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क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग प्री-डायबिटीज में मदद करता है? एक्‍सपर्ट से जानें

इंटरमिटेंट फास्टिंग, प्री-डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
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क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग प्री-डायबिटीज में मदद करता है? एक्‍सपर्ट से जानें


आजकल प्री-डायबिटीज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा लेकिन डायबिटीज जितना गंभीर नहीं होता। अगर समय रहते इसे कंट्रोल नहीं किया जाए, तो यह टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है। इसे मैनेज करने के लिए खानपान और जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि यह शरीर को नेचुरल तरीके से शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग का मुख्य सिद्धांत खाने और उपवास के बीच संतुलन बनाए रखना है, जिससे शरीर इंसुलिन के प्रति सेंस‍िट‍िव होता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। लेकिन क्या यह प्री-डायबिटीज में वास्तव में असरदार है? इस लेख में हम जानेंगे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है और किन लोगों को इसे अपनाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?- What is Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक डाइट पैटर्न है, जिसमें कुछ समय के लिए भोजन नहीं किया जाता है और फिर एक निश्चित विंडो में खाया जाता है। यह 16:8, 14:10, 5:2 और OMAD (One Meal A Day) जैसे कई तरीकों में किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान शरीर एनर्जी के लिए स्टोर्ड फैट का इस्‍तेमाल करता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग से प्री-डायबिटीज कंट्रोल होती है?- Does Intermittent Fasting Controls Pre-Diabetes

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हां, इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से प्री-डायबिटीज को कुछ हद तक कंट्रोल क‍िया जा सकता है। क्‍योंक‍ि इस यह फास्‍ट‍ि‍ंग तकनीक-

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाती है: उपवास के दौरान शरीर इंसुलिन का बेहतर इस्‍तेमाल करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता।
  • ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है: फास्टिंग से शरीर ग्लूकोज को धीरे-धीरे रिलीज करता है, जिससे अचानक ब्लड शुगर स्पाइक्स नहीं आते।
  • वेट लॉस होता है: ज्‍यादा वजन प्री-डायबिटीज का एक बड़ा कारण है और इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन कम करने में मदद मिलती है।
  • इंफ्लेमेशन कम होता है: इंटरमिटेंट फास्टिंग सूजन को कम करता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

प्री-डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?- Tips For Intermittent Fasting in Pre-Diabetes

  • उपवास के दौरान सही आहार लें, ताकि पोषण की कमी न हो।
  • बहुत ज्यादा फास्टिंग करने से ब्लड शुगर लेवल बहुत नीचे गिर सकता है, जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • पहले डॉक्टर की सलाह लें, खासकर अगर आपको अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

किन लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग से बचना चाहिए?- Who Should Avoid Intermittent Fasting

  • जो पहले से डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाएं और जो स्तनपान करवा रही हैं।
  • जो लोग पहले से ही बहुत दुबले-पतले हैं या कमजोरी महसूस करते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग प्री-डायबिटीज को मैनेज करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से अपनाना जरूरी है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और वजन घटाने में मदद करता है। हालांकि, इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, ताकि स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर न पड़े।

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  • Current Version

  • Oct 20, 2025 06:30 IST

    Published By : Yashaswi Mathur