
What Are The Types Of Kidney Stones in Hindi: पथरी की समस्या काफी दर्द देने वाली होती है। खासकर, किडनी में होने वाले स्टोन की समस्या न सिर्फ आपके लिए दर्द से भरी हो सकती है, बल्कि ये शरीर में अन्य समस्याओं को भी बढ़ा सकती है। किडनी स्टोन, गुर्दे में बनने वाले ठोस पदार्थों का टुकड़ा होता है। किडनी स्टोन के आकार अलग-अलग हो सकते हैं, यह रेत के दाने जितना छोटा से लेकर मोतियों जितना बड़ा भी हो सकता है। किडनी स्टोन क्या होता है, इस बारे में जानकारी तो ज्यादातर लोगों को होती है। लेकिन ये कितने प्रकार के होते हैं (What are the 4 types of kidney stones), इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हालांकि किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए इसके होने का या प्रकार के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। ऐसे में आइए लखनऊ के मेदांता अस्पताल में यूरोलॉजी रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. मनमीत सिंह जानते हैं किडनी स्टोन कितने प्रकार की होती है (how many types of kidney stone)?
किडनी स्टोन के प्रकार - Types Of Kidney Stones in Hindi
1. कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन - Calcium Oxalate Stone
अक्सर पशु प्रोटीन, सोडियम और चीनी से भरपूर फूड्स का सेवन करने के कारण यूरिन में कैल्शियम और ऑक्सालेट बढ़ जाता है, जो कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन का कारण बन सकता है। पसलियों के नीचे, बगल में या पीठ में तेज दर्द होना, मतली या उल्टी होना और बार-बार पेशाब आना कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन के इलाज के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं, पशु प्रोटीन और सोडियम का सेवन कम करें, शरीर से कैल्शियम और ऑक्सालेट के स्तर को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें।
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2. यूरिक एसिड स्टोन - Uric Acid Stone
यूरिक एसिड स्टोन अक्सर मांस, सी फूड्स और ज्यादा मिठाइयों के सेवन से यूरिन में यूरिक एसिड बढ़ने से होता है। इसके लक्षण भी कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन की तरह ही हाथों के नीचे, बगल या पीठ में तेज दर्द के साथ मतली, उल्टी और बार-बार पेशान आना हो सकता है। यूरिक एसिड स्टोन होने पर आप बहुत सारा पानी पिएं, मांस और सी फूड्स के सेवन से बचें और शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को सामान्य करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन करें।
3. सिस्टीन स्टोन - Cystine Stone
सिस्टीन स्टोन किडनी स्टोन का ही एक प्रकार है। यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसके कारण किडनी में सिस्टीन नाम का एक एमिनो एसिड ज्यादा मात्रा में बनने लगता है। इसके लक्षणों की बात की जाए तो सिस्टीन स्टोन होने पर आपके हाथों के नीचे, बगल और पीठ में तेज दर्द होता है। इसके साथ ही मतली, उल्टी और बार-बार पेशाब आना भी इसके सामान्य लक्षण हैं। सिस्टीन किडनी स्टोन की समस्या से राहत पाने के लिए आप खूब सारा पानी पिएं, सिस्टीन के स्तर को कम करने के लिए दवाएं लें और मामला गंभीर होने पर सर्जरी करवाएं।
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4. स्ट्रुवाइट स्टोन - Struvite Stone
स्ट्रुवाइट स्टोन की समस्या यूरिन के रास्ते पर इंफेक्शन के कारण होती है, जिसमें बैक्टीरिया अमोनिया का उत्पादन करते हैं, जो मैग्नीशियम और फॉस्फेट के साथ मिलकर पथरी का रूप बन जाते हैं। यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स, खूब पानी पीना और पथरी को निकालने के लिए सर्जरी करवाना जरूरी होता है।
निष्कर्ष
हर तरह की किडनी स्टोन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और बहुत ही दर्द देने वाला है। लेकिन, इन सभी का इलाज संभव है। इसलिए, किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर इसे नजरअंदाज न करें, खूब सारा पानी पिएं, संतुलित आहार लें और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
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