डायबिटीज में शरीर का ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन की कमी या इसका सही तरीके से इस्तेमाल न हो पाना है। इंसुलिन हमारे शरीर में पाए जाने वाला खास हार्मोन है, जिसे पैंक्रियाज बनाता है। यह शरीर में भोजन से मिलने वाले ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में मदद करता है। जब इंसुलिन की कमी होती है या यह ठीक से काम नहीं करता, तो ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता और खून में इसका स्तर बढ़ने लगता है। इससे शरीर के एनर्जी की जरूरत पूरी नहीं होती और खून में शुगर का बढ़ता स्तर, स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। इंसुलिन की कमी से आंखों, किडनी, नसों और हार्ट जैसे खास अंगों को नुकसान हो सकता है। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन की जरूरत जीवनभर रहती है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में यह गंभीर परिस्थितियों या दवाओं के असर न होने पर जरूरी हो जाती है। सही समय पर इंसुलिन का इस्तेमाल न केवल ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में भी मदद करता है। इस लेख में जानेंगे कि डायबिटीज में इंसुलिन की जरूरत क्यों होती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
इंसुलिन की कमी के कारण- Causes of Low Insulin Levels
- टाइप 1 डायबिटीज: इसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना लगभग बंद कर देता है। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी, पैंक्रियाज की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है।
- टाइप 2 डायबिटीज: इसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन करता है, लेकिन कोशिकाएं इसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पातीं, जिसे इंसुलिन रेजिस्टेंस कहते हैं।
इन दोनों स्थितियों में, शरीर को पर्याप्त इंसुलिन नहीं मिलता, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए बाहरी इंसुलिन की जरूरत पड़ती है।
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डायबिटीज में इंसुलिन की जरूरत क्यों होती है?- Why Insulin is Important For Diabetic Patients
1. इंसुलिन की कमी होने पर
टाइप 1 डायबिटीज में पैंक्रियाज बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता, जिससे शरीर को बाहरी इंसुलिन की जरूरी होती है।
2. इंसुलिन रेजिस्टेंस के लिए
टाइप 2 डायबिटीज में कोशिकाएं इंसुलिन को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पातीं। जब दवाएं और जीवनशैली में बदलाव पर्याप्त नहीं होते, तो इंसुलिन इंजेक्शन दिया जाता है।
3. ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए
जब मरीज का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हो और अन्य इलाज काम न करें, तो इंसुलिन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
4. गंभीर स्थितियों में
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) जैसी आपात स्थितियों में इंसुलिन इंजेक्शन जान बचाने में मदद करता है।
5. समस्याओं से बचाव के लिए
इंसुलिन इंजेक्शन आंखों, किडनी, हृदय और नसों को नुकसान पहुंचाने वाली समस्याओं से बचाने में मदद करता है।
इंसुलिन इंजेक्शन के ओवरडोज के नुकसान- Side Effects of Overdose of Insulin Injection
इंसुलिन इंजेक्शन का इस्तेमाल डायबिटिक रोगियों के लिए खून में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल यानी ओवरडोज, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इंसुलिन के ओवरडोज के नुकसान इस प्रकार हैं-
हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर लेवल
इंसुलिन की ज्यादा डोज लेने से ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। इसके लक्षणों में कमजोरी, चक्कर आना, पसीना आना, दिल की धड़कन तेज होना, भूख बढ़ना और घबराहट शामिल है। गंभीर स्थिति में मरीज को बेहोशी या दौरे पड़ सकते हैं।
ब्रेन डैमेज का खतरा
लो ब्लड शुगर लंबे समय तक बने रहने पर दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। यह स्थिति कोमा तक भी पहुंच सकती है।
हार्ट और बीपी पर प्रभाव
इंसुलिन के ओवरडोज से हृदय गति अनियमित हो सकती है और ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट आ सकती है, जिससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है।
वजन बढ़ना
इंसुलिन की ज्यादा मात्रा से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
पोटैशियम का स्तर कम होना या हाइपोकैलेमिया
इंसुलिन का ज्यादा डोज पोटैशियम के स्तर को कम कर सकता है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और हार्ट की समस्याएं हो सकती हैं।
एलर्जिक रिएक्शन
कुछ लोगों में ज्यादा इंसुलिन लेने से एलर्जी हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर रैश, सूजन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
जीवन पर खतरा
अगर हाइपोग्लाइसीमिया का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने में इंसुलिन अहम भूमिका निभाता है। टाइप 1 डायबिटीज में यह जीवनरक्षक है, जबकि टाइप 2 में यह गंभीर स्थितियों को रोकने में मदद करता है। सही समय पर इंसुलिन लेना और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना, मरीज को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।
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