बचपन एक ऐसा समय है जब बच्चा खेल-खेल में बहुत कुछ सीखता है। खिलौने (Toys) बच्चों के दिमाग, शरीर और भावनाओं के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब बच्चे खिलौनों से खेलते हैं, तो वे अपनी इमेजिनेशन पावर, क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम-सॉल्विंग एबिलिटी को मजबूत करते हैं। इससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता, भाषा कौशल और मोटर स्किल्स बेहतर होती हैं। इसके अलावा, खिलौनों की मदद से बच्चे सामाजिक व्यवहार, शेयरिंग की आदत, धैर्य और टीमवर्क जैसी आदतें भी सीखते हैं। सही उम्र और जरूरत के हिसाब से चुने गए खिलौने, बच्चों के स्वास्थ्य को भी मजबूत करते हैं। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि सीखने और विकसित होने के लिए भी खिलौने दें। इस लेख में हम जानेंगे कि बच्चों की ग्रोथ के लिए खिलौने क्यों जरूरी हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ. नेहा आनंद से बात की।
1. दिमागी विकास में मदद मिलती है- Toys Boosts Brain Development
साइकोलॉजिस्ट डॉ. नेहा आनंद ने बताया कि खिलौनों से खेलने से बच्चों की स्मरण शक्ति, ध्यान और सीखने की क्षमता बढ़ती है। जो बच्चे खिलौनों से खेलते हैं या गेम्स को खेलते हैं, वे ज्यादा एक्टिव नजर आते हैं।
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2. मोटर स्किल्स का विकास होता है- Toys Improves Motor Skills
- ब्लॉक्स, पजल्स जैसे खिलौने बच्चों की फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स को बेहतर बनाते हैं।
- माेटर स्किल्स का विकास होने का मतलब है बच्चे के शरीर के छोटे और बड़े अंगों की हरकतें (Movements) और कंट्रोल (Control) धीरे-धीरे बेहतर होना।
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के मुताबिक, खिलौनों से खेलकर बच्चों के संज्ञानात्मक, सामाजिक और मोटर विकास तेजी से होता है।
3. इमेजिनेशन पावर और क्रिएटिविटी बढ़ती है- Enhances Creativity And Imagination
- साइकोलॉजिस्ट डॉ. नेहा आनंद ने बताया कि क्रिएटिव गेम्स बच्चों की सोचने और कल्पना करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
- खिलौनों के साथ बच्चे अपनी क्रिएटिविटी को बेहतर बना सकते हैं।
4. सामाजिक और भावनात्मक सीख मिलती है- Social And Emotional Learning
- खिलौनों से खेलते हुए बच्चे शेयरिंग, टीमवर्क और धैर्य जैसी भावनाएं सीखते हैं।
- इस तरह बच्चों के मन का डर भी खत्म होता है और वे अपनी बात को बेहतर ढंग से दूसरों के आगे रख पाते हैं।
- इससे बच्चों में एंग्जाइटी और स्ट्रेस के लक्षण भी दूर होते हैं।
5. भाषा और संचार कौशल बढ़ता है- Language And Communication Skills
- बोलने वाले खिलौने, कहानी की किताबें या इंटरैक्टिव गेम्स बच्चों की भाषा और बातचीत कौशल को बढ़ाते हैं।
- इन खिलौनों की मदद से बच्चे अपनी बात को बेहतर ढंग से समझा पाते हैं और इससे उनकी ग्रोथ पर अच्छा असर होता है।
निष्कर्ष:
खिलौनों से खेलना बच्चों के लिए सिर्फ समय बिताने का तरीका नहीं बल्कि उनके दिमाग, शरीर और सामाजिक विकास के लिए जरूरी प्रक्रिया है। सही खिलौने बच्चों के आत्मविश्वास, क्रिएटिविटी, मोटर स्किल्स और सामाजिक आदतों को मजबूत बनाते हैं।
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Sep 18, 2025 17:21 IST
Published By : यशस्वी माथुर