कोरोना महामारी का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है कि देश-दुनिया में अलग-अलग बीमारियों के मामले सामने आते हैं। दुनिया में कई अजीबो-गरीब बीमारियां हैं, जो कई बार जानलेवा तक साबित होती हैं। पिछले कुछ सालों में US में आई सिफलिस के मामले तेजी से बढ़े हैं। सुनने में यह आखों से जुडी समस्या लग रही है, लेकिन असल में यह एक प्रकार का यौन संक्रमण या रोग है, जिसने कुछ सालों में लाखों लोगों को अपनी चपेट में लिया है। आइये विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ।
क्या है आई सिफलिस?
आई सिफलिस एक प्रकार का इंफेक्शन है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। आमतौर पर यह सेक्शुअल कॉन्टैक्ट में आने से होता है। इसे आई सिफलिस इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका प्रभाव आपकी आखों पर भी पड़ता है। यही नहीं, इस समस्या को नजरअंदाज करना आपके नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने के साथ ही ब्रेन को भी डैमेज कर सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में 2 लाख 7 हजार लोग आई सिफलिस का शिकार हुए थे। साल 2018 की तुलना में इन मामलों में 80 प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई है।
आई सिफलिस के लक्षण
- आई सिफलिस होने पर आपकि सुनने की क्षमता प्रभावित होने के साथ ही देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
- इस स्थिति में आपको मुंह के साथ-साथ मलाशय में भी समस्या हो सकती है।
- आई सिफलिस होने पर मांसपेशियों में दर्द होने के साथ ही वजन भी कम हो सकता है।
- ऐसे में थकान, बुखार होने के अलावां लिम्फ नोड्स में भी सूजन हो सकती है।
कितना खतरनाक है आई सिफलिस?
यह बीमारी कैंसर, हार्ट के रोग या फिर किसी ट्यूमर से कम खतरनाक नहीं है। फैटी लिवर की तरह ही आई सिफलिस के 4 स्टेज होते हैं। अगर इसके पहले स्टेज में इसका ट्रीटमेंट शुरु कर दिया जाए तो इससे निजात भी पाई जा सकती है। यह बीमारी आपको तब होती है, जब आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसके आखिरी स्टेज में पहुंचने पर मरीज का नर्वस सिस्टम डैमेज होने के साथ ही हार्ट भी डैमेज हो जाता है।