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एक जैसे दिख सकते हैं Mpox और इन 3 स्किन इंफेक्शन की वजह से होने वाले रैशेज, ऐसे पहचानें अंतर

Monkeypox: एमपॉक्स के रैशेज आपको सिफलिस, शिंगल्स जैसी कई डिजीज से मिलते जुलते हो सकते हैं। इनमें फर्क करना मुश्किल हो सकता है। जानें, अंतर-
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एक जैसे दिख सकते हैं Mpox और इन 3 स्किन इंफेक्शन की वजह से होने वाले रैशेज, ऐसे पहचानें अंतर


Mpox: एमपॉक्स के कहर से पूरी दुनिया डरी हुई है। एमपॉक्स की वजह से एक बार फिर हमें कोविड का काल याद आ रहा है। उस दौरान कितनी जान-माल को हानि हुई थी, इस बात से कोई अनजान नहीं है। मौजूदा समय में एक बार फिर एमपॉक्स के बढ़ते मामले हर व्यक्ति को डरा रहे हैं। लोग जगह-जगह मास्क पहनकर चल रहे हैं, ताकि संक्रमित व्यक्ति से बचा जा सके। यह बीमारी इसलिए भी घातक है क्योंकि अगर मरीज को सही समय पर सही उपचार न मिले या सही ट्रीटमेंट से वह वंचित रह जाए, तो उसकी जान भी जा सकती है। एमपॉक्स से बचने के लिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति को इसके लक्षणों के बारे में पता हो। विशेषज्ञों का कहना है कि एमपॉक्स होने पर पूरे शरीर में रैशेज हो जाते हैं। आपको बता दें कि एमपॉक्स में ऐसे रैशेज होते हैं, जिन्हें देख अक्सर लोग इन्हें दूसरे स्किन डिजीज समझ बैठते हैं। आइए, जानते हैं कि उन स्किन डिजीज और एमपॉक्स में नजर आने वाले रैशेज के बीच अंतर के बारे में। इस बारे में हमने मुंबई में स्थित Zynova Shalby Hospital में इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उर्वी माहेश्वरी से बात की।

मंकीपॉक्स और स्किन इंफेक्शन की वजह से होने वाले रैशेज में अंतर- Difference Between Rashes In Monkeypox And Other Skin Conditions In Hindi

syphlis

सिफलिस

सिफलिस एक तरह की सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज है। लेकिन, सिफलिस होने के तुरंत बाद मरीज को बॉडी में रैशेज नहीं होते हैं। इसके उलट, सेकेंड स्टेज में पहुंचने पर मरीज के बॉडी में रैशेज आदि होने लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सिफलिस होने पर नजर आने वाले रैशेज अन्य कई स्किन डिजीज जैसे ही नजर आते हैं। इसलिए, लोग अक्सर इन्हें देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं। बहरहाल, एमपॉक्स के रैशेज भी सिफलिस जैसे नजर आ सकते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे स्टेजेस में बदलाव होते जाते हैं, रैशेज में फर्क दिखने लगता है। आपको बता दें कि सिफलिस एक जानेलवा बीमारी है। अगर समय रहते मरीज का इलाज न किया जाए, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

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हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी)

monkeypox and other skin conditions

हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज होने पर भी लोग इसे एमपॉक्स के साथ कंफ्यूज हो सकते हैं। असल में, दोनों बीमारियों के लक्षण एक जैसे होते हैं यानी हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज होने पर बच्चों को बुखार और हाथ, पैर और मुंह में रैशेज निकल आते हैं। इसी तरह, एमपॉक्स में भी बुखार और रैशेज होने के लक्षण उभरने लगते हैं। हालांकि, सीडीसी का कहना है कि हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज होने पर करीब 10 दिन के अंदर यह बीमारी अपने आप रिकवर होने लगती है। वहीं, अगर रैशेज एमपॉक्स के कारण है, तो इसकी कफंर्मेशन के लिए डॉक्टर की मदद से लैब टेस्ट करवाया जाता है।

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शिंगल्स

monkeypox and other skin conditions

शिंगल्स खतरनाक बीमारी जरूर है, लेकिन इसकी वजह से आमतौर पर लोगों की जान नहीं जाती है। एनएचएस के आंकड़ों की मानें, तो करीब 1000 लोगों में से किसी एक व्यक्ति की जान जा सकती है, वह भी अगर व्यक्ति की उम्र 70 साल से ज्यादा है। इसके बावजदू, इस बीमारी की अनदेखी नहीं की जा सकती है। यह चिकनपॉक्स वायरस के पुनः सक्रिय होने के कारण होता है, जो शुरुआती इंफेक्शन के बाद कई वर्षों तक शरीर की नसों में जीवित रह सकता है। शिंगल्स होने पर बॉडी में ऐसे बम्प्स हो जाते हैं, जिसमें फ्लूइड भरा होता है और ये पेनफुल यानी दर्दनाक होते हैं। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनकी बॉडी में असामान्य रैशेज नजर आ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शिंगल्स और एमपॉक्स के रैशेज में फर्क करना आसान नहीं है। दोनों में ही शुरुआती समय में फ्लू जैसे लक्षण उभरते हैं और रैशेज में दर्द होता है।

Image Credit: nhs (https://assets.nhs.uk/nhsuk-cms/images/C0372222-Shingles_rash.width-1534.png)

Image Credit: Freepik

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