स्वस्थ बच्चे के लिए सुंदरकांड और रामायण का पाठ करें गर्भवती महिलाएं, तेलंगाना की राज्यपाल ने दी सलाह

राज्यपाल ने कहा, तमिलनाडु में यह मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं को कम्बन रामायण की सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए, जो कि रामायण का तमिल संस्करण है।
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स्वस्थ बच्चे के लिए सुंदरकांड और रामायण का पाठ करें गर्भवती महिलाएं, तेलंगाना की राज्यपाल ने दी सलाह

Garbha Sanskar Programme: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने प्रेग्नेंट महिलाओं को रामयाण और सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी है। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक संगठन के ‘गर्भ संस्कार’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, प्रेग्नेंट महिलाएं अगर सुदंरकांड का पाठ करें, तो इससे बच्चा मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ पैदा होगा। सौंदरराजन ने कहा कि आज भी ग्रामीण भारत में माताएं रामायण जैसे महाकाव्य का पाठ करती हैं और प्रेग्नेंट महिलाएं उसे सुनती हैं, जिससे बच्चा स्वस्थ पैदा होता है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा, "तमिलनाडु में यह मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं को कम्बन रामायण की सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए, जो कि रामायण का तमिल संस्करण है। सुंदरकांड हनुमान का चमत्कार है और इसलिए यह बच्चे के लिए बहुत अच्छा होगा।"

गर्भ संस्कार कार्यक्रम मॉड्यूल का आयोजन

राज्यपाल ने कहा, "होने वाला बच्चा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ पैदा हो इसके लिए सरकार द्वारा एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। ऑनलाइन शुरू होने वाले इस 'गर्भ संस्कार' मॉड्यूल के अनुसार इन उपायों में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योग प्रैक्टिस जैसी चीजों को शामिल किया जाएगा।"

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2 साल तक दिया जाएगा गर्भ संस्कार

राज्यपाल के बयान के मुताबिक तेलंगाना में प्रेग्नेंसी के दौरान दिया जाने वाला गर्भ संस्कार बच्चे के जन्म के 2 साल तक चलेगा। इस कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा। तेलंगाना के राज्यपाल के इस बयान के बाद यह जानना जरूरी है कि आखिरकार गर्भ संस्कार क्या है और इससे क्या फायदा मिलता है।

गर्भ संस्कार क्या है?

हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा चाहते हैं। बच्चे के जन्म के बाद भी स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ गर्भावस्था आवश्यक है। गर्भसंस्कार ने शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास में योगदान के रूप में लोकप्रियता प्राप्त की है। गर्भ संस्कार के बारे में प्राचीन शास्त्रों के लिखा गया है और इसे आयुर्वेद में भी शामिल किया गया है। संस्कृत में गर्भ शब्द गर्भ में भ्रूण को संदर्भित करता है और संस्कार का अर्थ है मन की शिक्षा। तो, गर्भ संस्कार का अर्थ हुआ अजन्मे बच्चे के दिमाग को शिक्षित करने की प्रक्रिया।

गर्भ संस्कार का महत्व क्या है?

गर्भसंस्कार को बच्चे को लाभ पहुंचाने के लिए माना जाता है, बल्कि यह केवल बच्चे पर केंद्रित नहीं है। ये अभ्यास सुनिश्चित करते हैं कि मां स्वस्थ रहे और मन की स्थिति सकारात्मक हो। गर्भसंस्कार के अभ्यास के जरिए गर्भवती महिलाओं के आहार और जीवन शैली में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया जाता है। Image Credit: Freepik.com

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