
मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो दुनियाभर में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना रहा है। आज के समय में कम उम्र से लेकर बड़े बुजुर्ग हर उम्र के लोग मोटापे से परेशान हैं। खराब डाइट, लाइफस्टाइल और कुछ स्वास्थ्य स्थितियां अक्सर वजन बढ़ने का कारण बनते हैं। किशोरावस्था के दौरान भी कई लोगों में वजन तेजी से बढ़ने की समस्या देखी जा रही है। 12 से 17 साल तक की उम्र के किशोरों का शारीरिक विकास तेजी से होता है। ऐसे में उनके वजन में बदलाव होना भी आम है। लेकिन, कुछ किशोरो का वजन इतनी तेजी से बढ़ता है कि उनके शरीर में मोटापा साफ देखा जा सकता है। ऐसे में आइए दिल्ली के आकाश हेल्थकेयर की सीनियर कंसल्टेंट- एंडोक्रिनोलॉजी और सीनियर पीडियाट्रिक डॉ. मोनिका शर्मा (Dr. Monika Sharma, Senior Consultant-Endocrinology and Senior Pediatrician, Aakash Healthcare, Delhi) जानते हैं किशोरावस्था में वजन बढ़ने के क्या कारण हो सकते है?
किशोरावस्था में वजन बढ़ने के क्या कारण हैं? - What causes weight gain in puberty in hindi?
डॉ. मोनिका शर्मा का कहना है कि, "किशोरावस्था में शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनकी वजह से भूख बढ़ जाती है और शरीर में फैट का वितरण बदलने लगता है, यही वजन बढ़ने का मुख्य कारण है। लड़कियों में एस्ट्रोजन हार्मोन और लड़कों में टेस्टोस्टेरोन की सक्रियता इस प्रक्रिया को प्रभावित करती है।" आइए जानते हैं किशोरावस्था में वजन बढ़ने के कारणों के बारे में-
1. हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में लड़कियों के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन और लड़कों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में होने वाले इन हार्मोनल बदलावों के कारण मांसपेशियों और चर्बी को बढ़ा सकते हैं, जो अचानक वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। किशोरावस्था में लड़कियों के शरीर में सबसे ज्यादा फैट हिप्स, जांघों और छाती के आस-पास जमा होती है। जबकि लड़कों में मांसपेशियां बढ़ने लगती है, कुछ ही मामलों में फैट बढ़ता है।
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2. मेटाबॉलिज्म में बदलाव
किशोरावस्था के दौरान लड़की और लड़के दोनों का मेटाबॉलिज्म कभी-कभी धीमा हो जाता है, जिसके कारण शरीर में कैलोरी कम बर्न होती है, जिससे एनर्जी बर्न न होने के कारण वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
3. भूख में बढ़ोत्तरी
टीनेज के दौरान शरीर तेजी से विकास कर रहा होता है, जिस कारण शरीर को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। इसलिए, किशोरों को सामान्य से ज्यादा भूख लगने लगती है, जिस कारण वे भूख शांत करने के लिए ज्यादा और अनहेल्दी फूड्स का सेवन करने लगते हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बनता है।
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4. शारीरिक गतिविधियों की कमी
आज के समय में बच्चों में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो गई है। बच्चों में स्क्रीन टाइट बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिस कारण वे घर के बाहर खेल-कूद कम करते हैं और अधिकतर समय घर पर टीवी देखकर गुजारते हैं। इस कारण उनके शरीर में फैट जमा होने लगता है, जो मोटापे का कारण बनता है।
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5. जेनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी व्यक्ति को मोटापे की समस्या है तो भी किशोरावस्था में वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए, कई बार जेनेटिक कारणों से बच्चों के शरीर में फैट जमा होने लगता है, जो मोटापे का कारण बनता है।
निष्कर्ष
डॉ. मोनिका शर्मा कहती हैं, "यह जरूरी है कि माता-पिता बच्चों की डाइट और रूटीन पर ध्यान दें। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से वजन को स्वस्थ सीमा में रखा जा सकता है।" एक्सपर्ट्स मानते हैं कि किशोरावस्था में वजन बढ़ना पूरी तरह नकारात्मक नहीं है, क्योंकि यह शरीर की प्राकृतिक ग्रोथ का हिस्सा है। लेकिन अगर यह बहुत ज्यादा है और मोटापे में बदल रहा है तो यह आगे चलकर डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
Image Credit: Freepik
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Sep 09, 2025 15:24 IST
Published By : कात्यायनी तिवारी