महिलाओं को किशोरावस्था से ही पीरियड्स शुरु हो जाते हैं। हर महिला को पीरियड्स के दौरान कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इन लक्षणों में पेट दर्द और पेट में ऐंठन, थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। ज्यादातर महिलाओं के लिए यह एक आम समस्या मानी जाती है। पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द को पेट क्रैम्प्स के नाम से जाना जाता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव, गर्भाशय में संकुचन और पोषण की कमी के चलते महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ठीक इस तरह का दर्द प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में भी होता है। ऐसे में गर्भधारण का प्रयास करने के वाली महिलाएं पीरियड्स कैम्प्स और प्रेग्नेंसी कैम्प्स के बीच अंतर को समझ नहीं पाती हैंं। महिलाओ की इसी समस्या को देखते हुए आज के इस लेख में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनाकोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पूनम अग्रवाल से जानते हैं कि पीरियड्स कैम्प्स और प्रेग्नेंसी कैम्पस के बीच क्या अंतर होते हैं?
पीरियड क्रैम्प्स (Period Cramps) क्या होते हैं? - What Is Period Cramps In Hindi
पीरियड क्रैम्प्स, जिन्हें Dysmenorrhea भी कहा जाता है, आमतौर पर पीरियड्स शुरू होने से एक-दो दिन पहले या पहले ही दिन से शुरू होते हैं। यह दर्द यूट्रेस (uterus) की मांसपेशियों के कॉन्टैक्शन के कारण होता है, जो ब्लड और परत को बाहर निकालने की प्रक्रिया का हिस्सा है। इसमें महिला के पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है और खिंचाव महसूस होता है। साथ ही, महिलाओं को मूड स्विंग्स यानी चिड़चिड़ापन और थकान महसूस हो सकती है।
शुरुआती प्रेगनेंसी क्रैम्प्स (Early Pregnancy Cramps) क्या होते हैं? - What is Early Pregnancy Cramps In Hindi
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में विशेष तौर पर इंप्लांटेशन के 6 से 12 दिनों के बाद कुछ महिलाओं को हल्का क्रैम्प्स महसूस हो सकता है। इस दौरान हल्का दर्द, दर्द एक तरफ या दोनों ओर, कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग (implantation bleeding), मतली और ब्रेस्ट में हल्की सूजन महसूस हो सकती है।
पीरियड क्रैम्प्स और प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स के बीच क्या अंतर हो सकते हैं? - Difference Between Period Cramps And Early Pregnancy Cramps In Hindi
- पीरियड कैम्प्स और प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स को समय के आधार पर अलग-अलग किया जा सकता है। ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स क्रैम्पस पीरियड शुरु होने के एक से दो दिन पहले होते हैं। जबकि, प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स पीरियड्स की निर्धारित डेट मिस होने पर इंप्लाटेशन के 6 से 12 दिन बाद महसूस होता है।
- इसके अलावा, महिलाएं दर्द की तीव्रता के आधार पर भी इन दोनों में अंतर महसूस हो सकता है। पीरियड क्रैम्प्स का दर्द मध्यम होता है, जबकि प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स का दर्द हल्का और मीडियम हो सकता है।
- इनको महिलाएं समय अवधि के आधार पर भी समझ सकती हैं। पीरियड कैम्प्स 2 से 3 दिनों तक रह सकता है, जबकि प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स के दर्द की अवधि एक से दो दिनों तक रह सकती है।
- पीरियड कैम्प्स, पेट के निचले हिस्से और पीठ में दर्द होती है। वहीं, प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स पेट के निचले हिस्से वो भी एक ओर हो सकता है।
- पीरियड क्रैम्प्स में पेट में भारीपन, थकावट, डायरिया, चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। वहीं, प्रेग्नेंसी क्रैम्पस में थकावट, स्तनों में कसाव, हल्की ब्लीडिंग महसूस होती है।
- पीरियड क्रैम्पस में महिलाओं को ब्लीडिंग नॉर्मल ब्लीडिंग की तरह होती है, जबकि प्रेग्नेंसी क्रैम्प्स की ब्लीडिंग बहुत हल्की गुलाबी या ब्राउन स्पॉट की तरह होती है।
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पीरियड क्रैम्प्स और शुरुआती प्रेगनेंसी क्रैम्प्स में हल्का अंतर होता है, लेकिन समझदारी से पहचानने पर आप अपने शरीर के संकेतों को सही तरीके से पढ़ सकती हैं। यदि आपकी पीरियड अनियमित है या आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो हर छोटे बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है। अगर, आप किसी तरह के लक्षण को नहीं समझ पा रही हैं तो ऐसे में आप गाइनाक्लॉजिस्ट से सलाह ले सकती हैं।
FAQ
पीरियड क्रैम्प को तुरंत कैसे रोकें?
पीरियड कैम्प्स होने पर आप योग, मेडिटेशन, पौष्टिक आहार आदि से समस्या की गंभीरता को कम कर सकते हैं।कमर दर्द और पीरियड क्रैम्प कैसे कम करें?
हीट पैक, व्यायाम और आराम से आपको पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। पेन किलर और अन्य हार्मोनल उपचार से मदद मिल सकती है।