Myths and facts about women lingerie : आज के डिजिटल जमाने में एक-दूसरे तक जितनी तेजी से सूचनाएं पहुंच रही हैं, उतनी ही तेजी से भ्रामक और गलत जानकारियां वायरल होती हैं। विशेषकर जब जानकारी महिलाओं के सेहत, कपड़ों, स्किन केयर से जुड़ी हो, तो वो और तेजी से वायरल होती है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पीरियड्स, वुमन कैंसर, वुमन डाइट और अंडरगारमेंट्स से जुड़ी कई जानकारियां हैं, जो मेडिकल कंडिशन के हिसाब से गलत हैं। लेकिन महिलाएं इन जानकारियों पर बिना कुछ सोचे-समझें विश्वास करती हैं और डर के कारण उन चीजों का इस्तेमाल कम कर देती हैं। महिलाओं के अंडरगारमेंट्स को लेकर भी सोशल मीडिया पर कई मिथक फैले हुए हैं, जो डर और असमंजस पैदा करते हैं। इस लेख में हम महिलाओं के अंडरगारमेंट्स से जुड़े ऐसे ही 5 दावों की सच्चाई जानेंगे गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से।
मिथक 1: टाइट ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
सच्चाई: डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, टाइट ब्रा पहनने से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता या ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, यह बात पूरी तरह से गलत है। अब तक ब्रेस्ट कैंसर पर जो भी रिसर्च नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट और अमेरिकन कैंसर सोसायटी जैसी संस्थाओं द्वारा की गई, उनमें ब्रेस्ट कैंसर के पीछे जीवनशैली, खानपान, जेनेटिक और हार्मोनल बदलावों को कारण बताया गया है। लेकिन ब्रा हमेशा शरीर के हिसाब से फिटिंग पहननी चाहिए। ज्यादा टाइट ब्रा पहनने से महिलाएं को खुजली, जलन और कई अन्य प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।
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मिथक 2 : ब्लैक ब्रा पहनने से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
सच्चाई : स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ब्लैक रंग या किसी अन्य रंग की ब्रा पहनने से कैंसर का खतरा बढ़ता है, यह बात पूरी तरह से मिथक है। ब्रा के रंग और कैंसर के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है। कैंसर शरीर में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण होता है, न कि कपड़ों के रंग से।
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मिथक 3 : काली पैंटी पहनने से पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
सच्चाई :सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज और पोस्ट मौजूद हैं, जो इस बात का दावा करते हैं कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान अगर काले रंग की पैंटी का इस्तेमाल करें, तो इससे उन्हें हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। इस बारे में डॉक्टर का कहना है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग हार्मोनल परिवर्तन, गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) के टूटने और व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारकों पर निर्भर करती है। किसी विशेष प्रकार के पैड या पैंटी के कलर से पीरियड्स में होने वाली ब्लीडिंग का कोई कनेक्शन नहीं है। पीरियड्स या सामान्य दिनों में भी महिलाएं बिना किसी झिझक के अपनी पसंदीदा कलर की पैंटी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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मिथक 4: रात में ब्रा पहनकर सोने से स्तनों का आकार छोटा हो जाता है।
सच्चाई:यह दावा भी पूरी तरह से गलत है। किसी भी महिला के स्तनों का आकार उसके जेनेटिक, हार्मोनल बदलाव और शारीरिक संरचना पर निर्भर करता है। कुछ महिलाएं सपोर्ट के लिए रात में हल्की और सॉफ्ट ब्रा पहनना पसंद करती हैं, जबकि कुछ बिना ब्रा के सोना पसंद करती हैं। महिलाओं को रात में ब्रा पहनकर सोना चाहिए या नहीं यह महिला का व्यक्तिगत फैसला है।
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मिथक 5: सिंथेटिक फैब्रिक की ब्रा से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है।
सच्चाई :अब तक कोई ऐसी रिसर्च नहीं आई है, जो यह साबित करे कि सिंथेटिक फैब्रिक से बनी ब्रा पहनने से किसी महिला की फर्टिलिटी पर किसी प्रकार का कोई असर पड़ता है। ब्रा का मुख्य काम महिलाओं के स्तनों को आराम और सपोर्ट देना है। हालांकि, महिलाओं की त्वचा के लिए सिंथेटिक फैब्रिक की बजाय कॉटन की ब्रा ज्यादा आरामदायक और मुलायम होती है।
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निष्कर्ष
महिलाओं के अंडरगारमेंट्स को लेकर कई तरह के मिथक इंटरनेट पर वायरल होते रहते हैं, लेकिन इन पर भरोसा करने से पहले डॉक्टर से बात जरूर करें। किसी भी प्रकार की ब्रा या पैंटी से आपको बीमारी तभी हो सकती है, जब उनकी साफ-सफाई और इंफेक्शन मुक्त होने का ध्यान न रखा जाए।