पिछले कुछ सालों में सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी का चलन इतना ज्यादा हो गया है, हर प्रेग्नेंट महिला बच्चे को सी-सेक्शन डिलीवरी के जरिए ही जन्म देना चाहती है। दरअसल, आजकल कपल्स हर चीज प्लानिंग के हिसाब से चाहते हैं। जिसके कारण बच्चे के जन्म उनके द्वारा तय की गई तारीख पर ही हो, इसलिए वह सी-सेक्शन डिलीवरी को चुनते हैं। जिस तरह से पिछले कुछ वक्त में सी-सेक्शन डिलीवरी का चलन देखा जा रहा है, उसे न्यू नॉर्मल कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। जैसे-जैसे सी-सेक्शन डिलीवरी के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे नॉर्मल डिलीवरी को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के मिथक पैदा हो रहे हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको नॉर्मल डिलीवरी से जुड़े ऐसे ही 5 मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
मिथक- नॉर्मल डिलीवरी के कारण यौन रोग होता है।
सच्चाई : डॉक्टर के अनुसार, नॉर्मल डिलीवरी के बारे में सबसे आम मिथक है कि यह महिलाओं में यौन रोग को बढ़ाता है और संबंध बनाने की इच्छा को भी कम कर देता है। लेकिन असल मायनों में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। यौन रोगों का नॉर्मल डिलीवरी से कोई कनेक्शन नहीं है। महिलाओं में होने वाले यौन रोगों का मुख्य कारण वजाइना की ठीक तरह से सफाई न करना है।
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मिथक- नॉर्मल डिलीवरी के कारण प्रोलैप्स हो सकता है।
सच्चाई : गर्भाशय प्रोलैप्स तब होता है जब गर्भाशय अपनी सामान्य स्थिति से योनि में चला जाता है। गर्भाशय प्रोलैप्स का मुख्य कारण व्यक्ति की आनुवंशिक प्रवृत्ति है; लेकिन कोई भी चिकित्सा दिशानिर्देश यह सुझाव नहीं देता है कि प्रोलैप्स से बचने के लिए आपको सी-सेक्शन डिलीवरी कराने की जरूरत पड़ती है।
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मिथक- नॉर्मल डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाला वैक्यूम खतरनाक होता है।
सच्चाई- डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि नॉर्मल डिलीवरी कराने वाली सभी महिलाओं को बाहरी प्रेशर या वैक्यूम की जरूरत नहीं होती है। नॉर्मल डिलीवरी कराने वाली 10% से भी कम महिलाओं को वैक्यूम की आवश्यकता होती है। डिलीवरी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले वैक्यूम बिल्कुल सुरक्षित होते हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि वैक्यूम का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब प्रेशर के जरिए बच्चे को योनि से बाहर निकालने में असमर्थ होती है।
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मिथक- नॉर्मल डिलीवरी शिशुओं के लिए सुरक्षित नहीं है।
सच्चाई - डॉक्टर का कहना है कि यह बात बिल्कुल गलत है कि नॉर्मल डिलीवरी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होती है। अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) नॉर्मल डिलीवरी की सलाह देते हैं क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी से जन्म लेने वाले शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है और अन्य दीर्घकालिक लाभ जैसे कि मजबूत ऑटो इम्यून सिस्टम और श्वसन संकट, एलर्जी, मधुमेह या मोटापे का जोखिम कम होता है।
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मिथक- कम लंबाई की लड़कियां नॉर्मल डिलीवरी से जन्म नहीं दे सकती हैं।
सच्चाई- प्रकृति के अनुसार, ज्यादातर छोटी और दुबली महिलाओं के बच्चे छोटे होते हैं जो योनि से होकर निकल सकते हैं। जब तक आप प्रसव पीड़ा से गुजरती नहीं हैं, तब तक आप यह नहीं जान सकती कि आपका बच्चा आपके योनि के लिए बहुत बड़ा है या नहीं।
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