
सर्दियों का मौसम आते ही खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण घर-घर में आम हो जाते हैं। लोग सोचते हैं कि ये तो सामान्य फ्लू (Flu) है थोड़ी गर्म चाय, आराम और घरेलू इलाज से ठीक हो जाएगा, लेकिन कई बार यही साधारण फ्लू धीरे-धीरे एक खतरनाक इंफेक्शन निमोनिया में बदल जाता है। दिक्कत यह है कि दोनों बीमारियों के शुरुआती लक्षण इतने मिलते-जुलते होते हैं कि लोग अक्सर इन्हें पहचान नहीं पाते और इलाज में देरी कर देते हैं।
फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो कुछ दिनों में ठीक हो सकता है, जबकि निमोनिया फेफड़ों को प्रभावित करने वाली गंभीर स्थिति है, जिसमें सांस फूलना, सीने में दर्द और तेज बुखार जैसे लक्षण शामिल होते हैं। अगर समय पर इसका पता न चले तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में। इस लेख में शारदा अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार-आंतरिक चिकित्सा, डॉ. श्रेय श्रीवास्तव (Dr.Shrey srivastav, Senior Consultant-Internal medicine, Sharda Hospital) से जानिए, निमोनिया और फ्लू में अंतर क्या होता है?
कैसे पता चलेगा कि यह निमोनिया है या फ्लू - What Is The Difference Between Flu And Pneumonia
फ्लू क्या है? - What is Flu
डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं कि फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर अचानक बुखार, बदन दर्द, गले में खराश, थकान और खांसी जैसे लक्षणों के साथ शुरू होता है। फ्लू ज्यादा संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैलता है। ज्यादातर मामलों में फ्लू 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह जटिल रूप भी ले सकता है।
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निमोनिया क्या है? - What is Pneumonia
निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का इंफेक्शन है, जो वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से हो सकता है। इसमें फेफड़ों में सूजन और म्यूकस भर जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, खांसी के साथ पीला या हरा बलगम आना, सीने में दर्द और तेज सांस फूलना शामिल है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में।
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फ्लू और निमोनिया में मुख्य फर्क - Key Differences Between Flu and Pneumonia
लक्षण | फ्लू | निमोनिया |
कारण | वायरस (Influenza Virus) | बैक्टीरिया, वायरस या फंगस |
लक्षणों की शुरुआत | अचानक | धीरे-धीरे या तेज |
खांसी | सूखी खांसी | बलगम वाली खांसी |
बुखार | हल्का से मध्यम | तेज और लगातार |
सांस लेने में दिक्कत | सामान्य | ज्यादा, विशेषकर चलते समय |
रिकवरी समय | 5-7 दिन | 2-3 हफ्ते या अधिक |
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको सामान्य फ्लू जैसे लक्षण हैं लेकिन 3-4 दिनों में सुधार नहीं हो रहा, या सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, बहुत तेज बुखार और लगातार खांसी है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आमतौर पर छाती का एक्स-रे (Chest X-ray) या ब्लड टेस्ट करके यह पता लगाते हैं कि इंफेक्शन फ्लू का है या निमोनिया का।
निष्कर्ष
फ्लू और निमोनिया के लक्षण कई बार एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनकी गंभीरता और उपचार में बड़ा अंतर होता है। फ्लू आमतौर पर हल्का और अस्थायी होता है, जबकि निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का इंफेक्शन है जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए अगर आपको लगातार खांसी, सांस फूलना या तेज बुखार महसूस हो तो इसे साधारण फ्लू न समझें।
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FAQ
क्या फ्लू से निमोनिया हो सकता है?
अगर फ्लू के दौरान शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाए या इंफेक्शन फेफड़ों तक पहुंच जाए, तो बैक्टीरिया या वायरस निमोनिया का कारण बन सकते हैं। इसलिए फ्लू को हल्के में न लें और लक्षण बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।निमोनिया के पहले चेतावनी संकेत क्या हैं?
तेज बुखार, ठंड लगना, खांसी के साथ बलगम, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई, ये निमोनिया के शुरुआती लक्षण हैं। कुछ लोगों में भूख न लगना और थकान भी महसूस होती है।फ्लू या निमोनिया से बचने के उपाय क्या हैं?
साफ-सफाई रखें, हाथ बार-बार धोएं, पर्याप्त नींद लें, बैलेंस डाइट लें और सर्दी-जुकाम वाले व्यक्ति से दूरी बनाएं। इसके अलावा, फ्लू और निमोनिया वैक्सीन लगवाना भी एक प्रभावी रोकथाम उपाय है।
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Current Version
Oct 08, 2025 14:02 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 08, 2025 12:25 IST
Published By : Akanksha Tiwari