड़ों को प्रदूषित हवा से बचाता है?
विटामिन सी फेफड़ों को प्रदूषित हवा से बचा सकता है और फेफड़ों की सफाई में मदद कर सकता है। इससे फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
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Oct 23, 2025 16:56 IST
Published By : Pallavi Kumari