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निमोनिया में कौन सा जूस पीना चाहिए? खुद डॉक्टर ने बताया

Nimoniya me konsa juice pina chahiye: निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। आइए जानते हैं निमोनिया में कौन सा जूस पीना चाहिए और क्यों ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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निमोनिया में कौन सा जूस पीना चाहिए? खुद डॉक्टर ने बताया


Nimoniya me konsa juice pina chahiye: निमोनिया, फेफड़ों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति लंग्स इंफेक्शन का शिकार हो जाता है। इस बीमारी में फेफड़े बैक्टीरिया, वायरस और किसी फंगस की वजह से प्रभावित हो जाते हैं और ये इंफेक्शन का कारण बनता है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। इस दौरान लोग फेफड़ों से जुड़े गंभीर लक्षण महसूस करते हैं जैसे कि कि फेफड़ों में सूजन की वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। इतना ही नहीं, कुछ लोग कंजेशन, लंबे मय तक खांसी और बुखार से परेशान रहते हैं। इस बीमारी में अक्सर इस बात का ध्यान रखना होता है कि आप अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जो कि कफ और कंजेशन को न बढ़ाए और फेफड़ों को हेल्दी रखने में मददगार हों। ऐसे में सवाल उठता है कि निमोनिया के मरीजों को कौन सा जूस पीना चाहिए? किस जूस को पीना सेहत के लिए फायदेमंद है सकता है और क्यों? जानते हैं इस बारे में Dr. Brunda M S, Sr. Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से।

निमोनिया में कौन सा जूस पीना चाहिए-Which juice should be consumed in pneumonia?

Dr. Brunda बताती हैं कि निमोनिया में आपको इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए और इसके लिए आपको डाइट का खास ख्याल रखना है। ऐसे में जूस की बात करें निमोनिया के दौरान, विटामिन से भरपूर ताजा जूस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और रिकवरी में मदद मिल सकती है। इस दौरान विटामिन सी से भरपूर संतरे का जूस संक्रमण से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। अनार का जूस फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है।

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NIH के अनुसार खट्टे फ्रूट जूस और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं साथ ही आपके फेफड़ों के लिए कई प्रकार से काम करते हैं। इस समीक्षात्मक स्टडी (review) के निष्कर्ष से पता चलता है कि

  • - खट्टे फ्रूट जूस जैसे संतरे का जूस और उनमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड हमारे शरीर की सूजन (inflammation) को नियंत्रित करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं।
  • -खट्टे फलों के जूस में विटामिन C और फोलेट (Vitamin B9) होता है जो कि इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। ये श्लेष्म झिल्ली में सूजन को कम करते हैं और सांस लेने को आसान बनाते हैं।
  • -विटामिन C एक एंटीऑक्सीडेंट है जो सूजन को कम करता है जिससे कंजेशन में भी कमी आती है।
  • -साइट्रस जूस में हेस्परिडिन (hesperidin), नारिरुटिन (narirutin) और नारिंगिन (naringin) जैसे महत्वपूर्ण पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं।

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मनुष्यों पर हुए अध्ययनों से पता चला है कि संतरे का जूस पीने से सूजन के मार्कर जैसे C-reactive protein कम होते हैं और यह ज्यादा फैट और कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन के बाद होने वाली सूजन को भी सीमित करता है। इस तरह से निमोनिया के मरीजों ते लिए संतरा जैसे खट्टे फलों का जूस पीना फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा सेब और गाजर का जूस पेट के लिए सौम्य होते हैं और शरीर को मजबूत बनाने के लिए विटामिन और मिनरल प्रदान करते हैं। शहद के साथ गर्म नींबू पानी गले को आराम पहुंचा सकता है और खांसी में आराम दिला सकता है। मीठे या पैकेज्ड जूस से बचें, क्योंकि ये सूजन बढ़ा सकते हैं।

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इन जूस के साथ पानी और हर्बल चाय सहित ढेर सारे तरल पदार्थ पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती, बलगम बाहर निकलता है और निमोनिया से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। आहार और तरल पदार्थों के संबंध में हमेशा डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

FAQ

  • निमोनिया किसकी कमी से होता है?

    निमोनिया किसी विटामिन या खान-पान की कमी से नहीं होती बल्कि कमजोर इम्यूनिटी की वजह से होती है क्योंकि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से फेफड़े, संक्रमण से लड़ नहीं पाते और गंभीर रूप से प्रभावित हो जाते हैं।
  • निमोनिया कितने दिन तक रहता है?

    निमोनिया का कारण क्या है इसे जानकर ही ये बताया जा सकता है कि रोगी इस बीमारी से कितनी जल्दी ठीक हो सकता है। जैसे कि वायरल निमोनिया में आपके 4 से 6 हफ्ते ठीक होने में लग सकते हैं तो बैक्टीरियल निमोनिया एंटीबायटिक्स की मदद से जल्दी ठीक हो सकते हैं।
  • निमोनिया रोग होने का क्या कारण है?

    निमोनिया रोगी होने का सबसे बड़ा कारण है आपकी फेफड़ों और इम्यूनिटी का कमजोर होना। इसके अलावा वातावरण का प्रदूषण, बैक्टीरिया और निमोनिया भी इस बीमारी को ट्रिगर कर सकता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 24, 2025 13:01 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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