Mpox Recovery Time: मंकीपॉक्स वायरस के कारण व्यक्ति को मंकी पॉक्स हो सकता है। कई देशों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है जैसे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं या अन्य बीमारियों से जूझ रहे गंभीर मरीज आदि, उनमें यह बीमारी तेजी से फैलती है। जो लोग एक से दूसरे देश यात्रा करते हैं, उनमें भी मंकीपॉक्स का वायरस तेजी से फैल सकता है। मंकीपॉक्स के हल्के मामलों में, मरीज बुखार, शरीर में चकत्ते होने के बाद 2 से 4 हफ्तों में ठीक हो जाता है। लेकिन गंभीर मामलों में मंकीपॉक्स के कारण, मरीज को सेप्सिस, निमोनिया, आंखों में संक्रमण या स्किन इंफेक्शन भी हो सकता है। मंकीपॉक्स को हल्के में नहीं लिया जा सकता। मामला गंभीर होने पर यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंकी पॉक्स में मृत्यु दर 10 प्रतिशत तक हो सकती है। इस लेख में जानेंगे कि मंकीपॉक्स हो जाने के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
मंकीपॉक्स से रिकवरी होने में कितना समय लगता है?- Mpox Recovery Time
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के मुताबिक, मंकीपॉक्स हो जाने के बाद, रिकवरी में 2 से 4 हफ्तों का समय लग सकता है। मंकीपॉक्स के लक्षण (Monkeypox Symptoms), व्यक्ति में वायरस के संपर्क में आने के 6 से 13 दिनों के भीतर शुरू हो जाती हैं। इस वक्त को इंक्यूबेशन पीरियड कहते हैं। यह अवधि 5 से 21 दिनों तक भी हो सकती है। मंकीपॉक्स हो जाने के बाद शुरुआती लक्षणों की बात करें, तो बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते बनना आदि समस्याएं 3 से 4 दिनों तक बनी रह सकती हैं। मंकीपॉक्स का समय पर इलाज किया जाए और सही देखभाल की जाए, तो ज्यादातर मामलों में मरीज धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, मरीज को ठीक होने में 3 से 5 हफ्ते भी लग सकते हैं। मंकीपॉक्स से रिकवरी का समय व्यक्ति की इम्यूनिटी, इलाज और इंफेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। मंकीपॉक्स होने के बाद, रिकवरी पीरियड में व्यक्ति को आइसोलेशन में रहना चाहिए। इस दौरान, मरीज को आराम, हाइड्रेशन और दवाओं के सेवन पर गौर करना चाहिए। इस तरह रिकवरी जल्दी हो जाएगी।
शरीर में 2 से 4 हफ्तों तक चकत्ते नजर आते हैं
बुखार के बाद, शरीर के कई हिस्सों में चकत्ते नजर आते हैं, जो कि 2 से 4 हफ्तों तक बने रह सकते हैं। चकत्तों का विकास भी कई चरणों में होता है। पहले समतल चकत्ते बनते हैं जिसे मैक्यूल्स कहते हैं, इसके बाद उठे हुए चकत्ते दिखते हैं जिसे पप्यूल्स कहते हैं, इसके बाद पफोलों में फ्लूड भर जाता है जिसे वेसिकल्स कहते हैं, फिर फफोलों में मवाद भर जाता है जिसे पस्ट्यूल्स कहते हैं और अंत में पपड़ी बनने लगती है। चकत्ते में पपड़ी बनने के बाद, ये पपड़ी धीरे-धीरे गिरने लगती हैं और इसके बाद त्वचा में निशान रह जाते हैं।
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यात्रा के दौरान मंकीपॉक्स से रहें सावधान- Monkeypox Prevention While Traveling
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कई उपायों की मदद ली जा सकती है, खासकर अगर आप उन क्षेत्रों में यात्रा कर रहे हैं जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं-
- मंकीपॉक्स आमतौर पर संक्रमित जानवरों जैसे चूहा या बंदर से फैलता है। जंगल या ग्रामीण इलाकों में यात्रा करते समय, संक्रमित जानवरों के संपर्क से बचें।
- मीट खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पका लें और कच्चे मांस को छूने के बाद हाथ धोएं।
- नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर जब आप संक्रमित क्षेत्रों या जानवरों के संपर्क में आएं।
- जब साबुन और पानी उपलब्ध न हो, तो एल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
- अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो खुद को अन्य लोगों से अलग करें और आइसोलेशन में रहें।
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जैसे दस्ताने, मास्क और गाउन का इस्तेमाल करें।
- अगर संभव हो, तो अपने कपड़ों को गर्म पानी और साबुन से धोएं।
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