What is Painless Delivery Women health Expert answer: प्रेग्नेंसी के 9 महीने पूरे होने के बाद जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, हर महिला की बेचैनी बढ़ने लगती है। प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में महिलाओं के दिमाग में डिलीवरी के दौरान होने वाला दर्द, क्रैम्प्स और क्या-क्या परेशानियां आएंगी यही चलता रहता है। डिलीवरी के दौरान होने वाला दर्द लेबर पेन बहुत ज्यादा होने के बावजूद बर्दाश्त किया जा सकता है, पर इसके लिए महिलाओं के मन में डर तो रहता ही है। लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे मेडिकल साइंस तरक्की कर रहा है, अब महिलाओं के पास पेनलेस डिलीवरी (Pain-Free Delivery) का ऑप्शन भी आ गया है। पेनलेस डिलीवरी को मेडिकल भाषा में एपिड्यूरल डिलीवरी कहा जाता है।
एपिड्यूरल डिलीवरी एक ऐसी तकनीक है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी के दौरान दर्द को कम या समाप्त कर दिया जाता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं पेनलेस डिलीवरी महिलाएं कब करवा सकती हैं और इस पूरी प्रक्रिया का प्रोसेस क्या है। एपिड्यूरल डिलीवरी (What is Epidural Delivery) के बारे में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. तान्या गुप्ता ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया है।
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क्या होती है पेनलेस डिलीवरी?- What is Painless Delivery
डॉ. तान्या गु्प्ता का कहना है कि पेनलेस डिलीवरी वह है, जिसमें डिलीवरी के दौरान महिलाओं को होने वाले दर्द को कम करने के लिए एपीड्यूरल एनेस्थीसिया (Epidural Anesthesia) का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर के अनुसार, डिलीवरी के लिए जब महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है, तब डॉक्टर उनकी सर्विक्स को चेक करते हैं। अगर सर्विक्स 2 से 3 सेंटीमीटर चौड़ा हो जाता है, तब रीढ़ की हड्डी में स्थित एपिड्यूरल स्पेस में इंजेक्ट किया जाता है। यह इंजेक्शन महिला के शरीर को पूरी तरह से सुन्न कर देता है। जिसकी वजह से महिलाओं को डिलीवरी के दौरान दर्द बहुत ही कम या बिल्कुल भी नहीं होता है।
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पेनलेस डिलीवरी का प्रोसेस क्या है?- What is the Process of Painless Delivery
डॉ. तान्या गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में पेनलेस डिलीवरी का प्रोसेस क्या है, इसकी जानकारी भी दी है।
- पेनलेस डिलीवरी के लिए सबसे पहले महिला की मेडिकल हिस्ट्री और ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है।
- जैसे-जैसे डिलीवरी की प्रक्रिया तेज होती है, सर्विक्स का संकुचन तेज होने लगता है। जब सर्विक्स 2 से 3 सेंटीमीटर का हो जाता है, तब एनेस्थेटिस्ट रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में एपिड्यूरल स्पेस में एक पतली पाइप (कैथेटर) में डाला जाता है।
- इस पाइप के जरिए पेन किलर दवाएं महिला के शरीर में पहुंचाई जाती है, ताकि डिलीवरी के समय दर्द का एहसास कम हो।
- इंजेक्शन लगाने से लेकर पाइप डालने तक डॉक्टर को लगभग 15 से 20 मिनट का समय लग सकता है।
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पेनलेस डिलीवरी के फायदे क्या-क्या हैं?- Benefits of Painless Delivery
आम नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले पेनलेस डिलीवरी में महिलाओं को असहजता कम महसूस होती है। असहनीय दर्द के डर से कई महिलाएं सी-सेक्शन (C-Section) का विकल्प चुनती हैं, लेकिन एपिड्यूरल के कारण नॉर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।
- पेनलेस डिलीवरी उन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है, जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा थी।
- नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले पेनलेस डिलीवरी वाली महिलाओं को मानसिक तौर पर कम परेशान होना पड़ता है।
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निष्कर्ष
पेनलेस डिलीवरी एक तरीका है, नॉर्मल डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने का। जो महिलाएं असहनीय दर्द के कारण सी-सेक्शन डिलीवरी का विकल्प चुनती हैं, पेनलेस डिलीवरी उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर आप पेनलेस डिलीवरी करवाना चाहती हैं, तो अस्पताल में एडमिट होने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।