प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का बेहद खास और सेंसिटिव समय होता है। इस दौरान शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कभी खुशी तो कभी असहजता लेकर आते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को थकान, कमजोरी, पीठ दर्द, नींद की समस्या जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इनमें से एक आम और परेशान करने वाली समस्या है रात को सोते समय पैरों में ऐंठन या क्रैम्प्स का होना। कई महिलाएं अचानक नींद में ही तेज दर्द का अनुभव करती हैं, जिससे नींद टूट जाती है और घबराहट बढ़ जाती है। यह समस्या खासतौर पर प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में ज्यादा देखने को मिलती है। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानिए, प्रेग्नेंसी में रात को पैरों में क्रैम्प्स क्यों होते हैं?
प्रेग्नेंसी में रात को पैरों में क्रैम्प्स क्यों होते हैं? - Why Do Some Women Get Leg Cramps At Night During Pregnancy
डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय (Uterus) का आकार बढ़ने लगता है, जिससे पैरों और नसों पर दबाव पड़ता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और मांसपेशियों को पर्याप्त ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यही कारण है कि रात में आराम के समय पैरों में ऐंठन महसूस हो सकती है। इसके अलावा भी रात में पैरों में क्रैम्प्स के कई कारण हो सकते हैं-
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1. मिनरल्स की कमी
प्रेग्नेंसी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स की कमी आम होती है। ये मिनरल्स मांसपेशियों के सुचारू रूप से काम करने के लिए जरूरी हैं। इनकी कमी से मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं और अचानक क्रैम्प्स हो जाते हैं।
2. वजन बढ़ना
प्रेग्नेंसी में महिला का वजन लगातार बढ़ता है। यह अतिरिक्त वजन पैरों की नसों और मांसपेशियों पर दबाव डालता है। दिनभर खड़े रहने या ज्यादा चलने से यह दबाव और बढ़ जाता है, जिसकी वजह से रात को पैरों में ऐंठन ज्यादा महसूस होती है।
3. हार्मोनल बदलाव
प्रेग्नेंसी में शरीर में हॉर्मोनल उतार-चढ़ाव काफी होते हैं। प्रोजेस्टेरोन और रिलेक्सिन हार्मोन मांसपेशियों और लिगामेंट्स को ढीला कर देते हैं, ताकि डिलीवरी आसान हो सके। लेकिन इसका साइड इफेक्ट यह होता है कि मांसपेशियों पर ज्यादा तनाव पड़ता है और क्रैम्प्स की समस्या बढ़ जाती है।
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4. डिहाइड्रेशन
प्रेग्नेंसी में शरीर को ज्यादा तरल पदार्थों की जरूरत होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने या डिहाइड्रेशन होने से भी पैरों में ऐंठन हो सकती है। रात को पानी कम पीने से यह समस्या और बढ़ सकती है।
5. लंबे समय तक एक ही पोजिशन में रहना
दिनभर बैठकर काम करना या देर तक खड़े रहना भी मांसपेशियों को थका देता है। जब महिला रात को सोती है, तो मांसपेशियां आराम की स्थिति में अचानक सिकुड़ जाती हैं और क्रैम्प्स की समस्या शुरू हो जाती है।
बचाव के उपाय
- प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह अनुसार पर्याप्त कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त डाइट लें।
- दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
- रात को सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करें।
- ज्यादा देर तक एक ही पोजिशन में बैठने या खड़े रहने से बचें।
- नींद से पहले गुनगुने पानी से पैरों की मालिश करें।
- आरामदायक जूते पहनें और ज्यादा हाई हील्स से बचें।
कब करें डॉक्टर से संपर्क
अगर ऐंठन बहुत ज्यादा हो, लगातार बनी रहे या पैरों में सूजन और दर्द भी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कभी-कभी यह गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी में पैरों में ऐंठन एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। यह अधिकतर ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव, मिनरल्स की कमी और वजन बढ़ने के कारण होती है। हालांकि कुछ सरल उपायों और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर यह समस्या बहुत गंभीर हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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