
टाइप 5 डायबिटीज एक ऐसी डायबिटीज है जो खासतौर पर दुबले-पतले और कुपोषित किशोरों और युवाओं में पाई जाती है, खासकर उन देशों में जहां संसाधन कम हैं और लोग कम आय वर्ग से आते हैं। डायबिटीज को आमतौर पर टाइप 1 और टाइप 2 तक सीमित समझा जाता है, लेकिन वास्तव में यह बीमारी कई प्रकार की होती है। टाइप 5 डायबिटीज जिसे मेडिकल भाषा में मालन्यूट्रिशन-रिलेटेड डायबिटीज मेलिटस (Malnutrition-Related Diabetes Mellitus MRDM) कहा जाता है, एक गंभीर प्रकार है जो मुख्य रूप से कम पोषण वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। यह बीमारी अक्सर उन युवाओं या किशोरों में होती है जो बचपन से ही कुपोषण का शिकार रहे होते हैं। इसमें शरीर का अग्न्याशय (Pancreas) पूरी तरह से इंसुलिन नहीं बना पाता और शरीर में एनर्जी के लिए जरूरी ग्लूकोज का संतुलन बिगड़ जाता है।
इसका संबंध सिर्फ शुगर लेवल से नहीं, बल्कि जीवनभर की पोषण स्थिति, जैसे प्रोटीन, विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी से भी होता है। खासतौर पर भारत, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के ग्रामीण या गरीब तबकों में यह देखने को मिलता है। यह डायबिटीज न, तो पूरी तरह टाइप 1 की तरह होती है न ही टाइप 2 की, बल्कि यह कुपोषण और डायबिटीज का मिलाजुला रूप है। दुर्भाग्य से, इसकी जानकारी कम होने के कारण इसका सही समय पर इलाज नहीं हो पाता, जिससे शरीर में समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इस लेख में हम जानेंगे टाइप 5 डायबिटीज के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
टाइप 5 डायबिटीज के लक्षण- Symptoms of Type 5 Diabetes
टाइप 5 डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms) धीरे-धीरे सामने आते हैं और अक्सर इन्हें सामान्य कमजोरी या थकावट समझ लिया जाता है-
- बार-बार भूख लगना लेकिन वजन कम होना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना
- शरीर में लगातार कमजोरी और थकान
- जल्दी-जल्दी इंफेक्शन होना
- हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
- शरीर की मांसपेशियों का डैमेज होना
- बच्चों में विकास रुक जाना या उम्र के अनुसार वजन न बढ़ना
- सामान्य घावों का धीमे भरना
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है। समय पर जांच और सही इलाज जरूरी है।
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टाइप 5 डायबिटीज के कारण- Causes of Type 5 Diabetes

- टाइप 5 डायबिटीज का मुख्य कारण है कुपोषण। कुपोषण की शुरुआत मां के गर्भ में ही हो जाती है। अगर गर्भस्थ शिशु को मां के पेट में रहते समय सही पोषण नहीं मिल पाता, तो आगे चलकर उसे डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। अगर बच्चा जन्म से पहले या बाद में बहुत ज्यादा वजन बढ़ा लेता है, तो उसे टाइप डायबिटीज हो सकती है। लेकिन अगर बच्चा जन्म से पहले भी और बाद में भी कमजोर और कुपोषित रहता है, तो उसे पोषण की कमी वाली डायबिटीज हो सकती है, जिसे अब टाइप 5 डायबिटीज कहा जा रहा है।
- अगर मां कुपोषित रही हो, तो बच्चे के अग्न्याशय का विकास अधूरा रह सकता है और टाइप 5 डायबिटीज हो सकती है।
- पौष्टिक भोजन की कमी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी से स्थिति को और बिगड़ जाती है।
- हाल के शोध बताते हैं कि जिन बच्चों को लंबे समय तक दूध, अंडा, दाल, हरी सब्जियां नहीं मिलतीं, उनमें इंसुलिन उत्पादन की क्षमता कमजोर हो जाती है।
टाइप 5 डायबिटीज का इलाज- Treatment of Type 5 Diabetes
- टाइप 5 डायबिटीज को अभी हाल ही में आधिकारिक रूप से पहचाना गया है, इसलिए इसके लिए कोई तय इलाज या जांच की पक्की प्रक्रिया अभी तक नहीं बनी है।
- इस टाइप की डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए हाई प्रोटीन डाइट बहुत जरूरी होती है।
- इसके अलावा, अगर व्यक्ति का वजन कम है और वह ज्यादा एक्टिव नहीं है, तो उसे सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फैट्स भी देने चाहिए ताकि उसका वजन बढ़ सके और शरीर को पूरी एनर्जी मिले।
- मांसपेशियों को फिर से एक्टिव बनाने के लिए हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है।
- ब्लड ग्लूकोज, हीमोग्लोबिन, सी-पेप्टाइड लेवल और वजन की समय-समय पर जांच की जाती है।
- इस प्रकार, टाइप 5 डायबिटीज के इलाज का उद्देश्य केवल ग्लूकोज को कंट्रोल करना नहीं, बल्कि शरीर की पोषण क्षमता और अंगों की कार्यक्षमता को फिर से ठीक करना भी होता है।
टाइप 5 डायबिटीज से बचाव कैसे करें?- Prevention Tips for Type 5 Diabetes
- बचपन से ही संतुलित आहार- जैसे कि बच्चों को दूध, दाल, फल, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार देना जरूरी है।
- गर्भवती महिलाओं का पोषण बेहतर रखना जरूरी है ताकि शिशु का शारीरिक विकास ठीक से हो।
- कमजोर बच्चों में बार-बार इंफेक्शन इस बीमारी को जन्म दे सकते हैं। इसलिए समय पर टीकाकरण कराना जरूरी है।
- ग्रामीण समुदायों में पोषण, साफ-सफाई और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी देना जरूरी है।
टाइप 5 डायबिटीज, जिसे मालन्यूट्रिशन-रिलेटेड डायबिटीज मेलिटस (Malnutrition-Related Diabetes Mellitus MRDM) कहा जाता है, कोई आम डायबिटीज नहीं है, बल्कि यह उन बच्चों और युवाओं की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो लंबे समय से कुपोषण का शिकार रहे हैं। इस बीमारी का इलाज केवल इंसुलिन या दवाओं से नहीं किया जा सकता, बल्कि संतुलित आहार, पोषण और जागरूकता ही इसका सही इलाज है।
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Oct 26, 2025 15:45 IST
Published By : Yashaswi Mathur