Can Stress During Pregnancy Lead To Premature Delivery in Hindi: प्रेग्नेंसी के 9 महीने का सफर बहुत ही मुश्किल होता है। इस दौरान महिलाओं में शारीरिक और मानसिक तौर पर कई तरह के बदलाव आते हैं। कई बार हार्मोनल बदलावों की वजह से प्रेग्नेंसी में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और स्ट्रेस देखने को मिलता है। प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस यानी की तनाव होना बहुत ही आम है, लेकिन इसका सीधा असर गर्भ में पलने वाले बच्चे पर पड़ता है। गुरुग्राम स्थित मणिपाल अस्पताल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ इला जलोटे का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से हार्ट सिस्टम, पाचन क्रिया, इम्यून सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस और मानसिक परेशानियों से जूझ रहीं महिलाएं अक्सर यह सवाल करती हैं कि क्या इससे प्री-मैच्योर डिलीवरी (समय से पहले बच्चे का जन्म) का खतरा भी बढ़ सकता है। अगर आपके मन में भी यह सवाल है, तो आइए जानते हैं इसका जवाब।
क्या प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस बन सकता है प्री-मैच्योर डिलीवरी का कारण?- Can Stress During Pregnancy is the Reason of Premature Delivery
डॉ इला जलोटे का कहना है, "प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा तनाव लेने की वजह से गर्भ में पलने वाले शिशु का मानसिक और शारीरिक विकास धीमा हो जाता है। साथ ही, इस दौरान लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने की वजह से बच्चे का जन्म वक्त से पहले होने का खतरा भी बना रहता है।" डॉ इला जलोटे ने आगे बताया, "प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है। इससे गर्भाशय में रक्त का प्रवाह सीमित हो सकता है, जिससे गर्भ में पलने वाले बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो सकती है। यह भ्रूण के विकास और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ता है। इसलिए जरूरी है कि महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद खुश और हंसता हुआ रहना चाहिए।" एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला ज्यादा स्ट्रेस लेती है, तो यह उसकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है।
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प्रीमेच्योर डिलीवरी के नुकसान क्या है?
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी बच्चे की प्रीमेच्योर डिलीवरी होती है, तो उसमें आयरन की कमी देखी जाती है। आयरन की कमी होने की वजह से बच्चे का दिमागी और शारीरिक विकास धीमा होता है।
प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस कम करने के लिए अपनाएं ये तरीके
हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं
डॉ इला जलोटे का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस और अन्य तरह की मानसिक परेशानियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए संतुलित आहार लें, शरीर को हाइड्रेटेड रखें और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। प्रेग्नेंसी के किस महीने में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए, इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पर्याप्त नींद लें
प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस की एक मुख्य वजह सही नींद न लेना भी है। डॉ इला जलोटे के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में सही नींद लेकर स्ट्रेस लेवल को कम किया जा सकता है। इसके लिए अपने सोने और जागने का समय निर्धारित करें।
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रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें
रिलैक्सेशन तकनीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज, ध्यान और योग करें, ताकि मांसपेशियों को आराम मिलें।
(Image Credit: Freepik.com)
With Inputs: DR. ILA JALOTE, Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Manipal Hospital, Gurugram