Myths and Facts about Female Condom in hindi: आज के आधुनिक युग में महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। बात चाहे तारों को छूने की हो या फिर अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने की, आज के दौर में महिलाओं के वापस भी कई सारे विकल्प मौजूद हैं। पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी आज यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करती हैं। फीमेल कंडोम, को "फीमेल प्रोटेक्शन" और आंतरिक कंडोम के तौर पर भी जाना जाता है। फीमेल कंडोम सिर्फ अनचाहे गर्भधारण से नहीं बचाता है, बल्कि यौन संचारित रोगों को भी रोकने में मदद करता है।
अफसोस की बात तो यह है कि डिजिटल जमाने में भी फीमेल कंडोम से जुड़े कई मिथक सोशल मीडिया पर फैले हुए हैं। जिसकी वजह से कई महिलाएं इसे अपनाने से हिचकिचाती हैं। इस लेख में फीमेल कंडोम से जुड़े ऐसे ही 5 मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं। इस विषय पर अधिक जानने के लिए हमने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल्स की सेंटर हेड और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका सुहाग से बात की।
मिथक 1: फीमेल कंडोम का इस्तेमाल मुश्किल है।
सच्चाई:डॉ. प्रियंका सुहाग का कहना है कि फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान काम होता है। फीमेल कंडोम हल्का और लचीला होता है, जिसे संबंध बनाते समय योनि के अंदर आसानी से डाल जाता है। हालांकि कुछ महिलाओं को शुरुआती दिनों में फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करने में मुश्किल आ सकती है, लेकिन इसके रेगुलर इस्तेमाल से महिलाओं को यह आसान लगने लगता है।
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मिथक 2 : फीमेल कंडोम, मेल कंडोम की तरह प्रभावी नहीं है।
सच्चाई : स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की मानें, तो ज्यादातर महिलाएं इसी कारण से फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करने से कतराती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पुरुष कंडोम जितना प्रभावी नहीं होगा। लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके विपरीत है। फीमेल कंडोम का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह प्रेग्नेंसी को रोकने में 90 से 95 प्रतिशत तक प्रभावी होती है। साथ ही, यह एचआईवी और अन्य यौन संचारित संक्रमणों (STIs) से भी बचाव करने में मददगार होता है।
मिथक 3 : फीमेल कंडोम सेक्स के दौरान फिसल जाता है।
सच्चाई: इस दावे में थोड़ी सी भी सच्चाई नहीं है। फीमेल कंडोमको अगर सही तरीके से पहना जाए, तो यह अपनी जगह पर टिका रहता है और सुरक्षित रूप से काम करता है। फीमेल कंडोम के बाहरी छोर पर एक रिंग होती है, जो इसे योनि पर टिकाए रखती है।
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मिथक 4 : फीमेल कंडोम महंगा होता है।
सच्चाई :यह कुछ जगहों पर पुरुष कंडोम की तुलना में थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन यह कई स्वास्थ्य संगठनों और सरकारी योजनाओं के जरिए महिलाएं इसे फ्री में भी प्राप्त कर सकती हैं। फीमेल कंडोम को सस्ती दरों पर प्राप्त करने के लिए महिलाएं नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर सकती हैं।
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मिथक 5 : फीमेल कंडोम को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
सच्चाई :पुरुष कंडोम की तरह की फीमेल कंडोम को भी सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे दोबारा इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हर बार नया कंडोम इस्तेमाल करना ही यौन संचारित रोगों को रोकने का सही तरीका है।
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निष्कर्ष
फीमेल कंडोम महिलाओं के लिए अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने का एक सही विकल्प है। यह पुरुष कंडोम के समान ही प्रभावी और सुरक्षित है। आज के जमाने में फीमेल कंडोम से जुड़े मिथकों को दूर करना जरूरी है, ताकि महिलाएं बिना किसी हिचक और डर के इसका इस्तेमाल कर सके।