टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है बॉडी का इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाना, जानें कारण और बचाव के तरीके

इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज को लेकर 'ऑनली मॉय हेल्थ ने' डॉक्टर शैलेंद्र भदौरिया से बात की, जिन्होंने मोटापे को इसका एक अहम कारण बताया।
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टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है बॉडी का इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाना, जानें कारण और बचाव के तरीके

इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance)तब होता है, जब शरीर में ग्लूकोज कोशिकाओं को अवशोषित करने और ऊर्जा के लिए ब्लड शुगर का उपयोग करने की क्षमता कम होने लगती है। इससे प्रीडायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है और अंत में ये टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)हो जाता है। ऐसे में पेंनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या बनाता भी है तो शरीर इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जिससे मधुमेह विकसित होने की संभावना धीरे-धीरे और बढ़ने लगती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज को लेकर 'ऑनली मॉय हेल्थ ने' डॉक्टर शैलेंद्र भदौरिया से बात की।

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क्या है इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance)?

इंसुलिन (Insulin) एक हार्मोन है, जो पेंनक्रियाज में बीटा कोशिकाओं नामक कोशिकाओं के एक समूह द्वारा स्रावित होता है। इंसुलिन ऊर्जा प्राप्त करने के लिए शरीर ‎की अन्य कोशिकाओं द्वारा चीनी के अवशोषण में मदद करता है। इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी ही स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं रक्त शर्करा (blood sugar) को अवशोषित करने में सक्षम ‎नहीं होती हैं, जिससे रक्त शर्करा (blood sugar)का स्तर बढ़ जाता है।

प्रीडायबिटीज वाले व्यक्ति में, पेंनक्रियाज शरीर के रेजिस्टेंस को दूर करने और ब्लड शुगर के स्तर को नीचे रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन जारी करने के लिए तेजी से मेहनत करता है। समय के साथ, पेंनक्रियाज की इंसुलिन जारी करने की क्षमता कम होने लगती है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का विकास होता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस टाइप 2 मधुमेह की एक प्रमुख विशेषता है।

टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में क्या होता है?

  • -पेट खाने को तोड़ कर ग्लूकोज बनाता है और ये ब्लड में जाकर मिल जाता है।
  • -पर जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होता है, उनमें पेंनक्रिया इंसुलिन बनाता है पर बॉडी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
  • - इसके बाद शरीर में ग्लूकोज ब्लड में मिलकर सर्कुलेट नहीं कर पाता है और इस तरह बॉडी का ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है।
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शरीर इंसुलिन रेजिस्टेंस कैसे होता है 

इंसुलिन रक्त में प्रवाहित होने वाले ग्लूकोज की मात्रा को विनियमित करने के लिए आवश्यक है। यह ग्लूकोज को अवशोषित करने के लिए कोशिकाओं को प्रेरित करता है। इंसुलिन लिवर से ग्लूकोज को रक्तप्रवाह में छोड़ने के बजाय कुछ ग्लूकोज को संग्रहीत करने का निर्देश देता है। लिवर ग्लाइकोजन के रूप में भंडारण के लिए ग्लूकोज का पैकेज करता है। इंसुलिन आमतौर पर शरीर को ऊर्जा का एक अच्छा संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, कभी भी रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक समय तक नहीं बढ़ने देता है। इंसुलिन प्रतिरोध के कारण जटिल बने हुए हैं और शोधकर्ताओं ने जांच जारी रखी है। वहीं कुछ कदम इंसुलिन प्रतिरोध की चिकित्सा समुदाय की वर्तमान समझ को रेखांकित करते हैं। जैसे-

  • जब इंसुलिन से शरीर की कोशिकाएं कम प्रभावित होती हैं।
  • यह प्रतिरोध शुरू में सुरक्षित रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए पेंनक्रियाज को अधिक इंसुलिन रिलीज करता है।
  • पेंनक्रियाज की कोशिकाएं जब बढ़ते हुए प्रतिरोध की भरपाई के लिए अतिरिक्त इंसुलिन रिलीज करने में असमर्थ हो जाती हैं। 
  • जब ब्लड शुगर का उच्च स्तर विकसित होता है, प्रीबायबिटीज का विकास होने लगता है और टाइप 2 मधुमेह होता है।'

इंसुलिन रेजिस्टेंस होने के लक्षण

डायबिटीज विकसित होने तक इंसुलिन प्रतिरोध आमतौर पर कुछ लक्षणों को प्रस्तुत नहीं करता है। सीडीसी की रिपोर्ट है कि प्रीडायबिटीज वाले 90 प्रतिशत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनकी यह स्थिति है। इंसुलिन प्रतिरोध भी निम्न स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म दे सकता है:

Acanthosis nigricans (त्वचा से जुड़ी परेशानियां) : यह त्वचा की स्थिति इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में विकसित हो सकती है। इसमें कमर, कांख और गर्दन के पिछले हिस्से पर गहरे रंग के पैच बनते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): इंसुलिन प्रतिरोध पीसीओएस के लक्षणों को खराब कर सकता है, जिसमें अनियमित पीरियड्स, बांझपन और अन्य परेशानियां आदि शामिल हो सकती है। ये दर्द का कारण बनती है। डॉक्टर रक्त में इंसुलिन के उच्च स्तर को वेस्कुलर रोगों के बढ़ते जोखिम के साथ जोड़ते हैं, जैसे कि हृदय रोग आदि।

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इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण

 डॉक्टर शैलेंद्र भदौरिया  की मानें, तो अधिक वजन होना या सेंट्रल ओबेसिटी है, खासकर तब जब अतिरिक्त वजन मिडरफ के आसपास हो

  • एक गतिहीन जीवन शैली
  • व्यायाम या योग में कमी
  • धूम्रपान
  • नींद की समस्या
  • उच्च रक्तचाप

इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचने का तरीका

इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह के लिए कुछ जोखिम कारकों को प्रभावित करना संभव नहीं है, जैसे कि पारिवारिक इतिहास और जीन्स। हालांकि, एक व्यक्ति इंसुलिन प्रतिरोधी बनने की संभावनाओं को कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकता है। ऐसे में दिल से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक को रोकने के लिए कुछ समान रणनीतियां महत्वपूर्ण हो सकती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) की रिपोर्ट की मानें, तो व्यक्ति निवारक जीवनशैली में बदलाव करके, मुख्य रूप से वजन कम करने और शारीरिक गतिविधि को बढ़ाकर टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं।

  • - एक्सरसाइज करें क्योंकि इसके बाद मांसपेशियां इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं और ये इंसुलिन प्रतिरोध को रोकता है।
  • वेटलिफिंट करें और कोशिश करें कि व्यायान द्वारा मोटापा कम करें।
  • इसके बाद आप डाइट कंट्रोल करके भी मोटापा कंट्रोल कर सकते हैं।
  • - धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाएं, प्रति भोजन एक आइटम को एक स्वस्थ, कम कार्बोहाइड्रेट विकल्प के साथ बदलें।
  • -इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका डाइट और एक्सरसाइज को ठीक करना है।
  • -  मोटे होने से बचें।
  • -नींद और स्ट्रेस को बैलेंस करें।

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