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30 से 40 की उम्र के बीच लोगों को हार्मोन्स से जुड़ी समस्याएं ज्यादा क्यों होती हैं? जानें एक्सपर्ट से

क्या आप जानते हैं ज्यादातर लोगों को 30 से 40 की उम्र के बीच हार्मोनल इशुज ज्यादा क्यों होते हैं? आइए इस लेख में एक्सपर्ट से समझें इसका कारण।
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30 से 40 की उम्र के बीच लोगों को हार्मोन्स से जुड़ी समस्याएं ज्यादा क्यों होती हैं? जानें एक्सपर्ट से


Causes of Hormonal Issues: उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं। छोटी उम्र में व्यक्ति की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है इसलिए बीमार होने का खतरा कम होता है। लेकिन वहीं उम्र बढ़ने के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। बच्चे अन्य उम्र के लोगों के मुकाबले ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति 30 की उम्र को पार करता है, उसमें एनर्जी की कमी ज्यादा होने लगती है। आजकल लोगों में हार्मोन्स इंबैलेंस से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं। वहीं 30 से 40 की उम्र के बीच लोगों को हार्मोनल इशुज ज्यादा होते हैं। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं? इस बारे में जानकारी देते हुए हॉलिस्टिक हेल्थ कोच और एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट कपिल कनोडिया ने इंस्टाग्राम पर वीडियों शेयर किया है। आइए लेख के माध्यम से समझें इसका कारण।

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30 से 40 की उम्र के बीच हार्मोन्स से जुड़ी समस्याएं ज्यादा क्यों होती हैं?

एक्सपर्ट के मुताबिक हार्मोनल हेल्थ हमारी इमोशनल हेल्थ से सीधी तौर पर जुड़ी होती है। 30 से 40 की उम्र में लोगों की इमोशनल हेल्थ पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। ऐसे में लोगों को अपनी वर्क और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाना होता है। इस कारण उनकी इमोशनल हेल्थ पर असर पड़ता है। इसके कारण उनकी फिजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है और हार्मोन्स इंबैलेंस होने लगते हैं।

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इमोशनल हेल्थ हार्मोन्स इंबैलेंस होने की वजह कैसे बन सकते हैं? How Hormonal Health Connected With Emotional Health

हमारी इमोशनल हेल्थ हार्मोनल हेल्थ से सीधी तौर पर जुड़ी होती है। अगर आप खुश रहते हैं और आपके इमोशंस पॉजिटिव हैं, तो बॉडी में हैप्पी हार्मोन्स रीलीज होंगे। लेकिन अगर आप स्ट्रेस में रहते हैं या ज्यादातर परेशान रहते हैं, तो आपकी बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन्स रीलीज होंगे। हार्मोन्स शरीर में सेल्स के साथ कनेक्ट रहते हैं। सेल्स में डीएनए होता है जो बॉडी के सभी फंक्शंस के लिए प्रोटीन बनाता है। लेकिन हार्मोन्स इंबैलेंस होने की वजह से प्रोटीन की क्वालिटी खराब होने लगती है। स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ने की वजह से शरीर में अन्य हार्मोन्स भी इंबैलेंस होने लगते हैं। इसके कारण थायराइड, इंसुलिन रेजिस्टेंस, डायबिटीज और पीसीओएस व पीसीओडी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

हार्मोन्स इंबैलेंस होने के अन्य कारण

लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जैसे कि स्मोकिंग और शराब पीने की आदत भी हार्मोन्स इंबैलेंस कर सकती हैं। वजन ज्यादा होने या जंक फूड ज्यादा खाने से भी हार्मोन्स इंबैलेंस की संभावना हो जाती है।

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हार्मोन्स को बैलेंस कैसे रखा जा सकता है?

  • लाइफस्टाइल में इन बदलावों को अपनाने से बढ़ती उम्र में भी हार्मोन्स इंबैलेंस होने से रोका जा सकता है-
  • हार्मोन्स को बैलेंस रखने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रिदिंग और योगा करने की आदत बनाएं। क्योंकि इनसे आपको मेंटली हेल्दी रहने में मदद मिलेगी।
  • ताजा और घर का बना खाना ज्यादा खाएं। जंक, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि इनमें मौजूद रिफाइंड कंटेंट और प्रिजर्वेटिव्स हार्मोन्स इंबैलेंस की वजह बन सकते हैं।
  • फिजिकली फिट रहने के लिए एक्सरसाइज और वॉक करने की आदत बनाएं। हेल्दी वेट मेंटेन रखें और रोज एक्सरसाइज जरूर करें।

लेख में हमने जाना 30 से 40 की उम्र के बीच की लोगों को हार्मोनल इशुज ज्यादा क्यों होते हैं। इसके साथ ही, इन हार्मोनल इशुज को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हमने आपको सामान्य जानकारी दी है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

 

 

 

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