important things to remember if you take insulin: डायबिटीज के जिन मरीजों का शुगर का लेवल असामान्य रहता है, उन्हें अक्सर इंसुलिन की जरूरत पड़ती है। इंसुलिन एक किस्म का हार्मान होता है, जो मरीज के शरीर में पहुंचकर शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन, कई बार देखने में आता है कि लोगों को इंसुलिन लगाने से संबंधित सही जानकारी नहीं होती है। वे इसके स्टोरेज को लेकर या फिर डोज को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। आज हम आपको इससे संबंधित कुछ अहम जानकारी देने जा रहे हैं, इसके लिए हमने डायबेटोलॉजिस्ट निखिल प्रभु बात की। आप भी इनके बारे में जरूर जानें।
इंसुलिन के डोज ( Insulin Dose)
इंसुलिन के डोज प्रत्येक मरीज के शुगर लेवल पर निर्भर करता है। शुगर के जो मरीज इंसुलिन लेते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे अपने डोज के बारे में सभी जानकारी रखें। उन्हें खाना खाने के कितनी देर बाद इंसुलिन लेना है, इस संबंध में भी खुद को जागरूक रखें। आमतौर पर, इंसुलिन नितंब, जांघ आदि जगहों पर लगाया जाता है, जहां फैट की लेयर काफी होती है। जिन लोगों का शुगर लेवल बहुत ज्यादा बिगड़ा हुआ होता है, उनके शुगर को मैनेज करने के लिए इंसुलिन स्लाइडिंग स्केल का उपयोग किया जाता है। इसमें ग्लूकोज स्तर द्वारा इंसुलिन की खुराक निर्धारित की जाती है।
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इंसुलिन के लिए इंजेक्शन (User-Friendly Injection)
डायबिटी के कई मरीज इंसुलिन लेने से इसलिए डरते हैं, क्योंकि उन्हें इंजेक्शन लगाने से डर लगता है। इंजेक्शन के डर से इंसुलिन न लेना, सही नहीं है। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि इंजेक्शन जरूर लें। हां, आपको बता दें कि मौजूदा समय में कई ऐसे इंसुलिन इंजेक्शन आए हैं, जो यूजर फ्रेंडली होते हैं। इस तरह के इंजेक्शन लगाने पर दर्द भी कम होता है। नए दौर के इंसुलिन पेन काफी एड्वासं होते हैं, इनकी सुई छोटी होती है और लगाते समय दर्द का अहसास भी नाममात्र होता है।
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इंसुलिन के साइडइफेक्ट (Side Effect Of Insulin)
इंसुलिन लगाने का सबसे बुरे दुष्प्रभावों में से एक है, हाइपोग्लाइसीमिया। इसके अलावा, जब मरीज का इंसुलिन ट्रीटमेंट शुरू होता है, उसे कभी-कभी धुंधला दिखाई दे सकता है। इंसुलिन का असर कई बार स्किन पर भी नजर आता है। यही नहीं, इस ट्रीटमेंट के शुरुआती दिनों में मरीज में एडिमा के रूप में वजन बढ़ना दिखाई दे सकता है। हालांकि, यह सब स्थितियां इंसुलिन की मदद से शुगर को मैनेज करने की कोशिश करने के कारण होता है। इसके अलावा, मरीज के स्वास्थ्य पर यह बात निर्भर करती है कि इंसुलिन उसके शरीर को किस तरह से प्रभावित कर सकती है। अगर आपको असहजता हो या कोई अन्य समस्या हो, तो बेहतर होगा कि इस संबंध में अपने डॉक्टर से डिटेल में बात करें।
इंसुलिन स्टोरेज (Insulin Storage)
इंसुलिन के स्टोरेज को लेकर भी आपको सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो इंसुलिन हमेशा ठंडी जगह में रखनी चाहिए। इसके लिए, आप फ्रिज का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, यह भी ध्यान रखना होगा कि इंसुलिन ठंड की वजह से जम न जाए। इसके अलावा, इंसुलिन खोलने के बाद उसका इस्तेमाल 28 दिनों के अंदर कर लें। किसी भी अन्य दवाओं की तरह, एक्सपायरी डेट के बाद इसका इस्तेमाल न करें।
इंसुलिन डोज मिस होने पर क्या करें (Know What to Do if You Miss a Dose)
डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन की डोज का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर के परामर्श अनुसार सही समय पर दवाईयां लेनी चाहिए। इसके बावजूद, अगर आप कभी इंसुलिन के लेना भूल जाएं, तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। असल में, डोज आपने कितनी देर पहले लगाया है और आपने कुछ खाया है या नहीं, ये सब जरूरी बातें जानने के बाद, आगे क्या करना है, डॉक्टर इसकी सलाह देंगे।
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