आज के समय में बालों का झड़ना सिर्फ बढ़ती उम्र की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह युवाओं और यहां तक कि किशोरों तक में भी देखने को मिल रही है। बहुत से लोग मानते हैं कि अगर हम हेल्दी डाइट लें, पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स शरीर को दें, तो बाल अपने आप मजबूत और घने रहेंगे। लेकिन हकीकत यह है कि कई बार संतुलित और पोषण से भरपूर डाइट लेने के बावजूद भी हेयर फॉल रुकता नहीं है। यही कारण है कि लोग अक्सर हैरान रह जाते हैं कि आखिर इतनी देखभाल करने और सही खानपान अपनाने के बाद भी बाल क्यों झड़ रहे हैं।
डॉक्टर के अनुसार, बालों की सेहत केवल डाइट पर निर्भर नहीं करती। इसमें कई अन्य फैक्टर भी अहम भूमिका निभाते हैं। KARA - Dermatology Solutions & Aesthetic Centre की फाउंडर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि शर्मा बताती हैं कि शरीर के अंदर मौजूद बीमारियां, जेनेटिक फैक्टर, तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल असंतुलन और स्कैल्प इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी बाल झड़ने का कारण बन सकती हैं। यही वजह है कि हेल्दी डाइट लेने के बावजूद कई लोग हेयर फॉल से परेशान रहते हैं।
हेल्दी डाइट के बावजूद बाल झड़ने के कारण - Why is my hair falling out even though I eat healthy
1. न्यूट्रिएंट एब्जॉर्प्शन की समस्या
डॉ. रश्मि शर्मा बताती हैं कि कई बार लोग भरपूर पोषण लेने के बावजूद भी सही तरीके से न्यूट्रिएंट्स को एब्जॉर्ब नहीं कर पाते। इसका कारण हो सकता है एनीमिया, थायराइड असंतुलन या पेट और आंतों से जुड़ी बीमारियां। जब शरीर आयरन, विटामिन B12, जिंक या प्रोटीन को पूरी तरह से सोख नहीं पाता, तो इसका सीधा असर बालों की जड़ों पर पड़ता है। ऐसे में बाल कमजोर होकर टूटने और झड़ने लगते हैं।
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2. स्ट्रेस और नींद की कमी
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) आम हो गए हैं। डॉ. शर्मा बताती हैं कि लगातार स्ट्रेस लेने से शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे हेयर ग्रोथ साइकिल प्रभावित होती है। इसी तरह नींद की कमी भी स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है। परिणामस्वरूप बाल पतले होने लगते हैं और समय से पहले झड़ने लगते हैं।
3. जेनेटिक और हेरिडिटरी फैक्टर
बालों का झड़ना केवल डाइट पर निर्भर नहीं करता बल्कि इसमें जेनेटिक्स भी अहम भूमिका निभाता है। यदि परिवार में माता-पिता या दादा-दादी को हेयर फॉल की समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में भी इसके चांस बढ़ जाते हैं। इस स्थिति को एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया कहा जाता है। ऐसे मामलों में केवल डाइट से समाधान नहीं निकलता, बल्कि डर्मेटोलॉजिकल ट्रीटमेंट (baal kyu jhadte hai kaise roke) की जरूरत पड़ती है।
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4. हीट और केमिकल ट्रीटमेंट का असर
हेल्दी डाइट लेने वाले कई लोग भी अपने बालों को अत्यधिक हीट स्टाइलिंग, स्ट्रेटनिंग, कलरिंग और केमिकल ट्रीटमेंट्स से नुकसान पहुंचा देते हैं। डॉ. शर्मा कहती हैं कि लगातार हीट टूल्स के इस्तेमाल से बालों का नेचुरल ऑयल और प्रोटीन खत्म हो जाता है। इससे बाल रूखे, कमजोर और टूटने लगते हैं।
5. स्कैल्प इंफेक्शन और क्रॉनिक बीमारियां
हेल्दी डाइट के बावजूद अगर किसी व्यक्ति को फंगल इंफेक्शन, डैंड्रफ, सोरायसिस या स्कैल्प से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं, तो बालों का झड़ना स्वाभाविक है। इसके अलावा डायबिटीज, हार्मोनल डिसऑर्डर, ऑटोइम्यून डिजीज और क्रॉनिक इलनेस भी हेयर हेल्थ पर बुरा असर डाल सकती हैं। डॉ. शर्मा बताती हैं कि ऐसे मामलों में केवल पोषण ही नहीं, बल्कि सही मेडिकल ट्रीटमेंट भी जरूरी होता है।
निष्कर्ष
हेल्दी डाइट लेना बालों की मजबूती के लिए जरूरी है, लेकिन यह अकेला फैक्टर नहीं है। शरीर का सही पोषण अवशोषण, हार्मोनल हेल्थ, जेनेटिक्स, तनाव, नींद और सही हेयर केयर सभी मिलकर हेयर हेल्थ को प्रभावित करते हैं। डॉ. रश्मि शर्मा कहती हैं कि अगर बालों का झड़ना लगातार बना रहे तो इसे हल्के में न लें और समय रहते जांच व इलाज करवाएं। तभी सही मायनों में हेल्दी डाइट का असर बालों की खूबसूरती और मजबूती पर दिखेगा।
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